हवायें उड़ा ना पायेंगी मुझे..
लोग मुझे मोटा कहकर पेपरवेट कि तरह,
मेरी बातों को दबाने का प्रयास भी किया करेंगे..
किसी मटके सा मेरा पेट होगा,
गालें फुली होंगी चर्बी से..
किसी मोटे सेठ सा मेरा हुलिया होगा
लोग मुझे उसी स्तर का समझ सलाम ठोकेंगे..
गरीबी रेखा से नीचे वालों के लिये,
मैं ईर्ष्या की वस्तु होऊंगा..
अपने दबे-पिचके पेट, सूखे गालों कि तुलना
वो मुझसे किया करेंगे..
इज्जत का चिथड़ा उड़ाकर
ऐ मोटे कहकर दोस्त लोग बुलायेंगे..
मैं मन ही मन गालियां देकर
और उपर से खींसे निपोर कर रह जाऊंगा..
एक दिन जब मैं मोटा हो जाऊंगा तब,
हवायें उड़ा ना पायेंगी मुझे..
आप कविता भी कर लेते हैं। मोटे आदमी पर इतनी बारीक कविता?
ReplyDeleteप्रशान्त,
ReplyDeleteहमारे मन की बात कह दी तुमने, सारे नुस्खे आजमा कर देख लिये । वजन कम होने की वजह से बार बार लडकियाँ भी सीरियसली नहीं लेती और हर महीने नयी गर्ल फ़्रेंड तलाशनी पडती है ।
कोई अचूक नुस्खा हो तो हमे जरूर बताना, तब तक तुम्हारे गम में हम और हमारे गम में तुम शरीक हो ।
बहुत ही सुन्दर कविता लिखी है, मोटे पर अगर मोटा होना हो तो रोजाना मेकडनल मे खाना का लो बिलकुल अपनी कविता की तरह से मोटे बन जाओ गे.
ReplyDeleteधन्यवाद
कविता तो ठीक है.. पर जब आप मोटे हो जाओगे तो पतलेपन के सुनहरे दिनों की याद सतायेगी.. डायटीग के नुस्खे याद ्करोगे...
ReplyDeleteचपाती घी से चुपड़ना प्रारम्भ कर दो!
ReplyDeleteभाई , तीस पार हो जाने के बाद अपने आप चर्बी चढ़ने लगेगी।
ReplyDeleteबाकी कविता मजेदार है, अच्छी है...
अजित जी, तीस के पार हूँ अब और चर्बी भी बढ़ने लगी है. :-)
Deletekavita to kafi achchi hai... bahut khub..! likin ek baat hai ..jo mijhe bhi iska intejaar hai...ye prashant mota kab hoga...?
ReplyDeleteकुछ मोटापा चाहिए तो ब्लागिंग से अच्छा कुछ नही है ! भाई हम तो बिना कुछ जतन करे ३ किलो प्रति माह के
ReplyDeleteहिसाब से गेन कर रहे हैं ! और ज्यादा जल्दी हो तो चाय/कोफी की मात्रा और शुगर तेज करदो ! फ़िर भी सफलता ना मिले तो ताऊ की भैस का शुद्ध दूध सेवन करो ! बस भाई मुफ्त में तो इससे ज्यादा फार्मूले नही दे सकते ! :)
कुछ पक्का फार्मूला मिले तो हमको भी बताना ! हम भी लाइन में हैं !
ReplyDeleteThis comment has been removed by the author.
ReplyDeleteअजित वडनेरकर जी सही कह रहे हैं.
ReplyDeleteमै भी आपके जैसा हूँ
मुझे भी यही कहा है की ३० के बाद मोटा हो जाऊंगा .
देखते हैं क्या होता है
कविता अच्छी है
और कविता शर्मा तो क्या कहने :)
BAHUT ACHCHHE SIR MOTE VAYAKTI KO SAHI ME HAVA NAHI UDA PATI HAI... ACHCHHI KAVITA KI AAPNE...
ReplyDelete