एक ऐसा इंतजार जो कभी लगता है,
खत्म ना ही हो तो अच्छा है..
दिल को सकून तो मिलता है,
कि तुम भी शायद इसी इंतजार में हो..
मेरे इंतजार में..
भुलावे में जीना भी कभी-कभी
जीने कि वजह बन जाती है..
तुम कभी वापस मत आना..
शायद यह खुशफहमी खत्म ना हो जाये..
जीने की वजह ही खत्म ना हो जाये..
तुम कभी वापस मत आना..
प्लीज मत आना..
मेहदी हसन जी का एक गीत..
very good
ReplyDeleteऐसा इंतजार जिस का अंत ही न हो? बहुत बोर विचार है।
ReplyDeleteभाई क्या बात करते हॊ??किस से नारज हो??? रंजिश ही सही दिल दुखाने के लिये आ....
ReplyDeleteसतात इन्तजार का अलग मजा है और अलग चिन्तायें।
ReplyDeleteअच्छी पोस्ट।
शायद यह खुशफहमी खत्म ना हो जाये..
ReplyDeleteजीने की वजह ही खत्म ना हो जाये..
तुम कभी वापस मत आना..
प्लीज मत आना..
" very emotional thought'
regards