Wednesday, December 31, 2008

बड़ी शक्ति के साथ जिम्मेदारियां भी बड़ी हो जाती है

मैंने किसी चलताउ अंग्रेजी सिनेमा में एक डायलॉग सुना था, "बड़ी शक्ति के साथ जिम्मेदारियां भी बड़ी हो जाती है" जो मुझे बहुत सही भी लगा था.. मेरे पिछले लेख में मैंने जो कुछ भी लिखा वो सब एक जाने-माने साहित्यकार के बारे में लिखा था ना कि किसी साधारण व्यक्ति के बारे में.. हम हर दिन ना जाने कितने ही कानूनों को लोगों के द्वारा तोड़ते हुये देखते हैं.. क्या हम उन सभी को तवज्जो देते हैं? नहीं.. मगर जब वही काम किसी जाने माने प्रसिद्ध व्यक्ति द्वारा होते हुये देखते हैं तो तुरत पलट कर अपनी प्रतिक्रिया देते हैं.. कारण बस इतना ही है कि उनकी जिम्मेवारी भी बड़ी हो जाती है.. उन्हें समाज के सामने एक आदर्श के रूप में हम खोजने लगते हैं और जब वह हमे नहीं मिलता है तो क्षुब्ध भी होते हैं..

मेरे पिछले लेख पर कई लोगों ने अपने-अपने विचार व्यक्त किये.. कुछ निहायत ही डरपोक किस्म के व्यक्ति ने नकली प्रोफाईल के माध्यम से मुझपर व्यक्तिगत प्रहार भी किया.. जब मैं अपना वह लेख लिख रहा था तब मैंने अपने एक मित्र को कहा भी था कि देखना लोग कैसे अनाम बनकर या फिर नकली प्रोफाईल से मुझ पर व्यक्तिगत आरोप भी लगायेंगे.. हुआ भी बिलकुल वही.. आखिर इतने दिनो से हिंदी ब्लौगिंग में हूं तो इसकि नज्ब भी पहचानने लगा हूं..

अंत में कमेंट मॉडेशन के बारे में भी कुछ कहना चाहूंगा.. सुरेश चिपलूनकर जी और मुन्ना भैया(अविनाश दास जी) दोनों ही विचारों के मामले में दो अलग ध्रुव हैं, मगर फिर भी एक समानता है दोनों में कि दोनो ही चिट्ठों पर कमेंट मॉडेरेशन के पक्ष में नहीं हैं.. मैं इन दोनों के विचारों से शत-प्रतिशत सहमत कभी नहीं हुआ हूं, मगर शत-प्रतिशत असहमत भी कभी नहीं हुआ हूं.. मगर कमेंट मॉडेरेशन के मामले में मैं भी उसी विचार को मानता हूं जिससे यह दोनो ही सहमत हैं और मैंने भी मॉडेरेशन नहीं लगा रखा है.. अभी कुछ दिन पहले भी मेरे एक-दो पोस्ट पर बेहद घटिया टिप्पणी आयी थी, जिसका उत्तर तो मैंने वहां दे दिया था मगर उसे हटाया नहीं और ना ही कमेंट मॉडेरेशन लगाया.. मैंने अभी तक बस 2-3 कमेंट हटाया है जिसमें लिखे हुये शब्द मुझे किसी भी कीमत पर अस्वीकार है..

11 comments:

  1. नववर्ष की शुभकामनाएँ

    ReplyDelete
  2. मेरे ब्लाग पर भी अभी तक मोडरेशन नहीं है। होना भी नहीं चाहिए। लेकिन जब लोग बहुत ही बदतमीजी पर उतर आएँ तो उन की टिप्पणियाँ हटाना वाजिब है। वास्तव में टिप्पणीकार को टिप्पणी की तहजीब तो होनी चाहिए।

    ReplyDelete
  3. नया साल बहुत बहुत मुबारक्

    ReplyDelete
  4. प्रशांत जी, 2009 की शुभकामनाएं.
    और हाँ, 2010 की भी अभी से ही एडवांस में.
    शायद मैंने टिप्पणी मोडरेशन लगा रखा है. कारण ये है कि प्राचीन भूतकाल तक की जो भी टिप्पणियां आती हैं, वे मुझे पता चल जाती हैं. बार बार मेल चेक करने से बच जाता हूँ.
    वैसे मैंने आज तक कोई भी टिप्पणी हटाई नहीं है. अगर कोई गाली देगा तो बेइज्जती तो "उसकी" खराब होगी. है ना?
    वैसे ये मेरे अपने विचार हैं.

    ReplyDelete
  5. Prashant Jee
    नया साल बहुत बहुत मुबारक् :)

    ReplyDelete
  6. सही कहा, बड़े हो, तो बडो़ जैसा व्यवहार करो!!

    नववर्ष की शुभकामनाएँ!!

    ReplyDelete
  7. सही है जी - टिप्पणियां सामान्यत: असहमति की होती हैं। उनमें कोई बुराई नहीं। गलत टिप्पणियों के बारे में आपकी स्पष्ट नीति हो तो कोई परेशानी नहीं।

    ReplyDelete
  8. नव वर्ष की आप और आपके परिवार को हार्दिक शुभकामनाएं !!!नया साल आप सब के जीवन मै खुब खुशियां ले कर आये,ओर पुरे विश्चव मै शातिं ले कर आये.
    धन्यवाद

    ReplyDelete
  9. आपका कथन आपके हिसाब से सही है भाई ! पर हमारे को शुरुआत मे ही ऐसा हो गया कि इसकी आदत पड गई है ! सो जैसा जिसको उचित लगे ! हर आदमी को एक ही दवाई काम नही करती। वैसे जिसको जो सूट करे वो ही व्यवस्था बढिया है।

    आपको और आपके परिवार को नये साल की घणी रामराम।

    ReplyDelete
  10. नया साल सपनों के साकार होने का वर्ष हो । नया साल बहुत बहुत मुबारक ।

    ReplyDelete
  11. नया साल सपनों के साकार होने का वर्ष हो । नया साल बहुत बहुत मुबारक ।

    ReplyDelete