कल सुबह से ही ये घमासान देख रहा हूं.. लोग तकनीकी समझ की कमी के कारण कुछ लोग इधर से चिल्ला रहे हैं मोहल्ला हटाओ, तो कुछ लोग उधर से चिल्ला रहे हैं भड़ास हटाओ.. अरे दोस्तों अगर किसी ब्लौग को हटाना इतना ही आसान होता तो कितने ही ब्लौग अभी तक ब्लौग जगत से गायब हो चुके होते.. और रही बात फ़्लैग करने की तो मेरे जैसों का क्या करोगे जिसने अपना टेम्प्लेट खुद ही बनाया है और फ़्लैग का आप्सन ही हटा दिया है?
मैं इस पचड़े में नहीं परना चाहता हूं की क्या सही है और क्या गलत.. मेरा यसवंत जी से भी अच्छे संबंध हैं और अविनाश जी तो मेरे अपने बड़े भाई हैं..
ये सब देखकर मुझे अपने कालेज के दिन याद आ गये हैं जब मेरी बैच में और मेरे जूनियर बैच के लड़कों में जम कर मारपीट हुई थी, मेरे बैच के कुछ लड़कों ने जूनीयर को बुरी तरह मारा था(वैसे गलती दोनों की ही थी).. और मेरे संबंध जूनीयरों से बहुत ही अच्छे थे और जिन लड़कों ने मारपीट की थी वे मेरे अच्छे मित्र थे.. उस मसले से मैंने खुद को बिलकुल अलग-थलग कर लिया था.. ना इनकी बात सुनता था और ना ही उनकी बात.. आज वो समय बीते बहुत दिन हो चुका है.. अगर मैं उस समय किसी की भी बात सुनता तो किसी एक पक्ष से मेरे संबंध खराब होने ही थे.. मगर आज भी मेरे संबंध दोनों ही पक्षों के लड़कों से अच्छे हैं..
वैसे आज मैं भड़ास और मोहल्ला दोनों का ही मेंबर हूं.. मैंने खुद ही दोनों को ज्वाईन करने की इच्छा जाहिर की थी और खुद किसी को छोड़ना नहीं चाहता हूं क्योंकि दोनो ही मुझे दो अलग तरह का प्लेटफार्म देता है अपनी बात कहने का.. अगर यसवंत जी या मेरे भैया दोनों में से किसी को भी लगता है मुझे उनके कम्यूनिटी बलुअग में नहीं रहना चाहिये तो मुझे कोई आपत्ति नहीं होगी..
मैं हर सप्ताहांत पर सारे ब्लौग को सेव करके एक ही बार में सारे ब्लौग पढता हूं.. और इस बार मुझे पढने के लिये बहुत मशाला मिल गया है.. चोखेरबाली, मोहल्ला, भड़ास, ज्ञान जी, समीर जी, अनिता जी, शिव जी.. बहुत सारे नाम हैं जिनके ब्लौग पढने में सच में आनंद ही आयेगा.. :)
अरे प्रशांत, आपने तो मेरा नाम भी लिख दिया. मुझे पता ही नहीं था कि आप मेरी पोस्ट भी पढ़ते हैं और पसंद भी करते हैं. भाई, ये बात जानकर खुशी हुई.....:-)
ReplyDeleteशिवकुमार जी खुश हुए और हमें दुखी होने का मौका मिल गया. :-)
ReplyDeleteजिस गलती को आपने स्कूल मे भी नही किया था उसे लोग आज भी कर रहे हैं. बात समझ ही रहे होंगे
ReplyDeleteबहुत आसान है आपके navbar को सामने लाना. कल ही संजय तिवारी जी को बताया था. ठीक वही आपके blogger template पर भी लागू होता है.
ReplyDeleteआभार..अभी से धन्यवाद कहे देता हूँ. :)
ReplyDeleteअरे काकेश जी, आप उदास ना होयें.. मैंने लिखा था ना की और भी कई नाम हैं.. उसमें आपका नाम सबसे उपर है.. दर असल उस समय मुझे जो भी नाम याद आ रहे थे वो मैंने लिख दिया था.. जैसे सारथी जी का भी नाम छूट गया, घुघुती जी का भी छूट गया.. अब मैं फ़िर से नाम नहीं गिनाऊंगा, नहीं तो फ़िर किसी को शिकायत हो जायेगी.. :)
ReplyDelete@ अनाम सिंह जी- आपका कहना सही है.. वो तरीका मैं भी जानता हूं.. मगर हिंदी ब्लौग दुनिया में कितने लोग ये जानते हैं.. वैसे भी नेट की दुनिया में कुछ भी संभव है.. सच्ची बात कहूं तो अगर मैं अपना Full Effort दे दूं तो किसी का ब्लौग हैक करना भी बहुत बड़ी बात नहीं है.. :)
वैसे भी कंप्यूटर की दुनिया में 10101 ही सबसे बड़ा लैंग्वेज होता है.. जो मुझे आती है.. :)
शिव जी, मैं आपका पोस्ट पढता ही नहीं हूं वरन उसका बेसब्री से इंतजार भी करता हूं.. मगर या तो समय की कमी या फिर शब्दों की कमी के चलते टिप्पणी शायद ही कभी दे पाया हूं.. जैसा की आलोक पुराणिक जी के साथ भी है.. :)
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