बोल में बस गालियों की भरमार है, सो मैं यहां इसे लिख रहा हूं मगर जहां कहीं भी गालियां होगी वहां आपको सेंसर बोर्ड द्वारा पास किये गये किसी सिनेमा कि तरह बीप ही पढने को मिलेगा.. :) अब मैं गाने को तो एडिट नहीं कर सकता हूं सो आप अगर सुनना चाहते हैं तो नीचे विजेट लगाया हुआ है.. वहां जाकर सुने..
मैं एक बार फिर बताना चाहूंगा कि आप इसके बोल पर ध्यान ना देकर बस गिटार पर ध्यान दें.. सच में जबरदस्त है..
दोस्तों में बैठा, मैं सुट्टा पी रहा..
पापा ने मुझे सुट्टा पीते देख लिया..
घर जब पहूंचा मुझे बीप हो गया..
बीप सुट्टा, सुट्टा ना मिला..
बीप सुट्टा, सुट्टा ना मिला..
बीप सुट्टा, सुट्टा ना मिला..
बीप सुट्टा, सुट्टा ना मिला..
कालेज में गया, मुझे प्यार हो गया..
उसने भी मुझसे मेरा सुट्टा छीन लिया..
सड़कों पे घूमा मैं तन्हा रह गया..
बीप सुट्टा, सुट्टा ना मिला..
बीप सुट्टा, सुट्टा ना मिला..
बीप सुट्टा, सुट्टा ना मिला..
बीप सुट्टा, सुट्टा ना मिला..
शादी हुई, मैं हसबैंड बन गया..
रात भर बीप, मैं थककर गिर गया..
खुशियों की खातिर मेरा सुट्टा छीन गया..
बीप सुट्टा, सुट्टा ना मिला..
बीप सुट्टा, सुट्टा ना मिला..
बीप सुट्टा, सुट्टा ना मिला..
बीप सुट्टा, सुट्टा ना मिला..
बीप सुट्टा, सुट्टा ना मिला..
बीप सुट्टा, सुट्टा ना मिला..
बीप सुट्टा, सुट्टा ना मिला..
बीप सुट्टा, सुट्टा ना मिला..
बीप, बीप, बीप बीप बीप बीप..
बीप, बीप, बीप बीप बीप बीप..
बीप, बीप, बीप बीप बीप बीप..
बीप, बीप, बीप बीप बीप बीप.. :)
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bharat mein isko xl tree naam ke band ne famously gayaa hai. waise gana pakistani hai.
ReplyDeleteवाह, मजेदार!
ReplyDeleteसही है!!
ReplyDeleteसुना, आसपास सैंकड़ों लोग इन शब्दों का व्यवहार करते है, इस तरह कि बोलने वाले तक को पता नहीं लगता कि वह बोल गया है। लेकिन इसी शब्द को इस तरह किसी गीत में सुन कर विचित्र लगा।
ReplyDeleteजय जय सुट्टा देव की ! अति सुंदर गीत !
ReplyDeleteबेहतरीन सुट्टा गीत की रचना के लिए आपको अतिशय धन्यवाद !
ReplyDeleteअरे भूतनाथ जी, ये सुट्टा गीत मेरी रचना नहीं है.. हां कहिये तो किसी दिन आपकी भूत मंडली में शामिल होकर ये गीत गा कर सुना दूं.. :)
ReplyDeleteगाना पाकिस्तान का है.. सुन चुके है.. ऐसे और भी कई गाने है..
ReplyDeleteहां बहुत बार सुना है और कई और भी गाने ऐसे हैं। पता नहीं लोग क्या क्या सोच लेते हैं। पहली बार सुना था तो एक महफिल में। तब बहुत सी लड़कियां भी थी इस गाने की फरमाइश करने वालों में। मुझे आश्चर्य हुआ था कि मुझे पता ही नहीं था।
ReplyDeleteलेकिन पीडी नवरात्र की सुबह सुबह क्या सूझी यार तुमकों ये गाना डालने की। ठीक से कॉलेज के दिन याद भी नहीं कर सकते।
जी हाँ सुना हुआ है....इस पाकिस्ताने गाने को यहाँ बांटने का शुक्रिया
ReplyDeleteपहले नही सुना लगता है ।
ReplyDeleteनितिश जी, तभी तो मैंने होस्टल लिखा है.. ब्वाज होस्टल नहीं.. मुझे पता है कि ये गीत लिंग भेद से ग्रस्त नहीं था.. मेरी कई महिला मित्रों को यह गीत बहुत पसंद था..
ReplyDeleteये गाना वाह.. ये सच मे सुट्टा साग ही है.. बहुत बजा है हमारे हास्टल मे भी और अभी भी रखते है :)
ReplyDeleteसारे हास्ट्लस के इमोशन्स कितने मैच करते है.. :)