मैं एक चिट्ठाकार हूं!! इसकी बदनामी इन दिनों मेरे आफिस में भी पहूंच गई है। कल मेरे आफिस में जो हुआ वो इसका सबसे बड़ा उदाहरण है।
कल जब मैं दोपहर का खाना खाने के लिये अपने क्यूबिकल से बाहर निकल कर अपने एक मित्र के क्यूबिकल की ओर जा रहा था उसी समय बीच में मेरे प्रोजेक्ट मैनेजर मिल गये। उनके और मेरे बीच जो कुछ बातें हुई वो कुछ ऐसी थी :
PM : I didn't saw your work from many days, can you show me your work apart from BLOGGING? (उन्होंने मुझपर कमेंट करते हुये पूछा।)
Me : (With a smile) Sure Karthi.
फिर मैंने उन्हें अपना काम दिखाया तब उन्होंने फिर मुझसे पूछा :
PM : This is good. Now can you show me your coding, not the XML coding of your blog. (उन्होंने फिर से मेरे उपर कमेंट किया।)
मैंने उन्हें दिखाया और वो मेरे प्रोग्राम का कोड देखकर खुश हुये और कहा कि मैं जल्द ही तुम्हें कोई नया काम देता हूं।
खैर जो भी हुआ हो मगर इससे ये तो तय हो गया की मैं बस अपने दोस्तों में ही ब्लौगिंग के लिये कुख्यात नहीं हूं, मेरी कुख्याती तो अब जग प्रसिद्ध होती जा रही है। :D
वैसे मेरे प्रोजेक्ट मैनेजर को इससे कोई परेशानी नहीं है की कौन आफिस में क्या करता है, कितने बजे आता है, कितने बजे जाता है। उन्हें तो बस इससे मतलब रहता है कि सभी काम सही समय पर होते रहना चाहिये।
ऑफिस के काम को नुक्सान पहुंचाए बिना, अपने व्यक्तिगत समय में कोई क्या 'नशा'करता है इससे किसी को मतलब नहीं होना चाहिए।
ReplyDeleteकाम ज्यादा महत्वपूर्ण है कोई कैसे करता है इससे क्या मतलब.
ReplyDeleteकहीं जल्द ही आपके दफ्तर में बैन न हो जाए ब्लॉगस्पॉट आदि ब्लॉगिंग के ठिकाने!
ReplyDelete@ उमाशंकर सिंह & Kakesh : जी हां, आपका कहना तो सही है.. मगर अधिकतर साफ्टवेयर कम्पनी में इसे वक्त को बरबाद करने का माध्यम माना जाता है..
ReplyDelete@Sanjeet Tripathi : जी, मेरे दफ्तर में कई जगहों पर ये बैन है.. हमारे यहां बैन प्रोजेक्ट टीम के रिक्वायरमेंट के आधार पर होता है, और मेरी टीम में कम से कम अभी तो नहीं लगता है कि ये बैन होगा.. क्योंकि लोग ढेर सारी तकनिक संबंधी खोज ब्लौगों पर ही करते हैं..
यह बैन जैसा शब्द सरकारी माहौल में तो नहीं होता। काम जो है सो करना है - बस। और हमारे लिये तो सदैव की नौकरी है। रेल दुर्घटना होने पर अफसर सिनेमा हाल से उठाये गये हैं। वर्ना कई कई दिन कोई पूछने वाला नहीं।
ReplyDeleteजी हां ज्ञान जी.. आप बिलकुल सही बोल रहें हैं..
ReplyDeleteअपने घर में मैं अकेला हूं प्राईवेट जाब में.. सो सरकारी नौकड़ी का सब अता पता मालूम है.. पापा और भैया को देखता आया हूं.. :)
आइ टी में तो केवल काम से मतलब है आप जब मर्जी कीजिये । परन्तु कई प्राइवेट कम्पनियों में यह सब बैन है ।
ReplyDeleteघुघूती बासूती