Monday, August 04, 2008

नये ब्लौगवाणी की कुछ खामियां

आज बहुत दिनों बाद ऑफिस में कुछ फुरसत से बैठा तो मैंने ब्लौगवाणी के नये संस्करण के साथ छेड़-छाड़ शुरू कर दी.. मैंने पाया की इसे बहुत ही अच्छे तरीके से डिजाईन किया गया है मगर साथ ही इसमें अभी भी कुछ खामियां हैं.. उदाहरण के तौर पर आप ये तस्वीर देखिये..



इसमें लाल रंग के घेरे में आपको मेरी तस्वीर दिखाई देगी मगर सारे ब्लौग पोस्ट बाल किशन जी के दिख रहे हैं.. दर असल आज सबसे पहले मैंने बाल किशन जी के पुराने पोस्टों को ब्लौगवाणी की सहायता से खोला था और फिर अपने पुराने पोस्टों को देखने की इच्छा भी हुई.. शायद मेरे पुराने पोस्टों की जगह ये मेरे कंप्यूटर के कुकी से बालकिशन जी के पोस्टों को निकाल कर दिखा रहा है..

एक और खामी मुझे नये ब्लौगवाणी में नजर आयी, वो यह की एक ही आई.पी. पते से आपको यह दो-दो बार आपको "अपनी पसंद" चुनने का मौका दे रहा है.. एक बार तो मुख्य पृष्ठ से और दुसरी बार आप उस लेखक के पुराने पृष्टों से.. आप पुराने पृष्टों पर जायें और उपर दिये गये चित्र में हरे रंग से घेरे हुये गोले वाले जगह पर क्लिक कर दें.. बस ये दो दो बार पसंद की श्रेणी में आ जायेगा..

अभी तक मुझे ये दो खामी दिखी है नये ब्लौगवाणी में.. उम्मीद करता हूं की मैथिली जी या सिरिल जी जल्द ही इसका कोई उपाय निकालेंगे.. मेरे पास उनका कोई ई-पता नहीं है, नहीं तो पोस्ट करने के बदले मैं उन्हें सीधे मेल कर देता..

एक आग्रह भी करना है उनसे.. मैंने पिछले सप्ताह एक नया चिट्ठा शुरू किया है जिसे अभी तक ब्लौगवाणी पर जगह नहीं मिली है.. कृप्या इसे भी ब्लौगवाणी में जगह दें जिससे ये अधिक से अधिक लोगों तक पहूंच सके.. उस चिट्ठे का नाम है : हम बड़े नहीं होंगे, कॉमिक्‍स-जिंदाबाद

धन्यवाद

24 comments:

  1. इस तरह की पोस्ट लिखेंगे तो ज्यादा भला होगा श्रीमान ...

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  2. मज़ेदार है नया कॉमिक्स चिट्ठा किसी मित्र ने पढ़ाया था। जब तक ज़िंदगी में बचपना है तभी तक जीने का मज़ा है। एक मित्र ने पढवाया आपका नया चिट्टा। लगे रहो और हमे भी बचपने का अहसास करवाते रहो

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  3. प्रशांत जी, मैंने तो कई बार कई फोटो पर क्लिक करके देखा लेकिन एसा एक बार भी नहीं हुआ.

    नये ब्लाग जोड़ने के लिये आप blogvani at cafehindi dot com पर ईमेल भेज देते तो हो जाता.

    ब्लागवाणी तो बस शौक ही है. आजकल व्यवसाय के कारण ब्लाग पढ़ने की टाइम में थोड़ी दिक्कत भी आ रही है. लगता है ब्लागवाणी की सम्भाल के लिये मुझे कुछ और लोगो को परेशान करना पड़ेगा. :)

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  4. पुनश्च: ब्लागवाणी में कर्णधार वगैरह तो कोई भी नहीं है. हम तो बस काम करने वाले है. यदि आप हमें टीम ब्लागवाणी कहें तो हमें बहुत अच्छा लगेगा.

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  5. Sir, agar aap mujhe pareshaan karen to mujhe koi aapatti nahi hogi.. :)

    vaise maine abhi fir se ye try kiya..
    सौतन के पेट पर लातें मार कर, जुड़वां बच्चे गिराए
    namak post par.. dekhiye 2 bar aapki pasand meri taraf se hi kiya gaya hai.. :)

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  6. शिकायत जाहिर करना अछि बात है..हाँ, किसी दिन तारीफ भी हो जाये

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  7. मैथिली जी, कितनी आसानी से आपने लिख दिया कि 'नये ब्लाग जोड़ने के लिये आप blogvani at cafehindi dot com पर ईमेल भेज देते तो हो जाता।'

    जिस ब्लॉग की पोस्ट 'सौतन के पेट पर लातें मार कर, जुड़वां बच्चे गिराए' का उल्लेख प्रशान्त ने किया है, उसे ब्लॉगवाणी पर जुड़वाने के लिये blogvani at cafehindi dot com पर अनेकों मेल करने के बाद, मामला रवि रतलामी जी के हस्तक्षेप से सुलझ पाया।

    अभी भी, इस टिप्पणी के लिखे जाते वक्त तक, एक और ब्लॉग yeusahai.blogspot.com ब्लॉगवाणी में नहीं जुड़ पाया है, पिछले एक माह में कितने मेल, आपके इनबॉक्स में हैं, जरा देख लीजियेगा।

    लिखना बहुत आसान है 'नये ब्लाग जोड़ने के लिये आप blogvani at cafehindi dot com पर ईमेल भेज देते तो हो जाता'

    … और हर सप्ताह नीचे दाहिनी ओर लिखा देखते चला आ रहा हूँ कि ब्लॉगवाणी पर अभी कुछ कार्य, सुधार शेष है. कोशिश है कि इस सप्ताहांत और अगले सप्ताहांत तक हम यह खत्म कर पायें।

    SUNIL DOGRA जालि‍म जी, शिकायतें होती ही इसलिये हैं कि perfection हो। तारीफ तो कोई भी कर लेता है। शिकायत करने के लिये हिम्मत चाहिये!

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  8. हलो प्रशांत जी,

    इस कमी की तरफ ध्यान दिलाने के लिये धन्यवाद, कोशिश रहेगी जल्द ही सुलझे.

    यह कर्णधार शब्द बहुत सुना, लेकिन इसका etymological मतलब नहीं समझा. कान वाले??? कान तो सभी के होते हैं :)

    अगर अजीत जी कभी लिखें तो जानने का मौका मिले.

    :)

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  9. बहुत बहुत धन्यवाद प्रशान्त भाई आप ने पहल की, भाई पता नही मेरे यहां ही यह मुश्किल हे या सब को हमारे यहां कभी कभी ब्लागवाणी काम नही करता, ओर नारद तो कई कई दिन गायब हो जाता हे, आज दिन मे भी कुछ ऎसा ही हुआ,
    धन्यवाद फ़िर से

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  10. आपके यह सार्थक प्रयास ब्लॉगवाणी को नई ऊंचाईयाँ दिलायेंगे. सभी का भला होगा.शुभकामनाऐं.

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  11. प्रशांत पसंद में दो बार किल्क करो तो ये कई बार हो भी जाता हो और कई बार नहीं। अभी मैंने ये कोशिश आबिदा आपा...कबाड़खाना पर किल्क कर के देखा। एक बार तो हो गया लेकिन दूसरी बार नहीं हुआ। लेकिन आज कल तो ये हैंग बहुत रहने लगा है। नारद जी तो गायब आहे।

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  12. सूक्ष्म ऑब्जर्वेशन्स हैं।

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  13. ब्‍लागवाणी पर क्‍या है यह मायने नही रखता जितना की आपके ब्‍लाग पर, शायद आप अपने ब्‍लाग को ठीक करने में काफी मेहनत करनी पड़ती होगी, पर यहाँ ब्‍लागवाणी करीब 2000 से अधिक चिट्ठो का सकलंन करता है।

    कर्णधार शब्‍द का प्रयोग अनुचित है, क्‍योकि ब्‍लागवाणी टीम सिर्फ ब्‍लाग की ठेकेदारी के लिये ही नही बैठी है। आप क्‍या लिखते है उस पर ब्‍लागवाणी कोई टिप्‍पणी नही करता, तो ब्‍लागवाणी की कमी पर समाज में प्रर्दशित करना कहाँ तक ठीक ?

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  14. धन्यवाद जी आप हमारी पुराणी पोस्ट भी पढ़ते है.

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  15. मैं सहमत हूँ इस बात से की शिकायत परफेक्सन के लिए होती है पर प्रशांत भइया से कहना चाहूंगी कर्णधार शब्द सही नही है.हिन्दी ब्लोगिंग में नारद ब्लोग्वानी और चिठ्ठाजगत के योगदान को व्यंग नही बल्कि स्वस्थ आलोचना की जरुरत है

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  16. हाँ प्रशांत कर्णधार शब्द हटा दो...दरअसल हम सब अगर टीम के रूप में काम करे तो बेहतर होगा...चिटठा जगत हो या ब्लोग्वानी सच पूछो तो ये लोग कोई बिसनेस नही कर रहे है....आपका उदीश्य ठीक था पर शायद कहने में थोडी चूक कर गए..कोई बात नही जैसा की समीर जी ने कहा है....सब मिलकर प्रयास करे .

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  17. टीम बेहतर शब्द है....

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  18. मैंने आप सभी की भावनाओं का ख्याल करके कर्णधार शब्द हटा लिये.. वैसे मैने उसे व्यंग्य के रूप में नहीं लगाया था.. मैं तो बस थोड़ी सी चुहलबाजी कर रहा था.. :)

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  19. प्रशांत जी, मैं आपकी चुहल समझता हूं और मैंने भी आपसे चुहल में भी कहा था.
    और आपको परेशान करने के लिये एक पूरा प्रोग्राम है मेरे पास :). आपको भी परेशान होने में मज़ा ही आयेगा.

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  20. सर मैं इंतजार करूंगा की कब आप मुझे परेशान करते हैं.. किसी भी तरह के परेशानी के लिये मैं हमेशा तैयार हूं.. चाहे वो कोडिंग वाली परेशानी हो या फिर टेस्टिंग वाली या फिर प्रोसेस मैनेज करने की.. :)

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  21. मैथिली जी, क्या आप अपना ई-पता देंगे?

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  22. maine bhi yahi kaha tha (vyang yani chuhal)bahan ki baat manane ka sukriya..

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  23. अरे लवली, तुम्हारी बात नहीं मानूंगा तो चैन से रहना है की नहीं? छोटी बहन से डर कर रहना ही परता है.. :)

    @ मैथिली जी - मैंने ब्लौगवाणी को मेल कर दिया है अपने नये चिट्ठे को जोड़ने के लिये.. कृप्या कर उसे जोड़ लें.. :)

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  24. perfection के लिए शिकायत का मंच उचित होना चाहिए.. खैर उम्मीद है अब आपकी समस्या हल हो गयी होगी...

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