पहले पवन भैया का तीनों कार्टून जो रविश भैया छापे थे -
रविश भैया के चिट्ठवा से उड़ईले हैं ई.. ;)
और ई इरफ़ान भैया का कार्टून -
ई विरोध से उड़ाये हैं.. ;)
हम अपना पर्सनल बात किसी को बताते तो नहीं हैं, लेकिन यार-दोस्त से का छुपाना? पवन भैया से मिले हैं 3-4 बार.. मुन्ना भैया के साथ घर पर आते थे.. और 1-2 बार शायद प्रभात खबर(पटना बला) के ऑफिसवा में.. शायद एसप्लेंडर से.. देख के लगता नहीं था कि कहियो मुंह-कान धोते थे, दाढ़ीयो नहीं बना होता था.. लेकिन बात त खूब मजेदार करते थे.. अब ऊ समय बच्चा थे सो हमसे तो बच्चे जैसा बात करते थे.. और रही बात इरफ़ान भैया कि तो कहियो मौका मिला तो इरफ़ान भैयो से जरूर मिलेंगे.. :)
बहुत ख़ूब इरफ़न के ब्लाग पर जा चुका हूँ
ReplyDeleteभईया यह टुटे फ़ुटे इरफ़्रान भईयां तो ना ही है ना,एक इरफ़ान भाई थे जो खुब हमारे देवी देवताओ की फ़ॊटू चिपकाये रहता ,जिन पर हमार भाईयो को खेद आवत रहत, लेकिन यह भाईया तो खुब मजा लेत रहत, इब हम तो क्या मुकाबला करते इन भाई का, सो हम ने तो उस तरफ़ देखना ही छोड दिया, क्योकि हम तो सभी उस ऊपर वाले को एक ही मानते है, चाहे नाम अलग अलग हो, भाई अपनी अपनी समझ,
ReplyDeleteय इरफ़ान भाईया खुश रहै
धन्यवाद
दोनों की शैली भिन्न है। इरफान कार्टूनकार हैं तो पवन कार्टून कथाकार।
ReplyDeleteदोनों का अपना महत्व है।
बढिया जी. हमने भी मजा लिया पोस्ट का और टिपणियों का भी.
ReplyDeleteरामराम.
बहुत खूब !
ReplyDeleteirfan ke cartoon ka javab nahi .vaise ye laxman vala khelva suru kisne kiya.
ReplyDeletePrashant priyadarshi yani Appu? if yes then email me at gpat029@gmail.com. Gautam
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