Saturday, April 19, 2008

Do you believe in Ghost??

कल... नहीं-नहीं आज सुबह जब आफिस से लौटा तो सुबह के ३:३० हो रहे थे.. मैंने इससे पहले कभी इतना समय कार्यालय में नहीं बिताया.. पिछला पूरा सप्ताह कुछ ऐसे बिता जैसे अपनी कोई निजी जिन्दगी ही ना हो.. उधार पर दे रखा हो अपनी कम्पनी वालों को.. पूरे १९ घंटे लगातार कंप्यूटर के मानीटर पर नजर गड़ा कर देखते जाना.. पहले Code को Code Coverage और Ultra Edit नामक Tool से Check करना की कितना प्रतिशत इस प्रोग्राम का Code Execute हो रहा है और अगर नहीं हो रहा है तो क्यों नहीं हो रहा है.. फिर उसका Documentation करना..

अनायास मुझे एक चुटकुला याद आ रहा था.. जिसमे सांभा आज के IT युग में गब्बर से कहता है की सरदार मैंने आपका Code लिखा है और गब्बर जवाब में कहता है की ले अब Documentation कर..

खैर वो भी एक दुस्वप्न की तरह गुजर गया लगता है, या फिर मैं गलत हूँ? मुझे तो पक्का यकीन है कि मैं गलत हूँ.. मैंने अपने अभी तक के कंप्यूटर कैरियर में तो यही पाया है कि अगर किसी के पास काम है तो बहुत है या फिर नहीं है तो वो किसी निकम्मे कि तरह बैठा रहता है..

कल रात एक मजेदार घटना भी घटी.. जब मैं और मेरा बास (Project Leader) बैठ कर काम कर रहे थे तभी मेरे Cubical के पास वाले ट्यूब लाईट का कवर निकल कर गिर गया.. उस समय रात के २ बज रहे थे और मेरे पूरे फ्लोर पर मैं और मेरे बास के अलावा कोई नहीं था.. मैं और मेरा बास एक दूसरे को देख कर बस मुस्कुरा दिए और फिर काम में लग गए.. थोडी देर बाद मैंने काम करते-करते अपने Project Leader से कहा, "Srini(his name), do you believe in GHOST?" वो अजीब तरह से मुस्कुराते हुए (या यूं कहें घूरते हुए मुस्कुरा कर) बोले, "At this time do you want to make fun? Still do you have that much energy?" मैंने कुछ नहीं कहा बस मुस्कुराया और फिर से काम में लग गया.. लगभग १५ मिनट के बाद उन्होने कहा, "Yeh!! I believe..." शायद तभी से उनके मन में बस यही चल रहा होगा..:D या शायद मैंने उन्हें डरा दिया.. जो भी हो मुझे तो मजा आ गया.. ;)

Keywords : Project Leader, Documentation, Office, Code Coverage, Cybernet-Slash Support Chennai, Ultra Edit.

5 comments:

  1. प्रेत का पता नहीं। पर अज्ञात तो है ही!

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  2. बिल्कुल होता है जी अपनी इन्ही आंखो से देखा और कानो से सुना है :-)
    हमारी क्लास में पढता था, उसका नाम विकास तायल था सब उसे भूत कहते थे |

    वैसे असली वाला भूत देखना हो तो उसका भी जुगाड़ है |

    घर पे भूत बुलाने का जुगाड़:

    १) अपने पलंग (लकडी का होना चाहिए) के चारों पाओ को एक एक ईंट पर चढा कर जमीन से ऊंचा कर दो |
    २) पीले रंग की मिठाई चारो पाओ के नजदीक रख के, चारो पाओ के पास ३-३ अगरबत्ती जलाकर रख दो |
    ३) अपने कमरे में से बल्ब और ट्यूब्लाईट निकाल के रख दो, जिससे चाहकर भी रोशनी न हो सके |
    ४) अपने तकिये के ठीक नीचे चौराहे से लाये हुए, १३ कंकड़ रख लो |
    ५) सोने से पहले, चुडैल, भूतिया हवेली या दो गज जमीन के नीचे टाईप की एक पिक्चर जरूर देखो |

    ये सब करो, और डर को मन से बिल्कुल निकालकर सो जाओ (रात में) , भूत के दर्शन होने की मेरी गारंटी |

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  3. आज के समय में तो भूतो से ज़्यादा इंसान ख़तरनाक हो गये है..

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  4. Bhut hotey hai ki nahi keh nahi sakti
    per aapka blog kafi achcha hai :)

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  5. भूतों के मेले में गया था बस एक बार...तभी देखा था. :)

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