सबसे पहले मैं चर्चा करना चाहूँगा ओ जानेमन गीत की.. यह धुन इस अलबम के भारत में आने से पहले ही एक सिनेमा में रिलीज हो चुकी थी.. जिसे सोनू निगम ने गाया था और उसका धुन नुसरत ने ही दिया था.. उसके बोल थे एक दिन कहीं, हम दो मिले.. और तीसरा कोई न हो.. इन दोनों गानों कि सबसे बड़ी खूबी यह थी कि दोनों ही गीत अपने आप में लाजवाब थी.. जीतनी खूबसूरती से नुसरत ने इसे गाया था, सोनू निगम ने भी इससे पूरा इन्साफ किया.. तू मेरा दिल, तू मेरी जान भी इसी धुन पर है जिसमे आप सूफियाना अंदाज देख सकते हैं.. जो मेरा सबसे पसंदीदा है..
अभी थोडी जल्दी हो रही है और गीत भी नेट पर नहीं मिल रहे हैं सो फिलहाल आप यह गीत सुनिए.. बाकि बाते बाद में करते हैं.. :)
गीत! सूफियाना अंदाज में..
तू मेरा दिल, तू मेरी जान..
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यह दूसरा गीत जो इतने रोमांटिक अंदाज में गाया गया है जिसे सुन कर कोई भी मदहोश हो जाए.. इसके एक एक शब्द से रोमांस झलकता सा नजर आता है.. सच कहूँ तो इस गीत को सुनने के पहले मैं कभी सोच भी नहीं सकता था की नुसरत इस तरह के गीत भी गा सकते हैं.. इसमे नुसरत ने संगीत की एक नयी ऊंचाईयों को छुवा है.. अपने आस पास के कई लोगो में मैंने पाया है की वह नुसरत को पसंद नहीं करते हैं जिसके पीछे सबसे बड़ा कारण होता है उसकी भाड़ी आवाज.. मगर इस गीत में उसने अपने भाड़ी आवाज को बेहद कोमलता से अपनी आवाज से सजाया है.. इसे आप भी सुने और अपनी राय बताये..
ये शाम फिर नहीं आयेगी..
ये शाम फिर नहीं आयेगी..
कुछ ना कहा तो,
कुछ ना सुना तो,
यूँ ही ढल जायेगी..
ये शाम फिर नहीं आयेगी..
ये शाम फिर नहीं आयेगी..
आज ही कर लो दिल कि बात,
कल पछताओगे..
आज अगर तुम पास ना आये,
फिर कब आओगे?
ये पल बीत गया तो जानम,
कहाँ जाओगे?
तन्हाई का दर्द कभी तुम,
सह ना पाओगे..
ये शाम फिर नहीं आयेगी..
ये शाम फिर नहीं आयेगी..
दिलरुबा.. ओ मेरे दिलरुबा..
क्या किया, ये तुमने क्या किया..
दिल मेरा, क्यों कहाँ खो गया..
पल में क्यों, तेरा ही हो गया..
जाने क्या नशा है तेरी आँखों में..
जादू सा भरा है तेरी बातों में..
सांसे तेरी महकी मेरी सांसो में..
तेरी ही झलक मेरी आँखों में..
तेरे सिवा है क्या?
दुनिया में मेरी जान..
तू है मेरी जिन्दगी.. पास आ...
ये शाम फिर नहीं आयेगी..
ये शाम फिर नहीं आयेगी..
आज हम ए सनम आज हम..
भूल कर दुनिया के रंजो गम..
ये कसम.. कसम है प्यार की..
साथ हो.. साथ हो हर कदम..
यूँ ही तेरी आँखों में मेरी आंखे हों..
छोटी-छोटी प्यार भरी बातें हो..
भींगी-भींगी रंग भरी शाम हों..
जागी-जागी यादें तेरी रातें हो..
तेरे सिवा है क्या?
दुनिया में मेरी जान..
तू है मेरी जिन्दगी.. पास आ...
ये शाम फिर नहीं आयेगी..
ये शाम फिर नहीं आयेगी..
कुछ ना कहा तो,
कुछ ना सुना तो,
यूँ ही ढल जायेगी..
ये शाम फिर नहीं आयेगी..
ये शाम फिर नहीं आयेगी..
नुसरत की गायकी का अपना अंदाज है, जिस का कोई जवाब नहीं।
ReplyDeleteमदहोश तो कर दिया!!!
ReplyDeleteबहुत मेहरबानी आपकी इस सौगात के लिए !
ReplyDeleteमेरे दूसरे रूम मेट ने आदत डलवायी थी नुसरत की......झकास
ReplyDeleteकाफी अच्छा लिखा है तुमने..बहुत खूब..! गाने को सुनकर लिखना बहुत की मुस्किल काम है.. जैसा की मैंने पहले ही कहा था की मैं भी बहुत बड़ा फैन हूँ उनका..!
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