"डॉन को पहचानना मुश्किल ही नहीं, नामुमकिन है.."
अनिता जी ने प्रियंका को स्नेह देने के साथ लिखा था - बारिश में बाइक यात्रा, वाह हम तो सोच कर ही मजा ले रहे हैं। प्रियंका को खास स्नेह, इतनी तेज बाइक चलाने के लिए। हम तो कार इस स्पीड में दौड़ाते हैं, दुपहिया तो संभलती ही नहीं। रोड काफ़ी अच्छा लग रहा है। जनाब आप के ब्लोग पर जो आप का फ़ोटो लगा है और ये जो यात्रा वर्णन के फ़ोटोस हैं उसमें तो बहुत अलग लग रहे हैं। कौन से वाले आप हैं?…:)
मेरे कालेज में पढने वाली मेरी एक छोटी बहन अर्चना(कालेज में कभी उससे मिल नहीं सका था, मगर ब्लौग कि दुनिया में आकर उससे जान-पहचान हो गई..) ने भी एक बार यह प्रश्न पूछा था.. "भैया आपकी हर फोटो अलग सी क्यों लगता है?" मैंने उसे कहा था की मैं इस पर कभी विस्तार से लिखूंगा.. आज अनिता जी का कमेंट पढकर इस पर लिखने का मौका मिल गया..
आप इस चित्र को देखिये, मेरे विभिन्न रूप.. किसी भी रूप में मैं आपके सामने आ सकता हूं.. अगर मुझे पहचान सकते हैं तो पहचान लिजियेगा..
इसमे लाल रंग से जिस चित्र पर निशान बना हुआ है, मेरे उसी गेट-अप को देख कर नीता ने मेरा नाम डॉन रखा था..
कहिये आप क्या कहते हैं? :)
हा हा मेरे कमैंट की पूरी पोस्ट बन गयी, बहुत खूब, कल से 100 जगह टिपिया कर आऊंगी। मै लिखूं या न लिखूं मेरी वजह से अगर 100 पोस्ट आ गयी तो मेरा योगदान मायने रखेगा है न बड़िया ख्याल? नीता ने आप का नाम सही रखा अगर आप को जानते न होते तो यही समझते कि अरुण गावली के चेले के चित्र हैं एक्दम डॉन्। इनमें से भी कोई भी फ़ोटो उस यात्रा के चित्रों से कहीं से भी नहीं मिलता। हां ब्लोग पर लगे परमानेंट फ़ोटो से ये फ़ोटो जरूर मिल रहे हैं। अब बताइए यात्रा पर सच्ची में गये थे?…॥:)
ReplyDeleteअरे भैया हम तो डर ही गए
ReplyDeleteवाकई, हर फोटो अलग लग रही है.. एक बात बताओ.. बाल आ कर गये या जा कर वापस आ गये :)
ReplyDeleteमैं हूँ, मैं हूँ, मैं हूँ डॉन |||
ReplyDelete:D
आप के सभी चित्रों में एक बात कॉमन है। क्या? आप सोचते रहिए।
ReplyDelete"बाल" वाली बात ने तो हमें भी घुमाकर रख दिया है । भाई कोई फ़ार्मूला हो तो मिलकर पेटेंट करवा लेते हैं, फ़ार्मूला आपका मार्केटिंग हमारी और पेटेंट का पेपर वर्क भी हम ही कर देंगे :-)
ReplyDelete८०% आपका २०% हमारा, बोलो मंजूर है :-)
हैलो, डॉन!! कैसे हो...वो मार्केट संभाले रहो हमारा!!
ReplyDeleteहैलो, डॉन!! कैसे हो...वो मार्केट संभाले रहो हमारा!!
ReplyDeleteसही में डॉन हो भाई - ब्लॉगजगत के! :-)
ReplyDeleteतो डॉन भाई क्या हाल है ।
ReplyDeleteप्रशांत नाम एक रूप अनेक ।
इतने चेहरे देख कर तो सही में कोई भी नहीं पहचान पाएगा। और सच फिर डॉन को पकड़ना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन ही होजाएगा।
ReplyDeleteबारहवे मुल्क की पुलिस घूम रही है बाहर.. छुप जाओ भाई वरना प्राइवेट प्रॉपर्टी का वो क्या हाल करते है.. ये तो जानते ही हो.. :)
ReplyDeleteसच्ची के डॉन लग रहे हो.....:)
ReplyDeleteनीता जी ने गलत नामकरण नहीं किया था आपका डॉन साहब।
ReplyDeleteकमाल है... अमिताभ से लेकर शाहरुख़ तक सारे स्टाइल के डॉन हो भाई !
ReplyDeleteWaqai me in sabhi photo ko dekh ke kehna hi parega tum ho DON ;)
ReplyDeleteडान मिल गया..
ReplyDeleteमोदगिल खुश हुआ..
vaakai,gajab ke bhinn roop hai aapke.....
ReplyDeleteआप सभी का बहुत-बहुत धन्यवाद टिपियाने के लिये..
ReplyDeleteवैसे बाल आ कर गया या जाकर आया या फिर आता जाता रहता है ये राज मैं नहीं खोलने वाला हूं.. नहीं तो इस डॉन को सभी पहचान जायेंगे.. :)
बुढिया के बाल ले लो.. वो तो खाये भी जाते है..जब मन करे खा लेना..
ReplyDeletehmm, apan itta late aaya idhar, aisich photu bahut sari apni bhi hai, kisi me baal hai to jyada kisi me hai to kam ya to kisi me hai hi nai.... kisi me moonche bhi...chalo aapne idea de diya, apan bhi sab mila ke aisi hi pics apni bhi lagata hai agli fursat me
ReplyDeleteहा हा हा हम तो आजे देखे रे ....कमाल का गेटअप है रे ...ऊ नवरंग का नयका एडिशन में तुमको ही संजीव कुमार वाला रोल मिलेगा ...
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