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इस सप्ताह काम कर करके दिमाग खराब हो गया है.. हर दिन कम से कम 11 बजे घर पहूंचना चाहे जो भी जतन लगा लो.. अभी भी ऑफिस में ही हूं, पता नहीं कब घर जाऊंगा.. या जाऊंगा भी या नहीं.. मेरे जैसा योग्य युवक इस साधारण बग फिक्सिंग जैसे कार्यों में पहंसा हुआ है अब आप ही कहीये ऐसे में इस देश का क्या होगा? :D
ये लो, पोस्ट करने से पहले ही ए.सी. भी बंद कर दिया.. हद है भाई.. :(
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इस सर्दी में भी ए सी आन है तो निश्चय ही यह प्रश्न उठेगा - क्या होगा इस देश [को]?
ReplyDeleteसी. एम. प्रसाद जी मद्रास में कहाँ सर्दियाँ?
ReplyDeleteयही तो विडम्बना है। इस देश की कि कुछ लोग 18-20 घंटे काम कर रहे हैं और बहुत से बेरोजगार हैं। यह सस्ते में काम कराने का कंपनियों का गुर है। इस में बदलाव का कारण भी आप लोग ही बनने हैं। समय आने दो।
मेरे जैसा योग्य युवक इस साधारण बग फिक्सिंग जैसे कार्यों में पहंसा हुआ है अब आप ही कहीये ऐसे में इस देश का क्या होगा? :डी
ReplyDeleteभाई बग फिक्सिंग भी कोई योग्य आदमी ही कर सकता है ! कोई ताऊ थोड़े ही करेंगे ? ठीक है भाई जब तक मजबूरी है फंसे रहो जब मौका मिले तब उनको भी देख लेना ! :)
रामराम !
कुछ नही होने वाला इस देश का।जैसा चल रहा है,वैसा ही चलता रहेगा।
ReplyDeleteएक हम हैं कि आराम कर कर के थक गए हैं :-)
ReplyDeleteकोई बात नहीं, जब अयोग्य व्यक्ति देश चलाने लगें, तो बग फिक्सिंग योग्यों को ही करनी पड़ेगी.
ReplyDeleteहमारी भोजपुरी में कहते हैं न- ' अ मुर्गा कटइहें ना त का हर जोतिहें?'
काम सिर्फ़ उतना करो जितना उचित है यानि आठ घण्टे, क्यो करते हो ज्यादा ??? निश्चय ही यह प्रश्न उठेगा - क्या होगा इस देश का ???
ReplyDeleteकेसा भी काम हो समय की हद होनी चाहिये, हम कमर तोड काम करने के लिये पेदा नही हुये...
देश ऐसे ही चकाचक चलता रहेगा!
ReplyDeleteजब इतनी चिन्ता की जा रही है और उसमें इतने लोग शरीक हो रहे हैं तो विश्वास कीजिए, अच्छा ही होगा ।
ReplyDeleteहोगा वही जो मंजूरे खुदा होगा।
ReplyDeleteलेट है.. बग फिक्स हुआ क्या?
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