पटना की सड़कें
आज कल मैं पटना की सड़कों की गर्द छान रहा हूं.. कह सकते हैं की मैं अभी चिट्ठाजगत से अवकाश ले रखा हूं, पर मैं जल्द ही वापस लौटूंगा और मेरे पास कहने को कई बाते होंगी.. तब-तक के लिये अलविदा..
पापा जी को पैर दबवाने की आदत रही है. जब हम छोटे थे तब तीनों भाई-बहन उनके पैरों पर उछालते-कूदते रहते थे. थोड़े बड़े हुए तो पापा दफ्तर से आये, ख...
0 टिप्पणी:
Post a Comment