बस अभी अभी खबर मिली कि हमारे प्रिय गौतम जी जख्मी हैं.. आतंकवादिओं से हमारे देश की रक्षा करते हुये कंधे पर गोली खायी और अभी अस्पताल में हैं.. जैसे ही इसे अनुराग आर्य जी के ब्लौग पर पढ़ा, एक झटका सा लगा.. अधिक छानबीन की तो पता चला कि वह अब खतरे से बाहर हैं.. थोड़ी संतुष्टी हुई.. सोचा कि उन्हें उनके ब्लौग पर शुभकामनायें दे दूं.. पहूंचा उनके ब्लौग पर.. कुछ लिखा भी.. मगर तभी एक विचार ने मुझे बहुत परेशान कर दिया, और मैं यह लिखने बैठ गया..
गौतम जी को मैं बहुत अच्छे से जानता हूं.. वे मेरे एकमात्र कंम्यूनिटी चिट्ठा "हम बड़े नहीं होंगे, कामिक्स जिंदाबाद" के लेखक भी हैं(वैसे कहने को एक और कंम्यूनिटी चिट्ठा है मगर वह सिर्फ कुछ खास मित्रों के लिये ही).. गौतम जी शेरों-शायरी करना और कामिक्स-कार्टून में भी रूची रखते हैं.. उनके जख्मी होने की खबर सुनकर लगभग सदमा लगने जैसी स्थिति में ही पहूंच गया.. कभी फोन पर बात नहीं हुई है, फिर भी अपने से लगते हैं..
एक-दो दिन पहले ही उस मुठभेड़ के बारे में किसी समाचार चैनल पर सुना था जिसमें दो जवान के शहीद होने और तीन के जख्मी होने की खबर भी थी.. जब कभी भी इस तरह की खबर सुनता हूं या पढ़ता हूं तो एक बार ख्याल गौतम जी पर जरूर जाता है.. मगर सोचता हूं कि वह ठीक ही होंगे.. इस बार भी कुछ वैसे ही विचार मन में आये थे.. मगर हर बार की सोची चीज पूरी हो जाये यह संभव नहीं है.. अगर ऐसा हो तो जीने का सलीका ही खत्म हो जाये.. जीवन में मिर्च और सरसो का तड़का शायद इसी अनिश्चितता से मिलता है.. मगर अचानक से अधिक मिर्च पड़ जाने से तकलीफ भी होती है..
अभी जब उनके बारे में पढ़ा तो सदमा सा लगा.. फिर थोड़ी देर बाद अजीब सा महसूस होने लगा.. मैं बैठा सोच रहा था कि क्या वे फौजी जो हमारे दोस्त रिश्तेदार होते हैं, उन फौजियों से अलग होते हैं जिन्हें हम नहीं जानते? अपने परिचित फौजियों को मिली एक जख्म भी सदमा पहूंचाती है, मगर अन्य फौजियों को देश रक्षा में मिली मौत भी हम निर्विकार भाव से न्यूज चैनल पर सुनते हैं.. आखिर यह संवेदनहीनता हमारे भीतर आयी कहां से?
अंत में गौतम जी और अन्य सिपाहियों के जल्द से जल्द ठीक होकर आने की कामना करता हूं.. गौतम जी, आपके अगले गजल का कोई बेसब्री से इंतजार कर रहा है..
फौजियों के प्रति संवेदनहीनता कहीं नहीं है। पर जब पता लगता है कि कोई परिचित है तो निश्चित ही धक्का बड़ा होता है। क्यों कि हम उसे व्यक्तिशः जानते हैं।
ReplyDeleteगौतम जी शीघ्र स्वस्थ हों यही कामना है।
गौतम जी के शीघ्र स्वास्थ्यलाभ की असीम कामनाएं.
ReplyDeleteगौतम जी के शीघ्र स्वस्थ होने की अनेक शुभकामनाएं.
ReplyDeleteरामराम.
गौतम जी के शीघ्र स्वास्थ्यलाभ की कामना
ReplyDeleteबी एस पाबला
गौतम जी के शीघ्र स्वस्थ होने की अनेक शुभकामनाएँ.
ReplyDeleteदिनेश जी ने कह ही दिया जो मैं कहना चाह रहा था.
जाहिर बात है प्रशांत कुछ दिन पहले मैंने गौतम की पोस्ट में ही इस सिलसिले में एक बड़ा कमेन्ट किया था ...जिसमे कश्मीर में ही एक जवान के शहीद होने की खबर के डिटेल जानने के लिए मैंने सारे चैनल खंगाल डाले थे ....ओर अगले दिन कम से कम तीन अख़बार जो मेरे घर आते है उनको छान मारा था कोई खबर नहीं थी ....यानी मीडिया भी अब कश्मीर की किसी खबर को वैसे ही लेते है जैसे हमारे यहाँ आम जनता लेती है ....तुम खुद देखो यहाँ भी किसी बेवजह की बहस में लोग लम्बी लम्बी कह पन्ने काले कर देते है ..ऐसे मसलो पर....खैर गौतम एक दोस्त की है ...जाहिर है अपने को कुछ होता है तो उसकी चोट भी ज्यादा लगती है ...वैसे तीन दिन पहले मेरी उससे फोन पे बात हुई है...इश्वर की क्रपा से वो ठीक है ..गोली निकाल दी गयी है ...ओबजर्वेशन पीरियड में है ...
ReplyDeleteगौतम जी शीघ्र स्वस्थ हों यही कामना है।
ReplyDeleteमुझे गौतम का बेसब्री से इंतज़ार है !
ReplyDeleteआज ही पता चला कि गौतम जी अब ठीक है। वैसे जब खबर सुनी थी तो धक्का लगा था। फिर अनुराग जी जाकर पूछा तो तसल्ली मिली। वैसे गौतम जी बहुत बहादुर है। और हमारी शुभकामनाएं उनके साथ है।
ReplyDeleteमैं आदरणीय दिनेशराय द्विवेदी जी से सहमत हूँ...
ReplyDeleteगौतम जी के शीघ्र स्वास्थ्यलाभ की असीम कामनाएं.
मैं तो आपही से सहमत हूँ ! बाकी क्या कहूं... कुछ कहा नहीं जाता इस बात पर.
ReplyDeleteईश्वर गौतम को लम्बी उम्र दे।वो ज़ल्द से ज़ल्द स्वस्थ हो यही ईश्वर से प्रार्थना है।
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ReplyDeleteसँवेदनहीन, वह भी फ़ौज़ी ज़वानों के लिये ?
कम से कम मैं तो नहीं !
माँ दुर्गा इस नव रात्र में कृपा करें -
ReplyDeleteगौतम भाई पहले से भी अच्छी सेहत लेकर लौटेंगें
ये मेरा विशवास है
मैं दिनेश जी से असहमत हूँ..संवेदनहीनता तो जरुर है और मैं यह सेना के हिस्सा होने के नाते कह रही हूँ ..अपने अनुभव से ,अपने जैसे और लोगों के अनुभव से कह रही हूँ । कश्मीर मैं हो रही गतिविधियाँ,वहां अपनी जान देते सैनिक सब रुटीन ख़बरों का हिस्सा हैं ..कुछ लोग तो यह तक कहते हैं की क्या बड़ी बात है ,सब की तरह अपनी नौकरी ही कर रहे रहे ..किसी ने न्यौता थोड़े न दिया था वर्दी पहनने का । यह सब कह जाना आसान है पर गोली खाना मुश्किल। गौतम जी को हम जानते हैं इसलिए दिल में टीस उठी , इश्वर उन्हें जल्दी स्वास्थ्यलाभ दे पर उन्ही के जैसे अनेक ऐसे अनजान सैनिक हैं जो कहीं इस देश के लिए आती हर गोली ख़ुद खा रहे हैंऔर यह बहुत ही शर्मनाक सच हैं ही एक देश होने के नाते हम अपने शहीदों और सैनिकों के लिए निहायत संवेदनहीन हैं, बेरुखी से भरे हैं और यदि मेरी बात झूठ लगती है तो छोटे से काम के लिए पंचायत समिति में चक्कर काटते किसी फौजी के पिता से पूछिये या अपना सब कुछ खो चुकी किसी फौजी विधवा से ..
ReplyDeleteगौतम जी शीघ्र स्वस्थ लाभ KI कामना है .....
ReplyDeleteप्रियंका जी से पूरी तरह सहमत…
ReplyDeleteमेरी दुकान में भी सैनिकों / शहीदों की कई विधवाएं/माँ/पिता फ़ोटोकॉपी करवाने आते हैं तब उनसे बातचीत में पता चलता है कि कैसे उन्हें एक दो कौड़ी का सरकारी बाबू, दफ़्तर के चक्कर कटवा रहा है और पेंशन के 1500 रुपये में से भी 100 रुपये रिश्वत के मांगता है…। सच तो यही है कि हम भ्रष्टाचार से पूरी तरह सड़ चुके हैं और अब इस व्यवस्था में काम कर रहे लोगों की देशभक्ति में बासी उबाल सिर्फ़ 15 अगस्त को ही आता है (और वह भी सिर्फ़ सुबह, क्योंकि शाम होते-होते तो वे लोग अगले दिन के दारू-मुर्गे के बारे में सोचने लगते हैं)…
Society which does not care for its soldiers , faces extinction . Feel for every fallen soldier ,like u feel for him or ur relatives in Army. May Gautam recover soon to kill the enemies once more.May God be with him.
ReplyDeleteइष्ट मित्रों एवम कुटुंब जनों सहित आपको दशहरे की घणी रामराम.
ReplyDeleteमैं भी आदरणीय दिनेशराय द्विवेदी जी से सहमत हूँ...
ReplyDeleteगौतम जी के शीघ्र स्वास्थ्यलाभ की असीम कामनाएं|
आपको और आपके परिवार को विजयदशमी की शुभकामनाएं |