नयी सुबह
नया जोश
नयी उमंग
नये लोग
नये चेहरे
नये सपने
नयी उदासी
नये कहकहे
नयी खामोशी
नयी खबरें
नया एकाकीपन
हर चीज नया
मानों जिंदगी फिर मजाक उड़ा गई हो..
पापा जी को पैर दबवाने की आदत रही है. जब हम छोटे थे तब तीनों भाई-बहन उनके पैरों पर उछालते-कूदते रहते थे. थोड़े बड़े हुए तो पापा दफ्तर से आये, ख...
kya yaar! saal ke pahle din aisi post thode likhte hain.
ReplyDeletenaya hamesha kuch behtar hone ki ummid liye aata hai, postive note par shuru karo.( jyada lecture ho gaya lagta hai :P)
nav varsh mangalmay ho!
और पुराने कहाँ गए पी डी भाई ? इट्स नाट फेयर !
ReplyDeletehappy new year
ReplyDeletePD bhai....
main aapki posts read nahi kar pa raha hun....
font ki problem hai....
solution maloom ho to batana....
इस अन्दाज मे भी छा गये भाई।
ReplyDeleteरामराम।
व्यस्त रहा, बात न कर पाया कल कोशिश करता हूँ।
ReplyDeleteनए वर्ष की बहुत बहुत शुभ कामनाएँ। नयी बुलंदियाँ मिलें।
अंधेरे में उजाले की किरण साफ नजर आ रही है, PD नये साल की शुभकामनायें।
ReplyDeleteनया एकाकीपन
ReplyDeleteहर चीज नया
मानों जिंदगी फिर मजाक उड़ा गई हो..
बहुत सही लिखा .पर फ़िर भी उम्मीद पर दुनिया कायम है ..