1-2 दिन पहले कुछ ऐसा ही मजाक किया मेरी भाभी ने.. वो तो बस बोल कर चुप हो गई.. मजे लेने लगी.. मगर तभी मैंने उन्हें आगे का दॄष्य दिखाया.. मैंने कहा -
अब प्रशान्त अपना ब्लौग पोस्ट करके वापस आ गये और फिर से रोमांटिक माहौल बनाने लगे.. जब माहौल पूरी तरह से रोमांटिक हो चुका था तभी उसकी बीबी उठी और बोली अभी आती हूं.. वो भी कंप्यूटर ऑन की और पोस्ट पढकर उसपर टिपियाने लगी.. और हो गया पूरे रोमांटिक माहौल का पूरी तरह से कबाड़ा.. :)
और ये सुन कर भाभी खुश होकर हंसने लगी.. भाभी होती ही ऐसी हैं.. देवर के रोमांटिक माहौल का कबाड़ा सुनकर कितना खुश होती हैं.. :)
हा हा हा :)
ReplyDeleteवाकई रोमांटिक... लगे रहो.
essa bhi hota rahta hai....priwaar mai
ReplyDeleteहम घर में सब से बड़े तो, कोई भाभी थी ही नहीं। नहीं जानते कि भाभियाँ कैसी होती हैं?
ReplyDeleteबहुत रोमांटिक..
ReplyDeleteइसके बाद घर वाले एक पोस्ट लिखते हैं। आधी प्रशान्त के समर्थन में आधी उनकी पत्नी के समर्थन में और दोनों के कहते हैं आओ टिपियाओ बारी-बारी से।
ReplyDeleteआपकी पोस्ट जितनी अच्छी लगी उतनी ही अच्छी लगी अनुप जी की टिप्पणी ।और क्या कहे बाकी प्रशांत और उनके भाभी के बीच का मामला है!
ReplyDeleteआपकी छोटी सी दुनिया में हँसता-खेलता घर परिवार मिलता है, यहॉं आता हूँ, चाय पीता हूँ(अपने घर में)और हॅसता हुआ चला जाता हूँ(आपके ब्लॉग से)।
ReplyDelete:) बहुत बढ़िया पोस्ट ..और उस पर अनूप जी की टिप्पणी :)बहुत रोमांटिक है दोनों ही :)
ReplyDeleteअनूप जी और रंजना दीदी, मुझे बस यह बता दिजिये कि घर वालों को कैसे पता चलेगा कि रात भर हमारे बीच झगड़ा हुआ या नहीं? :)
ReplyDeleteजितेन्द्र जी, चलिये जानकर अच्छा लगा कि आप यहां आकर खुश होकर हंसते-खेलते आते-जाते हैं.. :)
ReplyDeleteदिनेश सर जी, आप सबसे बड़े थे तो चाची जी(आपकी धर्मपत्नी जी) भी तो सबकी भाभी रही होंगी.. उनसे पूछ लिजियेगा.. :D
ReplyDeleteहा हा!! घर वालों की पोस्ट ही मजेदार रहेगी. :)
ReplyDeleteहा..हा...हा....कल्पना मजेदार है।
ReplyDeleteहमसे मिले तुम सनम तुमसे मिले हम ...ब्लाग में....
घर वाले समझदार होते हैं।इन दौरों से गुजर चुके होते हैं। या तो चेहरे लटके होंगे या फ़िर दोनों एक-दूसरे के साथ बेवजह चहक रहे होंगे। उसी से झगड़े की पोल खुलेगी।
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