Wednesday, April 01, 2009

अप्रैल फूल नहीं बना रहा हूं, सच्ची में टांग टूट गया :(

अप्रैल फूल नहीं बना रहा हूं, सच्ची में टांग टूट गया.. एक फ्रैक्चर पैर के कानी अंगुलीवाली हड्डी में हो गया.. शनिवार की रात एक ऑटो वाले ने ठोंक दिया और हो गया मेरा पैर शहीद.. मेरे दोस्तों और मेरा भला चाहने वाले भी खुश.. वाह!! फिर से मौका मिला है अपना शोक अदा करने का.. तो चलिये पूरी घटना जरा विस्तार से जानते हैं.. अपनी इस अकेली टांग को ब्लौग में टांग ही देते हैं.. जिससे आने वाली हिंदी ब्लौग पीढ़ी हमेशा याद रखे की एक थे पीडी और एक था उनका टूटा टांग.. इस बेचारे टांग को हिंदी ब्लौग जगत में अमर करने में मेरी सहायता करें..

चलिये जानते हैं कि इस पर लोगों की प्रतिक्रिया किस-किस तरह की रही..

सबसे पहले तो यह बता दूं कि यह एक्सिडेंट शनिवार रात को हुयी.. और जब रविवार को मेरा मित्र विकास मेरा नंबर अस्पताल में लगाने गया तो उसे पता चला की आज बस इमरजेंसी केस ही देखा जाता है.. सुनकर मन में ख्याल आया, "मतलब अगर किसी को डाक्टर की जरूरत रविवार को हो तो सबसे पहले वो अपने साधारण केस को इमरजेंसी का केस बनाये फिर अस्पताल का रूख करे.. तो इस हिसाब से मुझे ऑटो से नहीं ट्रक से ठुकवाना चाहिये था.."

मेरी भाभी ने मुझे चिढ़ाते हुये कहा की शादी कर लिये होते तो वहां पर सेवा करने के लिये कोई तो होता? यह सुनते ही मुझे बचपन की एक बात याद आ गयी.. छुटपन में जब पापाजी बोलते थे की सेवा कर दो तो हम तीनों भाई-बहन उनके पैर पर चढ़ कर उछल-कूद मचाने लगते थे.. ये सोचकर ही मेरी रूह तक कांप गयी.. ना भाई ना.. टूटे टांग की कोई ऐसे सेवा करे उससे अच्छा तो हम खुद ही अपनी देखभाल कर लेंगे.. ;) शादी-वादी से हम दूर ही भले.. :)

मेरे एक सहकर्मी ने मुझे सुझाया की किसी अस्पताल में एक रूम खरीद ही लो.. बार-बार के झंझट से छुटकारा मिल जायेगा.. उनकी इस बात पर हम गहण विचार-विमर्श कर रहे हैं.. फिलहाल हम अपना फैसला सुप्रीम कोर्ट की तरह सुरक्षित रखे हुये हैं..

मेरे बॉस ने अपने बॉस वाले स्टाईल में ही मुझसे डेडलाईन की मांग कर बैठे.. मैंने उन्हें कहा कि वो अनालिसिस खत्म होने पर ही आपको दे सकूंगा.. उससे पहले टाईम एटीमेशन कैसे कर सकता हूं.. वो दर असल मेरी टांग के ठीक होने का टाईम एटीमेशन नहीं मांग रहे थे.. उनका कहना था की ऐसे ही जल्दी-जल्दी एक्सीडेंट करते रहे तो जल्द ही फिजिकल डिसेबल्ड वाला सर्टिफिकेट बनवा ही लोगे.. उससे बहुत सारे फायदे भी होंगे.. सो जल्दी से अपना डेड लाईन फिक्स कर ही लो.. ;)


कई मित्रों द्वारा बधाई संदेश भी आया.. पहली हड्डी टूटने की बधाईयां दे रहे थे.. वहीं मेरा एक मित्र जो यद-कदा अपनी हड्डियां तोड़ता ही रहता है वो दुखीः था.. अब वो अकेला जो नहीं रह गया है.. अब इस क्लब में मैं भी जो शामिल हो गया हूं..

पहले सोचा था कि अबकी बार जो टांग टूटा है, उसके बारे में मैं ब्लौग पर नहीं लिखूंगा.. सिर्फ अनूप जी और लवली को बताया था.. बस इतना ही काफी था और सभी को पता चल गया.. तो मैं भी इसका फायदा उठाते हुये एक पोस्ट का जुगाड़ कर लिया.. फिलहाल पैर को हवा में लटका कर ऑफिस का काम कर रहा हूं.. :)

24 comments:

  1. वैसे मन तो था नहीं टिपियाने का, लेकिन जब आप ने पैर पकड़ ही लिए हैं तो टिपिया भी देते हैं.

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  2. यार ये तो इमोशनल अत्याचार है.. और टांग भी कहां टूटी है आपकी तिल का ताड़ मत बनाओ ऊंगली में ज़ख्म हुआ है। बेकार मे दिल पे ले रहे हो। .. चलो उठो दौड़ो और तब तक मत रुको जब तक पैर सचमुच न टूट जाएं

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  3. मैंने किसी को नही बताया ..फुरसतिया जी ने बताया होगा मुझे कहाँ फुर्सत है कानाफूसी करने की.... देख कर अच्छा लगा की आप नेट मोह टूटी टांग के बावजूद भी नही छोड़ पा रहे हैं

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  5. अस्पताल में आप एक परमानेंट रुम ही बुक करवा लें। यह अधिक सस्ता पड़ेगा।

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  6. भाई ये तो पक्का है कि आप अपरेल फ़ूल नही बना रहे क्योंकि सूबह से ये बनते बनते पेट भर गया है.:)

    तांग आपकी अवश्य टूटी है इसकी हमारे पास पुख्ता खबर है. आज ऐसा करते हैं कि आपकी इस टांग को प्रणाम करते हैं जो बेचारी घायल और टूटी फ़ूटी हालत मे भी आपको ब्लागिंग ब्लागिंग खेलने दे रही है.:)

    रामराम.

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  7. टांग की फोटो दिखाओ!

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  8. टांग की फोटो चाहिए ।
    फौरन दिखाओ ।
    वरना.....:D

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  9. लवली कुमारी जी ,ताऊ रामपुरिया जी और ज्ञानदत्त पाण्डेय जी के ही पदचिन्हों पर चल रहा हूँ ,भैया सुबह से कई गंभीर धोखे हम लोग खा चुकें हैं इस लिए आप सत्यापित करिए कि आप की टांग टूटी है ,फिर संवेदनाएं ब्यक्त करेंगे .

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  10. भाई मेरे आराम करो.ओर पक्का प्लास्टर लगवाना .डॉ को पूरी फीस देना ओर नर्स से दूर रहना .

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  11. अरे बाप रे तो भाई एक बात तो बताओ कि आपको पैर में चोट की मुबारकबाद दें या अफशोस जाहिर करें बताना ताकि फिर हम आपको मुबारकबाद या अफशोस जाहिर करें

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  12. चिट्ठा चर्चा में विवेक जी ने बताया कि फिर से आपके पैर में चोट लग गयी है ... आप अप्रैल फूल नहीं मना रहे ... आप जल्‍द ठीक हो जाएं ... यही कामना है।

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  13. वैसे तो कैमरा लेके खडे रहते हो, अब बिना फ़ोटो की पोस्ट लगा रहे हो तो भैया कौन यकीन करेगा। हम तो नहीं करते....

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  14. कल फिर से यही पोस्ट लिखना, फिर सहानुभूति व्यक्त करूंगा.

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  15. yaae prashant tum kitni baar taang tudvaoge.....kisi doctor ladki se shadi kar lo jaldi se ....agar uski maar khaa kar kahin toot phhot hui to doctor bhabhi ji use sahi bhi kar diya karengi

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  16. माफ़ करना अपने पचडों में फंसे रहे हाल भी नही पूछ पाये और भैया तुमने भी नहीं बताया। अभी पोस्ट देखी तो पता चला कि फ्रैक्चर है।

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  17. डाक्टर की सलाह मानिये और कुछ करिये न करिये नर्स से तो दूर ही रहिये।

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  18. हम मान ले रहे हैं कि सही में पैर में चोट लगी है। अब इलाज जम के करवाओ। डा. अनुराग की राय से इत्तफ़ाक नहीं रखता (नर्स के पास मत आना) उनकी यह सलाह दरकिनार करके बकिया सब मान लो!

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  19. एक डाक्टर को यह कहना शोभा नहीं देता कि नर्स से दूर रहना !

    नर्स से दूर रहना होता पैर क्या अप्रैल फ़ूल बनाने के लिए तुड़वाया था ! समस्ते नहीं हैं यार !

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  20. कभी लिखने के लिये कुछ भी न सूझे तो भी कम से कम तीन पोस्ट तो सुरक्षित हैं क्योंकि एक एक कर के दूसरी टांग और दोनों हाथ भी तुड़वा सकते हो।

    बहुत अच्छा लिख रहो हो।

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  21. पहले ही वॉर्निंग दिए थे हम.. देखा अब टूट गयी ना टाँग.. चेन्नई जाकर तुम भी टाँग टूट गया बोलने लग गये.. खैर ब्लॉगिंग का यह ईटो मज़ा है.. टाँग भी टूट जाए तो बंदा खुश कि चलो एक पोस्ट का तो जुगाड़ हुआ..

    वैसे विवेक भाई के चक्कर में मत आना पहले भी कई लोगो को नर्सो से पिटवा चुके है.. :)

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  22. छुटपन में जब पापाजी बोलते थे की सेवा कर दो तो हम तीनों भाई-बहन उनके पैर पर चढ़ कर उछल-कूद मचाने लगते थे.. ये सोचकर ही मेरी रूह तक कांप गयी.. ना भाई ना.. टूटे टांग की कोई ऐसे सेवा करे उससे अच्छा तो हम खुद ही अपनी देखभाल कर लेंगे.. ;) शादी-वादी से हम दूर ही भले.. :)

    ये तो सोलह आने सही बात है....खैर आप अपनी टांग की देखभाल करिए!

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  23. उगंली की देखबाल करे . पंगा ना ले . टांग तुडा कर भली भाति चैक करले डाकटर से कराले तभी हमे बताये . हम तो बडी सारी सहानूभूति लेकर पोस्ट पढ रहे थे . ढेर सारी गंभीरता ओढ कर बैठे थे जनाब हम तो लेकिन आपने उंग्ली जैसे ही कहा . सारी सिमपैथी हवा हो गई
    अगर वहा टांग ना टूट पा रही हो दिल्ली पधारे यह हमारे कई जानकार है जो ठेके पर टांग तोडते है माना कि वोह चुनाव मे व्यस्त है लेकिन थोडे से ज्यादा पैसे और हमारी सिफ़ारिश से मान जायेगे आपकी हसरत पूरी हो जायेगी . :)

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  24. च च फिर क्या हो गया ..ध्यान से सही जगह सही रास्ते पर नजर रख कर चला करो भाई :)

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