"नथिंग.." मेरा उत्तर था..
"यू आर नॉट गोईंग ऑन डेट?"
"नो.." इतना कहने के बाद मैंने भी उसका सवाल उसी से पूछ लिया, "वॉट अबाउट यू?"
"नो डा!! नो प्लान.." (तमिल में मित्रों को "डा" कह कर बुलाते हैं)
"व्हाई?"
"चुम्मा.."(तमिल में चुम्मा का मतलब "बस यूं ही" होता है)
अब मैंने उसे चिढ़ाया, "व्हाई नॉट यू आर कमिंग विथ मी? वी बोथ आर फ्री ओन 14!!"
"नॉट दिस ईयर, बट स्योरली नेक्स्ट ईयर आई विल कम विथ यू.." उसने भी बात हंसी में उड़ाते हुये कहा..
अब आज की ही बात है.. काफी वाले जगह पर संयोग से हम दोनों मिल गये.. मैंने उसे याद दिलाया, कि पिछले साल उसने क्या कहा था.. साथ ही यह भी कहा की इस बार तुम ना नहीं कह सकती हो.. मैंने आखिर एक साल इंतजार किया है.. थोड़ी देर तक मैं उसे चिढ़ाता रहा.. फिर जो भी हम दोनों के ही मित्र थे उन सभी को भी यह बात याद दिलायी, क्योंकि पिछले साल यह बातें उन लोगों के सामने ही हुई थी.. कुछ देर बाद मुझे दो घूसा मारी और चली गई.. अब आप ही कहिये, इसमें मेरी क्या गलती थी? मैंने तो बस उसे उसकी ही बात याद दिला दी थी.. :)
(जब मैं यह कंपनी ज्वाईन किया था तब ट्रेनिंग का समय भी किसी कालेज में बिताये गये समय जैसा ही था.. दोस्तों के बीच दोस्ती भी कालेज के जमाने जैसी ही थी.. हुल्लड़-हुड़दंग भी वैसा ही था.. नहीं तो इस तरह का मजाक प्रोफेशनल जीवन में नहीं किया जा सकता है.. :))
हमें तो लगा आपको बजरंग दल ने .... :)
ReplyDeleteचलिए लड़की ने मारा ज्यादा चोट नही लगी! इस बार ध्यान रखियेगा!
abey...teri nahin to kya ghoonse marne wali ki galti thi...itna hi shauq tha uske sath valentine day manane ka to saal bhar fight maarne thi...aise ek hi din kahoge to bhav to khayegi hi...aur to aur tum bhi ghoonsa kha gaye.
ReplyDeletechup chap bangalore aao aur hawaijahaj dekh kar hawai kile banao. :D
वाह क्या बात है?
ReplyDeleteघूँसे तो मिले। मजाक में और क्या मिलना था?
आए हाय ...ये लड़की का प्यार से घूँसा मार के जाना भी बड़ा कमाल होता है ...कहीं दिल में कुछ बात तो नही आ गई ...पूँछ लेना मेरी तरफ़ से ;) :)
ReplyDeleteबस दो ही?
ReplyDeleteहो तो गया वेलेण्टाईन-डे! यह तो परफेक्ट डेटिंग है भैये!
ReplyDeleteबाबू! समझो इशारे।
ऐसे ही सी सी और मीठी मार चलती जाय -शुभकामनाएं !
ReplyDeleteदो घूसें.. मुबारक हो..
ReplyDeleteहैप्पी वेलनटाईन डे!!
प्रशांत, सेनाओं से घूसा खाने से अच्छा है कोई लड़की ही मार ले. वैसे वेलेंटाइन दे से पहले ये हाल है तो उस दिन क्या होगा? वैसे भाई, लड़की ने अच्छा नहीं किया.
ReplyDeleteवैसे उसने क्यों मारा? "चुम्मा"?
वेलनटाईन डे तो बड़ा जबरजस्त रहा है वाह
ReplyDeleteचुम्मा तो हिन्दी में भी बस यूंही लिया जाता है! :-)
ReplyDeleteचुम्मा चुम्मा घूँसा खा लिए. और चुम्मा चुम्मा लिख भी डाले. आभार बस चुम्मा.
ReplyDeleteरहने दो, हमने भी खूब किस्से सुने हैं जब किसी लडके के चेहरे पर पिटाई के निशान देखकर पूछो तो जवाब वही मिलता था कि नींद में डेस्क से बडी जोर की टक्कर हो गयी थी :-)
ReplyDeleteअगर लडकी के किसी प्रेमी ने मुक्का मारा हो तो बता दो "ब्लाग सेना" ईंट का जवाब पत्थर से देगी :-)
वैसे भी आशिकों के दो ही पते होते हैं, तन दुबले और मुक्के पडे होते हैं :-)
अभी भी दो दिन बचे हैं बहादुर, और ट्राई करने में क्या हर्ज है।
कम मे ही काम चल गया.:)
ReplyDeleteरामराम.
neeraj rohilla ko jawab do bhai..itni khamoshi kyon hai?
ReplyDelete- यहां इतना सन्नाटा क्यों है भाई?
ReplyDelete- अब क्या बतायें, लोग जा(अब एक नाम के आगे जी लगाते हैं तो सभी लोगों के नाम के आगे जा क्यों ना लगाया जाये?) हमें जबरी शहीद करवा ही रहे हैं तो सन्नाटा नहीं होगा तो और क्या होगा?
:)
वैसे कल मैंने कुश के ब्लौग पर एक कमेंट किया था.. "देव डी" सिनेमा को लेकर.. वही यहां भी पोस्ट किये देते हैं..
ReplyDeleteइस बार सोचा था कि आने वाले साप्ताहांत में यह सिनेमा देखा जाए.. टिकट भी ले ली, शनिवार कि.. मैं और मेरी एक मित्र जो मेरे नए बाईक कि शैर को उतावली थी.. आज पता चला कि शनिवार को १४ फरवरी नामक राहू-केतु कि छाया पर गई है.. सो बाहर किसी महिला मित्र के साथ जाना खतरे से खाली नहीं है.. और वो भी तब जब वह आपकी गर्ल फ्रेंड ना हो ऐसे में बेइजत्ती हो तो इससे बुरा और क्या हो?
तो दोस्तों, मेरे पास दो टिकट हैं.. किसी को चेन्नई आना हो तो बता दो.. मैं दोनों टिकट फ्री में देने को तैयार हूँ.. हम रविवार को सिनेमा देख लेंगे.. ;)
तो यह रहा हमारा पूरा कच्चा-चिट्ठा इस पाश्चात्य प्रेम दिवस का.. :)
कल काफी दिनों के बाद दसबिदानियां फिल्म देखने का मौका मिला...और ब्लॉग पढ़ने के बाद आपकी याद आ गई!
ReplyDeleteअरे मुक्के वाली को ले जाओ ना,..:)
ReplyDeleteho sakta hai ye 2 sirf trailer ho baaki 14 ko paren, nahi ek baat hai chumma
ReplyDeleteकालेज और प्रोफेशन में ‘चुम्मा’ के अर्थ बदल जाते हैं दोस्त:)
ReplyDeleteइसमे ग़लती तुम्हारी है डा.. जब उसने अगले साल कहा था.. तो इस बार पूछने की क्या ज़रूरत थी.. अगले साल में तो एक साल बचा है अभी.. चुम्मा कह दिया.. माइंड मत करना..
ReplyDeleteBut Why?
ReplyDeleteवेलेंटाइन डे याद तो रह ही गया
ReplyDeletegambhir chintan
ReplyDeleteबहुत खूब !! इस साल चूमा नहीं घूँसा ही सही!
ReplyDeleteजय हो.... इतना बहुत था भई..
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