Monday, July 21, 2008

Psycho Killer मेरे घर के पास और Trekking

मेरे घर वाले इलाके में (चेन्नई, वडापलनी) में आज कल किसी हत्यारे का खौफ है जिसे पुलिस मानसिक रूप से विक्षिप्त मान रही है. वो हत्यारा बस हत्या करना जानता है, कुछ लूटता या छिनता नहीं है. बस हत्या करके भाग जाता है. कहाँ से आता है किसी को भी ये पता नहीं है. अचानक से हमला करता है. अभी तक ९ हत्याएं हो चुकी हैं और कितनी होगी ये किसी को नहीं मालूम. कल मैं रात २ बजे के लगभग घर लौटा तो देखता हूँ की लगभग हर पचास मीटर पर २-३ पुलिस वाले खड़े हैं, मैंने सोचा की सायद आज कुछ ना हो. मगर जब सुबह उठा तो पता चला की कल रात फिर एक ह्त्या हो गयी. उस हत्यारे का मुख्या शिकार घरों की रखवाली करते हुए चौकीदार होते हैं. अभी तक जितनी भी हत्याए हुई हैं उनमे मेरी जानकारी में ज्यादातर चौकीदार ही हैं. शायद किसी हिंदी भाषी क्षेत्र में ऐसी हत्या हुई होती तो अब तक मिडिया आसमान को सर पर उठाये होती. मगर हम उत्तर भारतीय खुद ही दक्षिण भारत को अलग करके चलते हैं इसका सबसे बार उदाहरण मिडिया का ये बर्ताव है, और जब हमें दक्षिण भारत में आना होता है तो कहते हैं की दक्षिण में उत्तर भारतीयों का सम्मान नहीं होता है.

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Chennai Trekker Club (CTC)
कल रात मैं लगभग २ बजे घर पहुंचा. मैं ट्रेकिंग पर गया हुआ था. कई तरह की परेशानियों को भी झेला. पहाड़ पर चढ़ना, कभी कभी पानी की कमी, पानी न मिलने पर जैसा भी पानी मिले उसे ही पी लो, बारिश में अच्छा खासा वजनी बैग पीठ पर उठा कर बस चलते जाना जिसमे स्लीपिंग बैग स्लीपिंग मत इत्यादि का वजन अच्छा खासा था कम से कम १०-१२ किलो, पत्थरों पर रॉक क्लिम्बिंग(Rock Climbing) करना, रात में पहाड़ के ऊपर टेंट लगा कर सोना. कुल मिला कर २ दिन बहुत मुश्किल भरे थे तो साथ ही मैंने बहुत मजे भी किये. अगले पोस्ट में मैं इसके बारे में विस्तार से लिखता हूँ और कुछ तस्वीरे भी लगता हूँ. तब तक के लिए मैं चला सोने. पहाड़ चढ़ कर बहुत थक गया हूँ और मेरा पूरा शरीर जैसे जकड सा गया है. आज आफिस भी नहीं गया. :)

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6 comments:

  1. sambhal kar rahiye shreeman...aor time par ghar aaiye.....

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  2. हत्यारे से बचने के उपाय करे

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  3. अच्छा घालमेल है पोस्ट में हॉरर और एडवेंचर का।

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  4. ज्ञान जी सही फरमा रहे हैं-हारर और एडवेन्चर का घालमेल. फोटो और विवरण का इन्तजार है ट्रेकिंग की.

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  5. हाँ जी हॉरर और एडवेंन्चर के बीच दिखा साहस। इसे साहस ही रहने देना,दुस्साहस न बनने देना।

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  6. ज्ञान जी से सहमत हूँ... हारर और एडवेन्चर का बढ़िया घालमेल.

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