Saturday, December 06, 2008

क्या होगा इस देश का?

इस सप्ताह काम कर करके दिमाग खराब हो गया है.. हर दिन कम से कम 11 बजे घर पहूंचना चाहे जो भी जतन लगा लो.. अभी भी ऑफिस में ही हूं, पता नहीं कब घर जाऊंगा.. या जाऊंगा भी या नहीं.. मेरे जैसा योग्य युवक इस साधारण बग फिक्सिंग जैसे कार्यों में पहंसा हुआ है अब आप ही कहीये ऐसे में इस देश का क्या होगा? :D

ये लो, पोस्ट करने से पहले ही ए.सी. भी बंद कर दिया.. हद है भाई.. :(

Related Posts:

  • जन्म और मृत्युमेरे जन्म को लेकर  अफवाहें अपनी चरम पर हैं मगर मेरा जन्म  ठीक उसी दिन हुआ था जब मिला था  तुमसे पहली दफे अब मौत का दिन भी मुक़र्रर हुआ ह… Read More
  • और वह मरने कि हद तक जिन्दा रहा!!दो लोग अनिश्चितता की स्थिति में बैठे हुए थे.. एक ही बेंच पर.. दोनों अपने कोने को पकड़ कर, जैसे किसी समानांतर रेखा कि ही तरह कभी ना मिलने वाले.. यह एक … Read More
  • इकबालिया बयान ! - भाग एकबयान एक - मेरा नाम अदिति है. अब वो क्या है ना कि, जब भी मेरे प्रछांत मामू मेरे यहाँ आते हैं दिल्ली में तो ज्यादा टाईम मेरे साथ नहीं रहते हैं. बहुत थोड… Read More
  • मुट्ठी भर हवामुझे भरोसा था, तब भी और अब भी, कि मैं हवा को हाथों से पकड़ सकता हूँ. कई सालों से मैंने कोई कोशिश नहीं की, मगर फिर भी बचपन के उस भरोसे को नकारना नामुमक… Read More
  • भोरे चार बजे की चाय अब भी उधार है तुमपे दोस्त!!दिल्ली में पहली मेट्रो यात्रा सन 2004 में किया था, सिर्फ शौकिया तौर पर.. कहीं जाना नहीं था, बस यूँ ही की दिल्ली छोड़ने से पहले मेट्रो घूम लूं.. नयी नय… Read More

11 comments:

  1. इस सर्दी में भी ए सी आन है तो निश्चय ही यह प्रश्न उठेगा - क्या होगा इस देश [को]?

    ReplyDelete
  2. सी. एम. प्रसाद जी मद्रास में कहाँ सर्दियाँ?
    यही तो विडम्बना है। इस देश की कि कुछ लोग 18-20 घंटे काम कर रहे हैं और बहुत से बेरोजगार हैं। यह सस्ते में काम कराने का कंपनियों का गुर है। इस में बदलाव का कारण भी आप लोग ही बनने हैं। समय आने दो।

    ReplyDelete
  3. मेरे जैसा योग्य युवक इस साधारण बग फिक्सिंग जैसे कार्यों में पहंसा हुआ है अब आप ही कहीये ऐसे में इस देश का क्या होगा? :डी

    भाई बग फिक्सिंग भी कोई योग्य आदमी ही कर सकता है ! कोई ताऊ थोड़े ही करेंगे ? ठीक है भाई जब तक मजबूरी है फंसे रहो जब मौका मिले तब उनको भी देख लेना ! :)

    रामराम !

    ReplyDelete
  4. कुछ नही होने वाला इस देश का।जैसा चल रहा है,वैसा ही चलता रहेगा।

    ReplyDelete
  5. एक हम हैं कि आराम कर कर के थक गए हैं :-)

    ReplyDelete
  6. कोई बात नहीं, जब अयोग्य व्यक्ति देश चलाने लगें, तो बग फिक्सिंग योग्यों को ही करनी पड़ेगी.

    हमारी भोजपुरी में कहते हैं न- ' अ मुर्गा कटइहें ना त का हर जोतिहें?'

    ReplyDelete
  7. काम सिर्फ़ उतना करो जितना उचित है यानि आठ घण्टे, क्यो करते हो ज्यादा ??? निश्चय ही यह प्रश्न उठेगा - क्या होगा इस देश का ???
    केसा भी काम हो समय की हद होनी चाहिये, हम कमर तोड काम करने के लिये पेदा नही हुये...

    ReplyDelete
  8. देश ऐसे ही चकाचक चलता रहेगा!

    ReplyDelete
  9. जब इतनी चिन्‍ता की जा रही है और उसमें इतने लोग शरीक हो रहे हैं तो विश्‍वास कीजिए, अच्‍छा ही होगा ।

    ReplyDelete
  10. होगा वही जो मंजूरे खुदा होगा।

    ReplyDelete
  11. लेट है.. बग फिक्स हुआ क्या?

    ReplyDelete