कई दोस्तों की सलाह मान कर मैंने डाक्टर से भी दिखा लिया और एक्स रे भी करा लिया.. मगर अफ़सोस के साथ कहना पर रहा है कि मेरे सारे पैसे बरबाद हो गये.. ये भी भला कोई बात हुई? आप कितनी उम्मीद लेकर डाक्टर के पास जाते हैं.. अपनी टांग का एक्स रे कराते हैं.. डाक्टर को भी उसकी फीस देते हैं.. एक्स रे का अलग खर्चा.. और नतीजा? सिफ़र.. कुछ भी हाथ नहीं लगता है.. कम से कम कुछ तो नतीजा निकलता.. बेचारा डाक्टर भी उदास होगा.. एक अदद फ्रैक्चर निकलने पर उसे प्लास्टर बांधने में कितनी खुशी होती.. उसे भी लगता की वह समाज के निर्माण में कितना योगदान दिया है.. और आज से कुछ साल बाद जब मैं दुनिया की जानी मानी हस्ती हो जाता तब वह बड़े शान से मेरी टूटी टांग का एक फोटो अपनी क्लिनिक के बाहर लगाता.. साथ में नीचे बड़े-बड़े अक्षरों में लिखा होता, "सन् 2009 में माननीय श्री प्रशान्त प्रियदर्शी के टूटे टांग पर प्लास्टर चढ़ाते हुये, डा. अ.ब.स." मुझे अपने पैसे बरबाद होने से ज्यादा दुख उस डाक्टर को लेकर है की उसके कैरीयर में आया इतना अच्छा मौका उसके हाथ से निकल गया.. क्या किजियेगा, हमारा तो दिल ही ऐसा है.. किसी के भी दुख में दुखी हो लेते हैं..
कभी-कभी तो लगता है कि उस डाक्टर को ही कुछ नहीं आता था.. नहीं तो इतनी सारी हड्डियों में से एक फ्रैक्चर तो ढ़ूंढ़ ही निकालता.. अभी जब बस चोट की बात सुनकर ही लोगबाग मेरा हालचाल जानने को पूछ रहे हैं, तो जरा सोचिये कि फ्रैक्चर की बात सुनकर कितनी सहानुभूती बटोर लेते.. वैसे भी चुनाव के समय सहानुभूती की बहुत जरूरत होती है.. मैंने सोच लिया है कि अगली बार ऐसा कुछ होने पर डा.पूजा को जरूर दिखाऊंगा.. वो कुछ ना कुछ ऊपाय जरूर निकाल लेगी..
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चलते-चलते :
पूजा ने मेरे टूटे टांग पर बहुत बढ़िया और मजेदार बात कही.. जिसका कुछ अंश मैं यहां दे रहा हूं..
"मौका मिला है, थोक के भाव में मुफ्त की सलाह दे दूँ क्या? गाड़ी कैसे चलाते हैं कितने स्पीड पर चलाते हैं, हेलमेट पहनते हैं(तुम कहोगे की हेलमेट पांव में थोड़े पहनता) हमें इससे क्या फर्क पड़ता है...किसी की टांग टूटे लोग ख़ुशी ख़ुशी सलाहों का ढेर लगा देते हैं.
भगवान जो करता है भले के लिए करता है...कौन जाने सहानुभूति वश किसी लड़की को तुमसे प्यार हो जाए...तुम्हारी किस्मत ख़राब थी(मैं तो कहती हूँ सत्यनारायण पाठ करवाओ घर में)...आदमी को ठोका....सिंगल लेन में अक्सर लड़कियां ही चली आती हैं... सुन्दर लड़की को टक्कर मारते तो कुछ भला हो सकता था, हम इसी बहाने एक पार्टी की डिमांड रख सकते थे...मगर अफ़सोस चश्मा पहनकर भी ये हाल है.
खैर...उम्मीद है तुम्हारा पैर ठीक हो जायेगा जल्दी, चाह कर भी कुछ जरूरी सवाल करने से रोक नहीं पा रहे हैं...x रे करवा लिया है न? घर जा के दूध हल्दी पीना, दर्द में थोड़ी राहत मिलती है...बाकी लोग और भी बहुत कुछ पीने और खाने को कहेंगे उनकी बात मत मानना :)"
आज सुबह जब मैं ऑफिस आ रहा था तो मेरी कंपनी के सी.ई.ओ. मुझे लिफ्ट में मिल गये.. उन्हें देखते ही मैं समझ गया की अब वो जरूर पूछेंगे की जूता कहां है, और उन्होंने पूछ ही लिया.. "व्हेयर इज योर शू?"
मैंने कहा, "आई गॉट स्वेलिंग इन माई लेफ्ट लेग, दैट्स व्हाई आई केम इन स्लीपर.." और अपना पैंट थोड़ा सा ऊपर करके उन्हें दिखा दिया..
उन्होंने देखा और बोले, "ओह! देन नो प्रोब्लेम.. बट टेक केयर ऑफ योरसेल्फ.."
बस इतनी ही बात हुई मगर सच कहूं तो इतने में ही मेरी जान सूख गयी थी.. आखिर एक ऐसे आदमी से जो बात कर रहा था जो 800 मिलियन डॉलर वाली कंपनी के मालिक हैं और मैं उनका अदना सा कर्मचारी.. :)
कल शाम में रंजू दीदी ने मुझसे मेरे पैर का हाल पता किया.. मैंने उन्हें इसी अंदाज में अफसोस जताया की कुछ भी नहीं निकला और मेरा सारा पैसा बरबाद हो गया.. उनका उत्तर था "कमाल हो भाई तुस्सी.. :)"
चलिये कहीं से तो शुरूवात होनी थी, नहीं तो मेरे पापाजी तो मुझे अभी तक गधे का गधा ही मानते हैं.. अब मैं उन्हें कहूंगा नहीं पापाजी, मैं गधा नहीं मैं कमाल हूं.. ;) वैसे एक कंफ्यूजन अभी भी है.. कि मैं कमाल हूं या कि तुस्सी हूं.. कोई बता दो भाई.. :)
अब तो सूजन और दर्द और भी कम हो गया होगा। फिर भी ध्यान रखे। बाय।
ReplyDeleteअरे अरे यह क्या हो गया, चलो अब क्या करे कोई इलाज बताये लेकिन डा पुजा ने साफ़ मना किया किसी की बात ना मानाना, वरना हम तो बिन मांगे अभी तक दस बारह नुस्खे बता देते, डा ताऊ को दिख दो , वो खुद ही अभी आ रहे होगे,
ReplyDeleteधन्यवाद
डॉक्टर : बहुत ही खेद के साथ कहाँ पद रहा है कि तुम्हारी टांग में कोई फ्रेक्चर नहीं है ...
ReplyDeleteप्रशांत : नहीं ये नहीं हो सकता :) :)
डॉक्टर साहब मेरे पैसे वापस करो तुम कुछ नहीं जानते
हा हा हा हा .................
चलो बधाईयाँ पटाखे ...........
भाई तुस्सी तो सच मे ही कमाल हो यार/ अब तुमने एक्सरे भी करवाया तो कहां? भाई हमारे ताऊ अस्पताल मे आजाते तो रामप्यारी से तुम्हारा केट स्केन करवा देते. सारी बिमारी पता लग जाती.
ReplyDeleteशायद डाक्टर पूजा को दिखाया होता तो वो पहले ही केट स्केन के लिये रामप्यारी के पास रेफ़र कर देती .:)
रामराम.
अब तो सूजन चली गई होगी?
ReplyDeleteजब लड़कियों की डायरी चुरा के लिखी जायेंगी तो स्वाभाविक है उनके बारे में सोचा भी जायेगा तो इस तरह की भिड़ंत होंगी। डा. पूजा की सलाह सौ फ़ीसदी सही हैं। वे अनुभवी हैं सब जानती होंगी। उनकी सलाह को मानो! खुश रहोगे! क्या पता भी एक ठो पार्टी दे दें डा. बनने की खुशी में!
ReplyDeleteअब तक लड़कियों की डायरी छाप रहे थे अब मेल भी छापना शुरू कर दिया है,तुम्हें मेल करना खतरे से खाली नहीं है...कोई लड़की किसी दिन जरूर तुम्हारी टांग तोड़ जायेगी, फिर मत कहना की बताया नहीं था. ताऊ बिलकुल सही कह रहे हैं रामप्यारी कुछ न कुछ नुक्स तो निकाल ही देती तुम्हारी टांग में, नहीं तो उसी से कटवा देते और क्या था :) और अनूप जी आप क्यों मेरी पार्टी गोल करना चाहते हैं, कहाँ तो हम mana रहे हैं की प्रशांत पार्टी दे और आप उसे ही हमसे पार्टी लेने के लिए उकसा रहे हैं.
ReplyDeleteजोहार
ReplyDeleteडॉक्टर का दुर्भाग्य नही आप का सौभाग्य था . अच्छा हुआ की कोई फ्रेक्चर नहीं था वरना इस व्यस्त जीवन में बड़ी मुश्किल हो जाती . उम्मीद है अब आपका पैर ठीक हो गया होगा .
टांग बच गई तो मजाक सूझ रहा है?? वाकई, कमाल हो जी तुस्सी!!
ReplyDeleteकमाल ते तुस्सी हो ही जी ...पूजा की बातों पर गौर करो :)
ReplyDeleteपैर बची तो लाखो पाए .... फिर भी कुछ दिन ख्याल रखना ही चाहिए।
ReplyDeleteदेखा तुमने एक एक भविष्य के होने वाले महान डॉ का केरियर चौपट कर दिया .लानत है तुम पर पी दी...अगली बार कसम खुदा की ऐसी सड़क ढूंढ़ना की हड्डी टूटने की गारंटी हो ....रही पूजा की बात तो उसे इतना सीरियसली मत लेना भाई.हमारे एक ६ फूटे दोस्त को बुलेट समेत एक हसीन कमसिन कन्या अपनी पतली सी पिंक कलर की स्कूटी से ठोक गयी ..वो बेचारा मोड़ पे २० की स्पीड से था .पैर की हड्डी टूटी सो अलग... ..बेचारा ५ मिनट तो मोटर साइकिल के नीचे पड़ा रहा ...ओर लोग लड़की को संभालने में लगे रहे....कुछ ऐसे लेक्चर देने लगे ...बाद में जब वो हस्पताल के बिस्तर पे था लड़की के माँ बाप ओर धमका गये ....प्यार के लिए इत्ता बड़ा रिस्क ठीक नहीं भैय्ये .....उसमे पड़ने के बाद वैसे भिसब टूटना ही है.....
ReplyDeletedekho bhai .ishwar jo bhi kartaa hai achchha hi kartaa hai ek baar meri bhujaa me dard siyaa thaa to mujhe usne caar dilwaa di thi agar ab tumhaari taang me dard diyaa hai to avashy wo aapko bhi badi si car dilwayegaa fir dard bhi apne aap bhag jaayegaa ,rab kaa shukr karo ----bhagwaan aapki muraad jaldi poorn kare |
ReplyDeleteप्राइवेट मेल पब्लिक कर रहे हो.. दूसरी टाँग भी जाएगी बच्चू ...
ReplyDeleteप्यार में टांगें तुड़वाने की पुरानी प्रथा है , एकदम सही जा रहे हो,सूजन कम हो जाए तो खबर करना, पूजा के नुक्से सही हैं, पार्टी कोई भी दे रहा हो हमें बुलाना नहीं भूलना
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