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जी हां! मेरे पैर के टूटने का अनुभव कुछ-कुछ ऐसा ही रहा.. और तो और ये एक छुवाछूत की तरह फैलता ही चला जा रहा है.. मैं जहां काम करता हूं वहां मेरे फ्लोर पर सबसे पहले मेरा पैर टूटा.. उसके बाद तो जैसे सभी मेरा ही अनुसरण करने निकल पड़े.. एक के बाद एक अभी तक पूरे छः लोग अपनी टांगों को कुर्बान कर चुके हैं.. हर तीसरे दिन कोई ना कोई मेरे पास आकर मुझे गरिया कर जाता है कि ये सब तुम्हारा ही किया धरा है.. शुरूवात तुमने ही कि थी.. और मैं मन ही मन खुश होता हूं कि चलो इस एलाईट ग्रुप में एक और शामिल हुआ है..
चलते-चलते एक चव्वनी छाप शायरी -
पैर टूटे तो यूं टूटे कि खबर बन जाये,
ऐसे टूटे सभी का पैर जैसे जिंदगी जहर बन जाये..
तोड़ने को तो लोग दिल भी तोड़ा करते हैं,
मगर तोड़ो सभी का पैर ऐसा कि कहर बन जाये... ;)
वैसे मेरे पैर की हालत दिन ब दिन ठीक होती जा रही है.. उम्मीद करता हूं कि 1-2 महिने में पूरी तरह चंगा हो जायेगा.. :)
कौन मुहर्त में अपना पैर तुडवाया.. सब पानी पी कर कोस रहे होगें...:)take care..
ReplyDeleteजरूर ऑफिस में कोई भौतिक कारण ऐसा है जिस के कारण यह हो रहा है। उस कारण का पता लगा कर दूर करें। वरना पैर ऐसे ही टूटते रहेंगे।
ReplyDeleteचलिए पैर टूटने पर कोई खुश होने वाला तो है।
भाई द्विवेदी जी की बात भी सच हो सकती है. कहीं सीढी और फ़र्श के फ़्लोरिंग मे दिक्कत है और अगर ये सब सही है तो आप किसी पंडित को पंचांग दिखाये ..जरुर आपका पैर पंचक मे टूटा होगा..और इसका इलाज हमारे जैसे श्रेष्ठ ताऊओं को मय अच्छी दक्षिणा के सात दिन तक भोजन करवायें. फ़िर किसी का पैर नही टूटॆगा. गारंटी है.
ReplyDeleteरामराम.
TakeCare :D
ReplyDeleteजवानी में तो जुड़ जाती है बुढापे में हाल बुरा होता है
ReplyDeleteये बीमारी टिपियाने से तो नहीं फैलती :-)
ReplyDeleteisko bolte hain jahar! gazab kar daala bhai :)
ReplyDeleteभईये, जरा ध्यान दो..शनि का प्रकोप तो नहीं..झाड़ फूंक कराने में कोई नुकसान नहीं. :)
ReplyDeleteha ha ha :)
ReplyDeleteek to pair tudwa bathe hain duje post thele ja rahen hain ..waah.aap par gussa aata hai
ReplyDeletesahi mein pairwa tootal ba ?
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