Wednesday, August 06, 2008

कुछ लोग असफल भी रह जाते हैं जीवन में

घर पहूंच कर घड़ी देखा.. रात के 12 बजने में बस 5 मिनट ही बचे थे.. अच्छे से काम करने के बाद प्रोत्साहन के बदले भाषण मिलने से मन कुछ खराब हो चुका था.. हाथ मुंह धो कर पानी पीने रसोई में गया तो शिवेन्द्र अपने लिये खाना निकाल रहा था.. बहुत खुश होकर बताया की पिछले रविवार को वो जिस साक्षात्कार में गया था वहां उसका चयन हो गया है, मगर पैसे की बात इस शनिवार को होगा.. बहुत खुशी हुई सुन कर मगर उत्साह नहीं आया.. शायद ऑफिस का असर था.. बिस्तर पर लेटकर टी.वी. चला दिया.. पोगो पर टॉम एण्ड जेरी दे रहा था.. शायद 10 से ज्यादा बार वो कार्टून देख चुका था सो हंसी नहीं आई, कुछ आफिस का भी असर था.. शिवेन्द्र देख कर हंस रहा था सो चैनल नहीं बदला..

थोड़ी देर बाद सोचा की वंदना को फोन कर लूं.. कहीं सो तो नहीं गई होगी? चलो एक बार ट्राई करके देखते हैं.. "भारत हमको जान से भी प्यारा है" वाला कॉलर ट्यून सुना.. 10 सेकेण्ड बाद मैंने फोन काट दिया.. सो गई होगी.. सुबह 5 बजे वाला शिफ्ट जो चल रहा है.. फिर से टी.वी. देखने लगा.. कुछ समझ में नहीं आ रहा था की क्या दे रहा है.. मगर करने को भी तो कुछ नहीं था.. थोड़ी देर बाद मोबाईल पर गाना बजने लगा.. जेनिफर लोपेज का कोई गीत.. लगभग 5 सेकेण्ड बाद समझ में आया की किसी का फोन आया है.. देखा तो वंदना का ही था.. नींद में थी.. बस गुड नाईट बोल कर सो गई..

समय देखा तो 1 बजने को था.. नींद भी आ रही थी.. जल्दी ही सो गया.. सुबह जल्दी नींद खुल गई.. 6 बजे ही.. 6.45 में घर फोन किया.. पापाजी उठाये.. कॉलर आई.डी. में मेरा नंबर देख चुके थे.. बहुत प्यार से बोले "बहुत जल्दी ऊठ गये?"

"हां नींद जल्दी खुल गई.."

"अभी मैं जल्दी में हूं.. अलवर जाना है.."

"हूं!!"

"पता है कहां है अलवर?"

"नहीं.."

"जहानाबाद से अलग हुआ जिला है.. नक्सल प्रभावित क्षेत्र.. जहां एम.सी.सी. और रणवीर सेना के बीच हमेशा कुछ ना कुछ चलता रहता था.."

"अच्छा.."

"लो.. मम्मी से बात करो.."

"हेलो!! मम्मी? कैसी हैं?"

"ठीक हैं.. बरा जल्दी उठ गया?"

"हां.. नींद नहीं आ रही थी.."

"कल रात खाना खाया था?"

"हां.. ऑफिस में खाकर आये थे.. भाभी कैसी हैं?"

"बिलकुल ठीक है.. और कल क्या करना है?"

"कल!! क्या है कल?"

"अरे, बर्थडे है न तुम्हारा.. बर्थडे पर क्या करना है?"
ना जाने क्यों पाश याद आ गये.. मगर मम्मी को उनसे क्या काम.. उन्हें क्या समझाऊं की पाश के शब्दों में सपनों का मर जाना क्या है.. बोला, "करना क्या है.. सुबह ऑफिस जाऊंगा और लेट नाईट वापस आ जाऊंगा.."

"अरे घुमेगा नहीं? दोस्तों को पार्टी नहीं देगा? कल खुशी का दिन है.."

"मुझे तो सबसे मनहूस दिन लगता है.."

"अरे ऐसा नहीं कहते हैं.." मन में आया की मम्मी फिर से वही संघर्ष वाली बात कहेगी.. वो कही और मैं मुस्कुरा दिया.. सोचा की काश मम्मी मुझे मुस्कुराते हुये देख पाती.. "तुम बहुत संघर्ष करके यहां तक पहूंचे हो तो आगे भी जाओगे.. कुछ लोगों को आसानी से सफलता मिल जाती है और कुछ को संघर्ष करना परता है.."

मन में एक बात आयी.. और कुछ लोग असफल ही मर भी जाते हैं.. संघर्ष करते करते.. मगर कुछ बोला नहीं.. बस "हूं" कह दिया..

"ठीक है मम्मी, फोन रखता हूं.."

टी.वी. चला दिया.. फिर से टॉम एण्ड जेरी दे रहा था.. लगा की कहीं ये भी तो हंस कर मेरा मजाक नहीं उड़ा रहें हैं?

12 comments:

  1. सुन्दर लिखा है। अपने अनुभवों को डायरी शैली में लिखना बहुत ही सुखद होता है। आपके इस अनुभव ने पढ़ने वालों को भी आनन्द परोसा है। बधाई स्वीकारें।

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  2. भाई प्रशांत, बहुत सुंदर अनुभव लिखा है. हाँ, कुछ लोग असफल रह जाते हैं, यह बात मानता हूँ. लेकिन कोशिश करने के बाद अगर असफलता मिले तो कोई पछतावा नहीं रहना चाहिए.

    जन्मदिन की शुभकामनाएं. और आप टॉम एंड जेरी देखते हैं, फिर भी ऐसी बातें करते हो! जेरी को देखते ही होगे. किस तरह से तलवार की धार पर बैठा रहता है लेकिन हर बार सफल रहा है. मैं बताऊँ तो पिछले पन्द्रह सालों में टॉम एंड जेरी लगातार देखता रहा हूँ. और ये भी बताना चाहूँगा कि ढेर सारी मैनेजेरिअल स्किल्स सिखाया है इन दोनों ने.....:-)

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  3. @ Shiv ji : thank you sir.. vaise mera janmdin aaj nahi kal hai.. :)

    @ shobha ji : aapako bhi bahut bahut dhanyavaad..

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  4. कल कहे गे कल वाली बात,

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  5. हैरान हूँ आपकी निराशा देखकर .....उठिए ओर आज कोई बढ़िया सी मूवी देख लीजिये

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  6. इतना उदास कर के बता रहे हो कि कल जन्म दिन है। याने सात अगस्त को। अब से याद रखा करेंगे ताकि आप को उदास होने की जरूरत ना पड़े। अभी तो मुश्किल से सवा साल हुआ होगा काम पर। अभी से सफलता की इतनी चिंता क्यों है। मैं तो सवा साल में एक मुकदमा भी बुक नहीं कर पाया था।
    पहली सीढ़ी है, यह तो कोशिश जारी रहे सफलता जरूर मिलेगी, मेरा विश्वास कहता है और जल्दी ही मिलेगी।

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  7. हमारी टिप्पणी तो जब देखोगे बर्थ डे शुरु-बहुत बहुत मुबारक जन्म दिन की-बधाई एवं शुभकामनाऐं.

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  8. bhaiyya aise udaas nahi hote.... mere blog mein aapke liye kuch hai padh leejiyega......

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  9. Happy B'Day Sir!!!

    Few lines for you:
    "If you try with full dedication ...
    U won't have time to worry for the failure.."

    "To try when there is little hope is to risk failure; But not to try is guarantee to failure"
    :-)

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  10. सुन्दर लिखा है। अपने अनुभवों को डायरी शैली में लिखना बहुत ही सुखद होता है। आपके इस अनुभव ने पढ़ने वालों को भी आनन्द परोसा है।

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  11. Happy Bday Boy...फ़िल्म चले जाओ लेकिन उगली और पगली मत देखना... बोरिंग है...और ये क्या यार ... कोमिक्स और टॉम एंड जेरी तो मैं लगतार १० घंटे देख पढ़ सकता हू.... Njoy ur bday

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