Thursday, May 21, 2009

वोट कटुवा के रोल में Knight Riders

यूं तो राजनीति तो हर जगह होती है, चाहे वो कोई खेल हो या नौकरी करने वाली जगह हो या फिर आम जिंदगी में आस-पड़ोस के लोगों के साथ मिलकर रहना हो या फिर रिश्तों को निभाना हो.. मगर यहां आई.पी.एल. में तो वोट कटुवा वाली स्थिती भी पैदा हो गई है..

अपने शुरूवाती सभी मैच(एक को छोड़कर, वह जीत तो ऊपर वाले कि दया थी जो पानी बरसा दिया था) हारकर शाहरूक(फेक आईपीएल प्लेयर के शब्दों में डिल्डो) कि टीम कोलकाता नाईट राईडर इस टूर्नामेंट से बाहर हो चुकी है.. मगर अंत में लगातार दो मैच जीतकर वह अन्य टिमों में हड़कंप भी मचा चुकी है..

एक के बाद एक मैच हारने के बाद सबसे पहले उसने चेन्नई को धोया और बाद में राजस्थान को.. चेन्नई वह मैच हारने के बाद भी टूर्नामेंट में तो बना रहा, मगर राजस्थान को कल कि हार बहुत महंगी पड़ी और वह टूर्नामेंट से ही बाहर हो गया..

"पिछले आई.पी.एल. का विजेता इस बार सेमीफाईनल में भी जगह नहीं बना सका, शायद यही क्रिकेट कि अनिश्चितता है.."

आई.पी.एल. कि शुरूवाती दिनों से लेकर अभी तक मैं कोलकाता की जीत के खिलाफ ही रहा.. कारण सिर्फ और सिर्फ शाहरूक के घमंडी स्वभाव के कारण.. उन दिनों में गवास्कर को मिडिया के सामने बेईजत्त करते समय उसे पता नहीं था कि यह कोई मुंबईया सिनेमा नहीं है जहां अंत में अचानक से हारता हुआ हिरो अचानक से चैंपियन बन जाता है.. यह रील लाईफ नहीं रियल लाईफ है.. यहां सभी कुछ खिलाड़ियों के मनोबल और मेहनत से होता है.. जिसे शाहरूक और बेकनन (फेक आईपीएल प्लेयर के शब्दों में भोखा नान) शुरू से ही तोड़ते नजर आये.. अब यहां किसी देश कि इज्जत तो दांव पर लगी नहीं थी जो खिलाड़ी अपना जी-जान लगाते.. सो वैसे हालात में जो होना था वही हुआ भी..


पिछले 3-4 मुकाबलों में अचानक से कोलकाता कि यह टीम हर मैच को आखिरी ओवरों तक पहूंचाने में कामयाब रही.. एक कहावत है, "नंगा भगवान से भी नहीं डरता है".. लगभग यही हालात शायद कोलकाता के साथ रही हो.. उसके पास खोने को कुछ भी नहीं था और सभी खिलाड़ी अपना स्वभाविक खेल दिखाने लगे..

"जब भी किसी क्रिकेट मैच को आखिरी ओवर तक खिंचता देखता हूं तो मुझे लौंस क्लूजनर की याद आने लगती है.. आखिरी ओवरों के खेल में वह मेरा हीरो हुआ करता था.."


लौंस क्लूजनर

अभी तक सभी फिल्मी सितारों कि टीम इस प्रतियोगिता से बाहर हो चुकी है.. सबसे ज्यादा चर्चे में भी उन्हीं कि टीम रही थी, खेल या सितारों के कारण नहीं.. बल्की अपने तरिकों से इस खेल को ढ़ालने कि कोशिश करने के कारण.. शायद वे यह भूल गये थे कि वह किसी फिल्म के सेट पर नहीं हैं जहां डायरेक्टर उनके हर नखरे को सहता है.. यहां डायरेक्टर कि भूमिका में वे खुद थे फिर भी उन्हीं के नखरे ज्यादा थे..

अगर खिलाड़ियों कि बात की जाये तो मुझे कोलकाता नाईट रायडर से अगरकर का खेल अच्छा लगा.. राजस्थान और पंजाब एलेवन से पठान भाईयों का प्रदर्शन भी अच्छा रहा है अब तक.. जब सफल खिलाड़ियों कि बात करें तो हेडेन को कैसे भुलाया जा सकता है? वैसे सबसे ज्यादा निराश किया है हमारे वीरू ने अभी तक.. और भी कई नाम हैं सफल-असफल खिलाड़ियों कि जमात में, किन-किन का नाम गिनाऊं?

12 comments:

  1. हमने तो इस बार ये तमाशा देखा ही नहीं... कल पहली बार मैच का कुछ हिस्सा देखा.. वैसे हम चर्चा कर रहे ्थे इस बार अधिकतर मैच १९-२० ओवर तक चले... चाहे कितना भी कम स्कोर क्यों न हो? (मैने आंकडो का अध्य्यन नहीं किया, एक मित्र ने बताया)... ये क्या चक्कर है? टीवी टाइम या कुछ और..

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  2. इस बार ज्यादा न देख पाए। वह वक्त ऑफिस का होता है।

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  3. @ रंजन जी - मेरी समझ में यह सारा चक्कर रन रेट बनाये रखने का है.. अगर कम स्कोर वाला मैच हो रहा हो तब भी सामने वाला आराम से खेलते हुये अपने विकेट बचाना चाहता है.. जिससे उसके रन रेट पर बहुत ज्यादा असर ना पड़े.. वैसे भी अब अधिकतर टीमें रन रेट पर उम्मीद टिकाये बैठी है..

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  4. इतनी सारी टीमे और इतने मलिक वो भी बड़े सितारों के साथ मामला कुछ और ही था.....

    चेन्नई और कोलकाता वाला मॅच तो फिक्स था ऐसा हम सब का विचार है.........

    अगर आप भी उस मॅच पे कोई टिप्पणी करना चाहते है तो ज़रूर करें.....

    आगे-2 देखिए क्या होता है इन मैचों में...........

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  5. भाई ये कौन सा खेल है? उ तीन दण्डियां गाड कर लकडी से बाल को ठोकने वाला है क्या?

    भाई इमानदारी से हम को इसके बारे मे जानकारी नही है अगर कोई गिल्ली डंडा का मैच हो तो हमको बुलवा लेना.

    रामराम.

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  6. क्या कहने हैं। वोट कटुआ ,मैच हरऊवा!

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  7. Katua... Kate ke maalika banane se yahi hona chahiye.

    ShahruK samajahta hai ki woh Shah ban gaya hai.

    Use girana hi chahiye!!

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  8. इस बार आईपीएल-2 मे मैने सिर्फ कोलकाता की मैच देखा, वो भी इसलिये कि अगरकर और गांगुली टीम में थे।

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  9. सटीक विवेचन किया है आपने।

    -Zakir Ali ‘Rajnish’
    { Secretary-TSALIIM & SBAI }

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  10. maine ye baat bilkul shuru me kahee thi aur dheere dheere is baat ne zor pakdaa ki fake ipl player Srk ke dimaag ki hi upaj hai!!....aur jahaan tak Srk ke ghamand ki baat hai to iski wajah ye hai ki use bas paise banaane se matlab hai,team ke haar jeet se koi fark nai padtaa...pichhle baar bhi Srk ki team sabse zyaada munafa kamaane waali team bani thi aur is baar bhi aisi hi umeed hai....isi tarah Ipl fakie ka blog bhi ek bada publicity stunt thaa...aapne dekha hoga ki sabse bekaar team hone k baad bhi sabse zyaada vigyaapan isi team ko milte hai..sabse adhik charcha me yehi log bane rehte hai!!

    vaise IPL ab samaapt ho gaya...cricket ke deewane hone k naate maine to poori tarah se IPL follow kiya(exams ke samay bhi saare match dekhe)..meri priy team CSK is baar final me bhi nahi gayee jisse main behad aahat huaa...isi tarah Raj Royals ke baahar hone aur RCB ke final me haaarne se bhi is IPL me kuchh bahut bure pal se saamna huaa :(

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  11. aapko agarkar ka khel achha laga??? :O

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