इस साल कि शुरूवात मैंने एक तकनिकी चिट्ठे बनाने के साथ की थी.. पहले महीने बेहद जोश के साथ लिखता रहा, मगर बाद में कुछ अन्य कारणों से नहीं लिख पाया.. उम्मीद करता हूं कि इस साल उसे फिर से जीवंत कर सकूंगा..
इन सबके अलावा मैंने एक और चिट्ठा शुरू किया जिसका मैं लगभग दिवाना सा हूं.. जी हां, कामिक्स चिट्ठा.. अभी हाल-फिलहाल में इस पर लिखना भी काफी हद तक बंद है.. यह एक कम्यूनिटी चिट्ठा मैंने बनाया था.. जिस पर कोई भी अपने बचपन कि कामिक्स या कहानी की किताबों से जुड़ी यादें बांट सकता है.. यूं तो कई लोग इस चिट्ठे के सदस्य हैं मगर अभी तक मेरे अलावा बस आलोक जी ही इसके मुख्य लेखक में से हैं.. इनके लेख हमेशा जानकारी से भरे हुये होते हैं.. महीने में एक या दो पोस्ट ही करते हैं मगर काफी छानबीन करने के बाद इनका पोस्ट आता है..
कुछ चिट्ठाकार जिनसे इस साल संपर्क में आया -
इस साल कुछ चिट्ठाकार के व्यक्तिगत तौर पर संपर्क में भी आया.. इसमें सबसे प्रमुख नाम लवली, दिनेश जी, पंगेबाज जी, अजित वडनेकर जी, कुश, अभिषेक ओझा, पूजा उपाध्याय, अनिता जी, युनुस जी, विकास कुमार, शिव जी हैं.. चलिये एक एक करके इनके बारे में भी बताता हूं..
लवली - इससे कैसे बात होनी शुरू हुई मुझे याद नहीं, मगर यह मेरी नेट बहन है.. अब यह मत पुछियेगा कि नेट बहन क्या होता है.. असल में हुआ यह कि रक्षा बंधन से पहले इसने मुझसे मेरा पता मांगा, और चूंकी मैं उस समय घर(पटना) जा रहा था सो मैंने पटना का पता दे दिया.. मेरे घर पहूंचने से पहले इसकी राखी घर पहूंच गई थी.. मेरी मम्मी लवली को जानती नहीं थी, मैंने कभी चर्चा ही नहीं किया था, सो उन्होंने पूछा कि कौन है ये? मेरा उत्तर था कि नेट बहन है.. मम्मी बेचारी हैरान परेशान कि नेट फ्रेंड के बारे में तो सुना है, मगर नेट बहन क्या होता है? और तब मैंने लवली के बारे में मम्मी को बताया.. मैंने उन्हें बताया कि यही स्वभाव है हिंदी ब्लौगिंग का.. यहां बस नेट फ्रेंड ही नहीं नेट अंकल, नेट आंटी और नेट भाई-बहन भी बनते हैं.. :)
(एक बार लवली से उसकी अच्छी सी तस्वीर मांगी थी तो उसने यह तस्वीर दी.. यूं तो मेरे पास उसकी अच्छी वाली तस्वीर है मगर मैं यहां यही लगा रहा हूं..)
दिनेश जी - मुझे इनसे सबसे पहले हुई बात याद आती है जब मैंने इन्होंने वेताल कि कामिक्स के प्रति अपनी रूची प्रकट की थी और मैंने इन्हें वेताल कि एक कामिक्स मेल भी किया.. खैर तब कि बात है और आज कि बात है.. आज मुझे जब भी मार्गदर्शन की जरूरत होती है मैं इनसे जरूर संपर्क करता हूं और कभी निराश नहीं होना पड़ा है मुझे.. हमेशा एक अभिभावक कि तरह इन्होंने मेरा मार्गदर्शन किया है..
पंगेबाज अरूण जी - इनसे जीमेल के चैट द्वारा बात शुरू हुई और 14 अगस्त को इनसे मुलाकात भी हुई.. उससे पहले बाकलमखुद में इनके बारे में पढ़कर इनकी जिजिवशा का मैं कायल पहले ही हो चुका था.. जब इनसे मुलाकात हुई तब इनके दिलखुश मिजाज और सेंस ऑफ ह्यूमर का भी मैं कायल हो गया..
अजित वडनेकर जी - इनसे पहले कभी बात नहीं हुई थी और कभी कोई मेल भी नहीं हुआ था.. मगर संयोग ऐसे ही तो बनता है.. जिस दिन(14 अगस्त) मुझे दिल्ली में ब्लौगवाणी के कार्यालय में जाना था उसी दिन इन्हें भी हरिद्वार जाने के लिये दिल्ली आना था और ब्लौगवाणी के कार्यालय में मुलाकात हो गई.. मगर उसके बाद जब भी फुरसत में होता हूं और इन्हें ऑनलाईन देखता हूं तो इन्हें जरूर परेशान करता हूं.. कभी-कभी इन्हीं के अंदाज में इन्हें "जै जै" कह कर इनका अभिवादन भी करता हूं.. :)
अनिता जी - ब्लौग दुनिया में सबसे पहले किसी से मेरी बात हुई थी तो वो अनिता जी ही थी.. इन्होंने मुझे कमेंट करके मुझसे मेरा ई-मेल पता मांगा था और कुछ मेरे बारे में जानना चाहती थी.. ये वो दौर था जब हिंदी में कुल मिलाकर 1000 के आस-पास चिट्ठे ही हुआ करते थे और मुझे अनिता जी जैसे बड़े लोगों के चिट्ठे पर कुछ भी लिखने में संकोच भी खूब होता था.. जब इनसे पहली बार बात हुई तो खूब मजे में बात हुई.. बहुत अच्छा लगा था उस दिन..
युनुस जी - इनका चिट्ठा रेडियोवाणी जब इन्होंने शुरू किया था तबसे ही पढ़ता रहा हूं, मगर पहला कमेंट किया लगभग एक साल के बाद.. फिर मेल का आदान-प्रदान चालू हुआ.. और बाद में बाते भी हुई.. जब पहली बार इनसे बात हुई थी तब इनसे बात करके इनके व्यक्तित्व का इतना अधिक प्रभाव पड़ा था कि मैंने 2-3 पोस्ट इनके नाम से ठेल दी थी.. युनुस जी के बारे में मैं बस इतना ही कहूंगा कि, इनके जैसे व्यतित्व से मैं अपने जीवन में कम ही मिला हूं..
अभिषेक ओझा - जबसे इसने अपना चिट्ठा शुरू किया है तभी से मैं इसका चिट्ठा पढ़ता आ रहा हूं.. मुझे अभी भी याद है जब मैंने इसके चिट्ठे पर कमेंट किया था और सलाह दी थी कि इतना लम्बा-लम्बा पोस्ट ना लिखे, छोटा पोस्ट लिखें और रोचक लिखें तो लोग बड़े चाव से पढ़ने आयेंगे.. इन्होंने सहृदय मेरी बात स्वीकार की थी.. धीरे-धिरे कब इनसे फोन पर भी बाते होने लगी कुछ याद नहीं.. चाहे जो भी कहें मगर इनसे बात करना मन को बहुत भाता है..
विकास कुमार - इनका ब्लौग पढ़कर उसपर कमेंट बहुत दिनों तक किया है मगर बात कि शुरूवात कुछ यूं हुई जब इन्होंने मुझे जीटॉक पर चैट रीक्वेस्ट भेजा और पूछा था कि क्या मैं इनके स्कूल का मित्र तो नहीं.. मैं नहीं था.. फिर बातों का सिलसिला चलता ही रहा.. इनकी लेखनी मुझे हद दर्जे तक पसंद है.. जो भी लिखते हैं, बस छा जाते हैं..
कुश - इनसे बात शुरू कैसे हुई यह भी एक मजेदार घटना है.. एक दिन लवली का फोन आया और उसने मुझसे एक नामी चिट्ठाकार का नाम लेते हुये पूछा कि क्या आपने उसे मेरा नंबर दिया है? मुझे वह फोन करके परेशान कर रहा है.. मैंने मना कर दिया और उससे वो नंबर ले लिया जिससे उसे फोन आ रहे थे.. उस नंबर पर मैंने फोन किया तो पता चला कि कुश महाराज लवली को अपने नये नंबर से तंग कर रहे थे.. बेहद खुशमिजाज हैं यह.. कभी इनसे बात करके खुद ही देख लें..
पूजा उपाध्याय - जब यह अपने लिये स्कूटी खरीदने का सोच रही थी उस समय कुछ जानकारी लेने के लिये इन्होंने मुझे मेल किया और फिर पत्रों का आदान-प्रदान चलता ही रहा.. फिर पत्र कब जीटॉक चैट में बदल गया कुछ पता ही नहीं चला.. जब भी हम फुरसत में ऑनलाईन होते हैं तो खूब बातें होती है.. कभी फोन पर बात करने की जरूरत नहीं हुई सो कभी फोन पर बातें भी नहीं हुई.. मगर इनसे बात बिलकुल वैसे ही होती है जैसे किसी अच्छे मित्र के साथ होती है.. थोड़ा हंसी-मजाक, थोड़ा चिढ़ाना..
शिव कुमार मिश्र जी - लास्ट बट नाट लीस्ट.. कई बार इनसे बातें करने की इच्छा होती थी मगर हर बार संकोच कर जाता था.. सोचता था इतने बड़े ब्लौगर हैं, कैसे बात करूंगा.. मगर जो होना होता है वही होता है.. एक दिन लवली से बातें करते हुये इन्हें पता चला कि लवली के पास मेरा नंबर है और इन्होंने बिना संकोच के उससे मेरा नंबर लेकर मुझे फोन लगा दिया.. कितनी खुशी हुई मुझे मैं वह बता नहीं सकता.. फिर हमारी बातें होती ही रही.. हर विषय पर.. इनसे बातें करते वक्त समय का पता ही नहीं चलता है..
अब जब सब के बारे में लिख ही दिया है तो कुछ और लोगों को कैसे छोड़ दूं?
जी.विश्वनाथ जी - इनसे जब मिला तब इन्हें देख कर मेरे मन में पहली बात यही आयी, "60 साल के बूढ़े या 60 साल के जवान.." जी हां, इनके भीतर की उर्जा को देखकर कोई भी यही कहेगा.. जितने प्यार और अपनापन से यह मुझसे मिले वो एक यादगार क्षण ही है मेरे लिये.. इनके बारे में मैं पहले भी 3 पोस्ट लिख चुका हूं, सो ज्यादा जानकारी के लिये यहां, यहां और यहां पढ़ सकते हैं..
कुछ और भी हैं जिनका आशीर्वाद हमेशा मुझ पर बना रहता है, भले ही उनसे लगातार बातें हो या ना हो.. उनमें प्रमुख हैं मैथीली जी, मसिजीवी जी, शास्त्री जी और आलोक पुराणिक जी.. ताऊ जी का नंबर भी मुझे मिला है और मैं सोच रहा हूं कि नये साल में एक और मुलाकात आगे बढ़ाई जाये.. मतलब कल मैं उन्हें फोन करता हूं.. आखिर अगले साल के लिये भी तो कुछ चाहिये ना? :)
डा.प्रवीण चोपड़ा जी का नाम छूट गया था, सो क्षमापार्थी हूं..
चलिये आज का यह चिट्ठा बहुत लम्बा हो चुका है और मेरे पिछले पोस्ट से लेकर इस पोस्ट के बीच में मेरे चिट्ठे का मीटर भी 40,000 को पार कर गया है और मेरे इस पोस्ट को मिला कर पूरे 297 पोस्ट हो गये हैं.. चलते चलते ब्लौगवाणी के ऑफिस में लिया गया यह चित्र भी देखें..
आप सभी को नववर्ष कि ढ़ेर सारी शुभकामनायें.. :)
उम्मीद करते हैं की नए साल में आप की लिस्ट में हमारा नाम भी जुड़ जाएगा..आप की लिस्ट के बहुत से ब्लोगर अपनी भी पहचान के हैं...तो करते हैं इंतज़ार...तब तक
ReplyDeleteनव वर्ष की शुभकामनायें
नीरज
कच्चा चिट्ठा नहीं, यह तो पक्का चिट्ठा है भई!
ReplyDeleteआपको, आपके परिवार को पाश्चात्य नववर्ष 2009 की शुभकामनायें
आपको एवं आपके समस्त मित्र सबको नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाऎं| नया वर्ष आप के जीवन में खुशियों की बाढ लाये|
ReplyDeleteबहुत खूब!
ReplyDeleteयह हुई, चिट्ठाकारी की सालाना पोस्ट!
बधाई!
और
नए साल की ढ़ेर सारी शुभ कामनाएँ!
प्रसन्न रहें प्रसन्न रखें इस वर्ष भी ऐसे ही बंध कसें http://avinashvachaspati.blogspot.com/
ReplyDeleteबहुत लाजवाब तरीके से लिखा आपने अपने अनुभव को ! बहुत लाजवाब !
ReplyDeleteनये साल की घणी रामराम !
ब्लागवाणी के चित्र में और कौन कौन है ? क्रिपाया कर चित्र परिचय दें -मेरे चिट्ठाकार चर्चा स्तंभ की तो आपने बिजली ही गुल कर दी ..आपने उन कई शख्सियतों को ले लिया जो मेरे भी सेलेक्शन में हैं -अब उन्हें छोड़ दूँ क्या -आपने इतना अच्छा लिख ही दिया है !
ReplyDeleteआपको भी नववर्ष की मंगलमय कामनाएं !
बहुत खूब! नया साल आगे मुबारक हो!
ReplyDeleteछोटी सी दुनियाँ कितनी बढ़ती जा रही है, न?
ReplyDeleteApki pyari Si duniya aise hi badhati rahe....
ReplyDeletenav varsh ki shubhkamnaye.
@अरविंद मिश्रा जी - इन तस्वीरों में बायें से दायें लोगो के नाम हैं मसिजिवी जी, राजेश रौशन जी, मैथिली जी, अजित वडनेकर जी, 'पंगेबाज' अरूण जी, आलोक पुराणिक जी और मैं..
ReplyDeleteआपकी चिट्ठाकार चर्चा स्तंभ का अलग महत्व है.. यहां मैं संक्षिप्त परिचय ही दिया है.. आप तो पूर्ण विवरण देते हैं.. :)
@ज्ञान जी - जी हां, छोटी सी दुनिया का दायरा बढ़ता ही जा रहा है.. :)
क्या आंकड़े जमा किए हैं भइया मुझे तो यह भी याद नही रहता की आखरी पोस्ट मैंने कब लिखी.वैसे सच में इसे कहतें हैं सालाना पोस्ट :-)
ReplyDeleteभाई प्रशांत जी, गुड मोर्निंग मतलब नमस्कार.
ReplyDeleteआपके अनुभव तो मैंने बड़ी ही तल्लीनता से पढ़े हैं. एकदम मस्त लगे. जिन ब्लोगरों से आपने बात की है, उनमे से "खुश (कुश)" जी से मैंने भी की है. उम्मीद करता हूँ कि आपसे भी बात करने का मौका मिले.
तो इसके लिए आपको करना क्या होगा, ये मैं बताता हूँ. मैं इस टिप्पणी के नीचे अपनी ईमेल आईडी लिख रहा हूँ. आप को बस करना ये है कि अपना फोन नंबर इस आईडी पर भेज दें. फिर देखना थोडी ही देर में आपके पास 9720...... से शुरू होने वाले नंबर की मिस कॉल आयेगी. इसे सेव कर लेना. और कभी भी (रात को दस बजे के बाद व सुबह नौ बजे से पहले छोड़कर) बात कर लेना. मैं आपकी कॉल का इंतज़ार करूंगा. धन्यवाद.
ईमेल:
neeraj_panghal2008@yahoo.com
वाकई छोटी सी दुनिया बहुत बड़ी हो गयी है... ईश्वर से प्रार्थना है ये और बड़ी होती जाए.. आशा करते है अगले साल इस पोस्ट में कई नाम और जुड़े...
ReplyDeleteशुभकामनाए
आपकी दुनिया और समृद्ध हो २००९ में.. शुभकामनाऐं!!
ReplyDelete
ReplyDeleteयह कच्चा चिट्ठा है ?
पक्का चिट्ठा प्रकाशित होने की प्रतीक्षा में..
नूतन वर्ष के पदापर्ण पर तुम्हारा एवं बाबूजी माँ सहित सभी का हार्दिक अभिनंदन !
बहुत अच्छी पोस्ट लिखी है। मेरा भी नेट मित्रों व ब्लॉगर मित्रों का अनुभव अच्छा रहा है। मित्रों की कतार में हम भी खड़े हैं। :D
ReplyDeleteनववर्ष की शुभकामनाएँ ।
घुघूती बासूती
इस साल और भी ज्यादा ब्लॉगरों से मिलना हो...नया साल मुबारक.
ReplyDeletebahut achhi post rahi,naya saal bahut mubarak aur aate samay mein aur khub se naye net dost jude yahi shubaashish.
ReplyDeletemujhe bhool gaye :P
ReplyDeleteachha laga ye dekhkar...adhiktar loko ke baare mein pata tha...kush ji ka bomb wala comment padhke unke swabhaav ka andaaza ho raha tha :D
naya saal mubarak ho
बधाई!
ReplyDeleteआप सभी का प्यार मिला.. बहुत अच्छा लगा.. बहुत-बहुत धन्यवाद.. :)
ReplyDelete@ सजल - अरे भाई, मैं तुम्हारे बारे में यहां नहीं लिखा क्योंकि तुमसे तो मैं ब्लौग में आने से पहले ही मिल चुका था.. तो तुम मेरे ब्लौगिया यार थोड़े ही हुये? :)
फोटू साथ में नहीं घिचाए तो क्या हुआ, हम भी तो है तुम्हारे,दिवाने ओ दिवाने। कुछ ज्यादा हो गया क्या, लोग सोचेंगे नेट पर ही दोस्ताना-दोस्ताना खेल रहा है लेकिन मैं तुम्हें ब्लॉगर दोस्त मानता हूं। बताते कि दिल्ली में हो तो हम भी लाइन में आकर घिचा लेते।
ReplyDeleteकिंचित पारिवारिक व्यस्तताओं के चलते विगत कुछ दिनों से ब्लॉगजगत में असक्रिय रहा, अतः क्षमाप्रार्थना. अब नियमित होने का प्रयास जारी है.
ReplyDeleteआपको एवं आपके परिवार को नववर्ष की हार्दिक मंगलकामनाऐं.
नियमित लेखन हेतु शुभकामनाऐं.
समीर लाल
उड़न तश्तरी
http://udantashtari.blogspot.com/
कुछ ऐसी ही शुरुआत और विकास यात्रा की इच्छा मेरी भी है। लेकिन लगता है इसमें बहुत मेहनत, प्रतिभा और समय की जरूरत है। मेरे पास ये तीनों ही शायद कुछ कम होंगे। लेकिन कोशिश जरूर आपके रास्ते पर ही चलने की है।
ReplyDeleteमेरे लिए तो प्रेरक पोस्ट है यह।
बहुत बढ़िया कोशिश है यह ..नए साल की बधाई
ReplyDeleteमैं बहुत देर से आया भाई. बहुत बहुत धन्यवाद दिये बिना रहा नहीं जा रहा. स्वीकारिये! न तो गिर जायेगा :)
ReplyDeleteअरे विकास भाई, आप तो अगले साल भी आकर बधाई देते तो भी हम लेकर रख लेते.. :)
ReplyDeletearey...ye post kaise miss ho gayi thi...actually ham chutti mare huye the new year par...aur rewind mode me bhi kuch posts nahin hi padh paaye...aaj nazar aaye.
ReplyDeletehmmm to ham bhi blacklisted ho hi gaye...thankyu ji :)