इसमें जिस तरह के गाने हैं वैसे गाने मुझे रात के अंधेरे में सुनने में जाने क्यों अच्छा लगता है.. 7-8 गानों का छोटा सा कलेक्शन इस फोल्डर में दिखा.. मैंने गानों को चालू कर दिया.. आवाज इतनी कि विकास की नींद ना खुले.. मगर मैं जानता था कि वो अभी जगा ही होगा.. गाने कि शुरूवात हुई सेलिन डिओन के एक गाने से जिसके बोल थे "That's the way it is.." फिर "हमको दुश्मन कि निगाहों से ना देखा किजे.." उसके बाद गुलजार कि बारी, "खामोश सा अफ़साना.." अगले दो गीतों को मैंने आगे बढा दिया.. अब गीत सुनने का भी मन नहीं कर रहा था.. मगर गानों को बंद करने से पहले ही गुलाम अली कि आवाज कानों में पड़ी जिसे मैं नजर अंदाज करके गाने बंद नहीं कर पाया.. "किया है प्यार जिसे हमने जिंदगी की तरह.." मैं ये गाना गुलाम अली के अलावा जगजीत-चित्रा की आवाज में भी सुन चुका हूं.. एक बार किसी और की आवाज में भी सुना था ये गीत मगर याद नहीं किसकी आवाज थी.. खैर मुझे तो ये गुलाम अली के आवाज में ही अच्छा लगता है.. फिर सोने से पहले इसे 4-5 बार सुना.. घड़ी में देखा रात के 2 बज चुके थे.. फिर शायद नींद आ ही जाये सोचकर गानों को बंद करके लेट गया.. जाने फिर कब नींद आ गई..
आप फिलहाल ये गीत सुनिये.. बाकी बातें बाद में करते हैं.. और अगर आपको यह जानकारी हो कि ये गीत किसी और ने भी गाया है तो मुझे बताना ना भूलें..
किया है प्यार जिसे, हमने जिंदगी की तरह..
वो आसनां भी मिला, हमसे अजनबी की तरह..
बढा के प्यास मेरी, उसने हाथ छोड़ दिया..
वो कर रहा था मुरौव्वत भी दिल्लगी की तरह..
किया है प्यार जिसे, हमने जिंदगी की तरह..
वो आसनां भी मिला, हमसे अजनबी की तरह..
किसे खबर थी बढेगी, कुछ और तारीखी..
छुपेगा वो किसी बदली में चांदनी की तरह..
किया है प्यार जिसे, हमने जिंदगी की तरह..
वो आसनां भी मिला, हमसे अजनबी की तरह..
कभी ना सोचा था हमने कतील उसके लिये..
करेगा वो भी सितम हमपे, हर किसी की तरह..
किया है प्यार जिसे, हमने जिंदगी की तरह..
वो आसनां भी मिला, हमसे अजनबी की तरह..
गुलाम अली की आवाज में ये गीत यहां है -
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जगजीत-चित्रा की आवाज में ये गीत यहां है -
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बहुत अच्छा गजल सुनवाया आपने। वैसे गजल सही से सुना जाए तो वो आपको अतीत में ले ही जाएगी, आप गुम हो जाएगें। और यही हुआ अभी मेरे साथ।
ReplyDeleteशुक्रिया।
और भी दुख हैं ज़माने में मुहब्बत के सिवा
ReplyDeleteराहतें और भी हैं वस्ल की राहत के सिवा
प्रशान्त,
ReplyDeleteचलो सुकून मिला कि तुमने कश न मारा :-)
बहुत बढिया गजल सुनवाने के लिये धन्यवाद ।
नौकरी के साथ साथ कुछ खेलने कूदने का भी कार्यक्रम करो । बैडमिण्टन, टेनिस या फ़िर एक लम्बी दौड लगाकर देखो । मन को बहुत शान्ति मिलेगी ।
क्या बात है ....आप की छोटी सी दुनिया बहुत खुबसूरत है ...शुक्रिया .....
ReplyDeleteसंगीत सबसे अच्छा stess reliver है
ReplyDeletePrashantbhai
ReplyDeleteVery very nice gazalz (Both voices).
How do I download these to my hard disc plz?
-Harshad Jangla
Atlanta, USA
बहुत सुंदर गजल सुनवाने के लिए धन्यवाद!
ReplyDeleteबहुत शुभकामनाएं !