उनकी चिट्ठी का सारांश यह था की उनका सेलफोन अपनी यादाश्त खो दिया है इसलिये वह सभी परिचितों का नंबर मांग रहे थे.. हो सकता है कि उनके सेलफोन में जितने भी नंबर थे उसमें से आधे नंबर उन्हें दुबारा मिल जाये मगर कई नंबर तो ऐसे होते हैं कि एक बार चला गया सो चला गया.. दोबारा लौट कर नहीं आता है..
(बैक-ग्राऊंड से एक गीत की आवाज) "ओ जाने वाले हो सके तो लौट के आना.."
अब चूंकी सारे नंबर दोबारा मिलने की संभावना लगभग शून्य है सो हमें यह ऊपाय कारगर नहीं लगा.. उस चिट्ठी को पढ़ने के बाद मुझे लगा की अजित जी मुंबईया सिनेमा बहुत कम ही देखते हैं.. नहीं तो हम भारतीय लोगों को अच्छे से पता है कि अगर किसी कि यादाश्त चली जाये तो उसे वापस कैसे लाते हैं.. उनमे से भी दो फार्मूला सबसे हिट है.. हमारी सलाह है कि अजित जी कम से कम यह दो ऊपाय जरूर आजमायें.. इससे उन्हें शत-प्रतिशत नंबर हाशिल होने के चान्स बढ़ जायेंगे.. :)
फारमुला नंबर 1 -
अपने मोबाईल फोन को उन जगहों पर ले जायें जहां उन्होंने अपने सेल फोन के साथ कुछ खुशगवार पल गुजारे होंगे.. अगर किसी पार्क में अपने सेल फोन के साथ बैठकर गाने भी गाये होंगे तो और भी बढ़िया है.. सेल फोन को उस पार्क में लेजाकर उदासी भरे आवाज में उस गीत को गायें, और फिर पूछें कि "याद करने की कोशिश करो.. तुम्हें जरूर सब याद आ जायेगा.. कुछ याद आ रहा है?" इत्यादी, इत्यादी.. अगर सेल फोन की घंटी बज गयी तो समझें कि आपका प्रयोजन सफल हुआ..
फारमुला नंबर 2 -
सबसे पहले मैं यह बता देना चाहूंगा की यह ऊपाय तभी कारगर है जबकी अगर आपका सेल फोन के सर में कहीं चोट लगने के कारण अपनी यादाश्त खो बैठा हो.. अगर बिलकुल ऐसा ही हुआ है तो आप उस जगह की तलाश करें जहां आपके सेलफोन को चोट लगी थी, फिर उस जगह एक जोरदार लाठी जमायें.. सिनेमाओं से मिली सीख से मुझे पूरी उम्मीद है की विलुप्त यादाश्त शनैः-शनैः वापस आ जायेगा.. अगर यह भी काम ना करे तो बिजली का झटका देना ना भूलें.. ;)
अगर इतना करने पर भी उसकी यादाश्त वापस नहीं आती है तो अंततः आपको फोन करके आपको अपना नंबर शौंप ही देंगे.. बस एक समस्या है.. मेरे पास वडनेकर जी का नंबर तो है ही नहीं.. सो उन्हें फोन करके ही पूछना पड़ेगा, "वडनेकर जी, आपका नंबर क्या है?"
दोनों फार्मूले मस्त हैं अब ट्राई करना बाकी है बस।
ReplyDeleteपता चले तो बताइयेगा..कभी किसी शब्द के लेके अटक जाऊँ तो काम आएगा
ReplyDeleteटाइटल देखकर मुझे भी ऐसा ही कुछ लगा था.. पर फिर राहत मिली.. पर तुम अभी भी सुधरे नही हो.. प्राइवेट मेल पब्लिक कर रहे हो :)
ReplyDeleteमेल देख कर तो मैं भी डर गयी थी कि क्या हो गया ..पर बाद में पढ़ा तो तस्सली हुई ..नम्बर तो है नहीं हमारे पास भी :)
ReplyDeleteये चोट लगने वाला फार्मूला कमाल का है .....हा हा हा ...खाकर मोबाइल के लिए
ReplyDeleteहमें भी चाहिये, अजीत जी का नम्बर
ReplyDeleteभाई काहे चक्कर मे पड्ते हो मोबाईल शब्दो के सफ़र मे अजीत जी के साथ रहते रहते इत्ते शब्द इक्ट्ठे झेल गया ये क्या कम बहादुरी की बात है ? अच्छे अच्छॆ अपनी याददाश्त खो बैठते :)
ReplyDeleteये दो फारमूले अपनाने के बाद मोबाइल बदलना तो नहीं पड़ेगा न?
ReplyDeleteमैंने अपने मोबाइल को
ReplyDeleteयह पोस्ट पढ़वाई तो
वो बोला जल्दी से
दुघर्टना से सतर्कता भली
तुरंत मेरे लिए एक
अदद हेलमेट का करें
बंदोबस्त
तभी रख सकूंगा
किसी भी चोट से
मैं अपनी याद
दुरुस्त।
अब मुझे अपने
एक अदद मोबाइल
के लिए हेलमेट
की
दरकार है, तो क्या
किसी के पास इसका
कोई उपचार है।
wah wah kya formule hain, aajkal bahut fursat mil rahi hai hindi film dekhne ki?
ReplyDeleteaur ye main kya sun rahi hoon private mail public kiya tumne, fir se...tumhare liye ek bed book kar deti hoon...koi jaldi hi tumhein peetne wala hai
मस्त कर दिया जी। मोबाइल को लाठी मारने में जरा चूक हुई तो बाकी याददास्त भी जा सकती है। इसलिए जरा सम्हल के... :)
ReplyDeleteअजित जी की ईमेल हमको भी एक बारगी सकते में कर गई थी! :)
ReplyDeleteभाई लगता है आजकल फ़ुरसतिया जी से गंडा बंधवा लिये हो जो रोज मौज लिये जा रहे हो?:)
ReplyDeleteरामराम.
हा हा !
ReplyDeleteआईडिया तो दोनो ही सालिड है।बहुत दिनो से अनियमित हो गया हूं,आपको भी काफ़ि दिनो बाद पढ रहा हूं। हो सके तो अपना मोबाईल नं मुझे मेल कर देना।
ReplyDeletehi...nice to go through your blog...well written...by the way which typing tool are you using for typing in Hindi...?
ReplyDeleterecently i was searching for the user friendly Indian Language typing tool and found .." quillpad ". do u use the same...?
heard that it is much more superior than the Google's indic transliteration..!?
expressing our feelings in our own mother tongue is a great experience...so it is our duty to save, protect,popularize adn communicate in our own mother tongue...
try this, www.quillpad.in
Jai...Ho....
और मान लो फोन फिर स्विच ऑफ करके आन किया तो फ़ोन से आवाज़ आये की मैं कौन हूँ मैं कहाँ हूँ , तो का करें ?
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