Monday, October 18, 2010

हम ! जो तारीख राहों में मारे गए.

अधिक कुछ नहीं कहूँगा, बस ज़िया मोहयुद्दीन की आवाज़ में यह नज़्म सुनिए :

तेरे होंठो के फूलों की चाहत में हम,
तार के खुश्क टहनी पे वारे गए..
तेरे हाथों के शम्मों की हसरत में हम,
नीम तारीख राहों में मारे गए..

सूलियों पर हमारे लबों से परे,
तेरे होंठों की लाली लपकती रही..
तेरी जुल्फ़ों कि मस्ती बरसती रही,
तेरे हाथों की चांदी चमकती रही..

जब खुली तेरी राहों में शाम-ए-शितम,
हम चले आये लाये जहां तक कदम,
लब पे हर्फ़-ए-गज़ल, दिल में कंदील-ए-गम,
अपना गम था गवाही तेरे हुश्न की..
देख कायम रहे इस गवाही पे हम..

हम ! जो तारीख राहों में मारे गए..
हम ! जो तारीख राहों में मारे गए..

ना रसाई अगर अपनी तदबीर थी,
तेरी उल्फत तो अपनी ही तकदीर थी..
किसको शिकवा है गर शौक के सिलसिले,
हिज्र की क़त्ल्गाहों से सब जा मिले..
क़त्ल्गाहों से चुन कर हमारे अलम..

और निकलेंगे उस साख के काफिले..
जिनके राह-ए-तलब से हमारे कदम..
मुख़्तसर कर चले दर्द के फासले..
कर चले जिनकी खातिर जहाँगीर हम..
जाँ गवां कर तेरी दिलबरी का भरम..

हम ! जो तारीख राहों में मारे गए..
हम ! जो तारीख राहों में मारे गए..
हम ! जो तारीख राहों में मारे गए..




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बाद में जोड़ा गया :

इसे एक माफीनामा ही समझ लें.. इस नज़्म का फैज़ से कोई ताल्लुकात नहीं है.. यह पूरी तरह से Zia Mohyeddin का ही है..


9 comments:

  1. इस नायब पोस्ट का मूल्यांकन करना संभव नहीं
    फैज़ साहब की नज़्म को सुनकर सिर्फ बार-बार एक ही शब्द निकला :
    वाह,,,वाह,,,वाह

    संजो के रखने वाली पोस्ट

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  2. आनन्द आ गया.....

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  3. पढ़ तो कल ही लिया था, फेसबुक के नोट्स में..आज सुन कर मजा आ गया यार...
    बहुत सुन्दर..कल भी सुबह इसी नज़्म से शुरू हुई, और आज भी...क्या बात है :)

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  4. मैं पोस्ट में नीरज रोहिल्ला को धन्यवाद देना भूल गया था, यहाँ दे देता हूँ. उनसे ही मुझे यह नज़्म मिली थी.. :)

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  5. नीरज जी के द्वारा मुझे भी मीना कुमारी की नज़्म मिली थी, उनके आवाज़ में...रुको पोस्ट करूँगा एक दो दिनों में...

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  6. नायाब है ।

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  7. बेशकीमती रचना है यह...
    धन्यवाद..
    इस बार मेरे नए ब्लॉग पर हैं सुनहरी यादें...
    एक छोटा सा प्रयास है उम्मीद है आप जरूर बढ़ावा देंगे...
    कृपया जरूर आएँ...

    सुनहरी यादें ....

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  8. @ ustad ji ne bilkul sahi kaha sanjo kar rakhne wali post..

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