जैसा कि मैं कई बार पहले भी अपने पुराने पोस्ट पर बता चुका हूं, मैं अधिकतर ब्लौग गूगल रीडर की सहायता से ही पढ़ता हूं.. कुछ ब्लौग ऐसे भी मिलते हैं जिसे कुछ दिनों तक देखने के बाद उसमें अपनी पसंद की कोई चीज नहीं मिलती है.. फिर उसे हटा देता हूं..
इसी फीड सब्स्क्रिप्शन/अनसब्स्क्रिप्शन के चक्कर में परेशान हूं.. एक ब्लौग है.. उसे सब्स्क्राईब किया था.. मगर बाद में उस पर अधिकतर सामाग्री किसी एक जाति विशेष से संबंधित पोस्ट होने लगे.. मैंने उसे अनसब्स्क्रिप्शन किया.. उस दिन वह नहीं दिखा.. मगर कुछ दिनों बाद वह वापस अपने उसी जगह पर दिखना शुरू हो गया.. मैं पूरी तरह से कंफ्यूज.. मुझे लगा जैसे मैंने उसे हटाया नहीं था.. फिर से हटाया.. मगर अगले दिन फिर से दिखने लगा..
अबकी बार मैंने उसे हटाने से पहले सारे कूकी और अस्थाई फाईल्स को डिलीट किया और उसे हटाने के बाद भी यही डिलिशन का काम दोहराया.. नतिजा सिफर.. आज फिर जब गूगल रीडर को खोल कर देखा तो पाया वह अपनी जगह पर शान से दिख रहा था और मेरा मुंह चिढ़ा रहा था..
कई साफ्टवेयर ऐसे भी आते हैं जिनका काम दूसरे साफ्टवेयरों को खोप समेत कबूतराय नमः करना होता है.. इन्हें साफ्टवेयर किलिंग कहते हैं.. लगता है अब गूगल रीडर किलिंग नाम का शब्द भी शब्दकोश में जोड़ने की जरूरत है.. ;)
किसी के पास अगर इस समस्या का समाधान है तो कृपया सूचित करें..
गूगल रीडर के फीड में गूगल अकाउंट होल्डरों के आसन्न डाटा बसे होते हैं. जो enable या disable रूप में रहते हैं.
ReplyDeleteमेरे विचार से फीड बर्नर का उपयोग सहजता से किया जा सकता है.
आप अपनी इस समस्या को labs+reader@google.com में मेल कर के सहायता प्राप्त कर सकते हैं।
ReplyDeleteआपको समाधान मिले तो हमें भी बताना..:)
ReplyDeleteSahee kaha aapne.
ReplyDelete-Zakir Ali ‘Rajnish’
{ Secretary-TSALIIM & SBAI }
अच्छा, यह समस्या मुझे तो नजर नहीं आई। गूगल आपको प्रिय समझता है - तभी मजाक कर लेता है! :)
ReplyDeleteअपने को तो गूगल रीडर ज्यादा समझ नहीं आया।
ReplyDeleteसमाधान मिल जाये तो जरूर बताईयेगा
ReplyDeleteयही समस्या मेरी भी है
प्रणाम
प्रशांत भाई सबसे अच्छा तरीका है कि आप उसे अनदेखा करके जहाँ रंग ही रंग बिखरे हो उस ब्लोग पर चले जाईए बस अगली बार से देखेगा नहीं :)
ReplyDeleteभाई हमे तो कभी ऎसी कठिनाई नही आई, लेकिन जब आप इसे ब्लांग लिस्ट से हट दे तो फ़िर भी आये तो देखे कही आप ने इसे Reading list मे तो नही डाल रखा, क्योकि रीडीग लिस्ट मे होगा तो फ़िर दोवारा आ जायेगा, अगर यह इलाज भी काम ना आया तो लिखे.
ReplyDeleteधन्यवाद,
भाई अपने लिये काला अक्षर भैंस बराबर..ये रीड और रीडर अपने समझ नही आता..आपको अगर "ओम कबूतराय नमः" करवाना हो तो दक्षिणा का ईंतजाम करें वो हम करवा देंगे.:)
ReplyDeleteरामराम.
अब तक तो ऐसी समस्या नहीं आई. लेकिन कभी भी आ सकती है, लग तो यही रहा है :)
ReplyDeleteबहुत समस्या है ।
ReplyDeleteTry Oprea browser's built in Feed-reader.
ReplyDeleteहम तो फीड रीडर का इस्तेमाल ही नहीं करते.
ReplyDeletebahut jyada pareshan dikhte ho bhiaya
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ReplyDeleteजहाँ तक मैं समझ पा रहा हूँ आपने उस ब्लॉग को follow किया होगा सो वह फीडर से सीधे unsubscribe नहीं होगा !!
ReplyDeleteसो सीधा तरीका है की वह ब्लॉग पेज खोलिए ...... गूगल फ्रेंड कनेक्ट से ब्लॉग को लोगिन करने के बाद follow को unfollow कर लें .... बशर्ते वह ब्लॉग प्राईमरी का मास्टर न हो???
शायद यह टोटका काम कर जाए !!
बताइयेगा जरूर !!
अपन तो इन मामलों में जीरो हैं...क्या कहें?
ReplyDeleteमुझे गूगल रीडर के बारे में समझ में नहीं आता. जो पसंद नहीं, वह ब्लॉग पढना ज़रूरी नहीं है.
ReplyDeleteGOOGLE READER KI TO APNE KO BHI SANAJH NAHI HAI BHAI ...... KYA KAREN AB .....
ReplyDeleteआप सभी को बहुत-बहुत धन्यवाद यहां आने के लिये.. चलिये मुझे मेरा उत्तर तो मिल ही गया.. मैंने उसे फ़ौलो कर रखा था, और मेरा उस तरफ ध्यान ही नहीं गया था.. प्राईमरी के मास्साब जी का आभार.. वैसे अवधिया जी द्वारा दिये गये ईमेल आई.डी. को भी सुरक्षित कर लिया है मैंने.. :)
ReplyDeleteओपेरा भी ट्राई किया जिसका सुझाव रवि जी ने दिया है.. पहली नजर में वह बहुत बढ़िया लगा..
chaliye acchha hai ki aapko us blog se chutkaara mil gaya....
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ReplyDelete.... कहीं वह ब्लॉग "प्राईमरी का मास्टर" तो न था ???
ReplyDeleteयह बताया नहीं आपने!!
(मियां की जूती मियां के सर )
वैसे अब तक गूगल रीडर के बारे में कोई कोई हिन्दी ट्युटोरियल अब तक उपलब्ध नहीं है ???