Thursday, May 29, 2008

हमारे पंगे भी तो देखो यारों

जब से पंगेबाज जी का चेलत्व ग्रहण किया हूं तब से कुछ बड़े-बड़े पंगे लेने लगा हूं.. एक उदाहरण यहां है.. अब पंगेबाज जी मुझे कितना नंबर देते हैं देखिये.. :)

कुछ दिनों पहले की बात है, मेरी पीठ में बहुत तेज दर्द हो रहा था सो मैंने अपने बॉस को कहा कि आज मैं जल्दी घर जाना चाहता हूं.. अब हमारे बीच जो बातें हुई वो मैं यहां लिख रहा हूं..

"Boss, Today I want to go early.."

"Why?"

"I am having back pain, thats why.."


अब क्या था, उन्हें मजाक करने का मौका मिल गया..

"Hey dude! Last night what you did with your girl friend?" उन्होंने मुस्कुराते हुये पूछा..

मैंने कहा, "I also have a question.. Can I ask?"

"Yes-yes.. Why not.."

"Some day before you also had back pain.. Right?"

"So what? I am a married person.."


"Yah! I know.. But your wife was not in Chennai at that time.. Now tell me what you did with whom on that night?" अब मुस्कुराने की बारी मेरी थी..

उन्हें मुझसे इस तरह के उत्तर की उम्मीद नहीं थी सो करते भी तो क्या करते.. चुपचाप मुझे घूरते हुये मुस्कुराने लगे.. वो हैदराबाद से आते हैं सो हिंदी अच्छे से समझते-बोलते हैं और हिंदी सिनेमा के भी शौकीन हैं.. सो चलते-चलते मैंने फिर से कमेंट मार दिय.. "I know what you are thinking right now.. चुन-चुन कर बदला लूंगा.."

मेरी बात सुन कर वो हंसे और फिर मैं अपने रास्ते चला गया..

21 comments:

  1. sab se pehla comment mera..he he he..waise aap k boss sahi qus kiye.ye baat mere dimag me kyo nai aaye??

    ReplyDelete
  2. खतरनाक बात है.
    सब जगह पंगे सही पर बॉस के साथ नई.
    और पंगेबाज का चेलात्व एक खतरनाक वस्तु है.
    सावधान!!!

    ReplyDelete
  3. खतरनाक बात है.
    सब जगह पंगे सही पर बॉस के साथ नई.
    और पंगेबाज का चेलात्व एक खतरनाक वस्तु है.
    सावधान!!!

    ReplyDelete
  4. अनाम जी आप हैं कौन? वैसे आपने ऐसा कुछ भी नहीं कहा जिससे आपको अपना नाम छुपाना परे.. :)
    वैसे मैं जवाब नहीं देने वाला हूं.. कुछ अपना भी सीक्रेट होना चाहिये.. सीक्रेट नहीं तो उसका भ्रम ही सही.. :D

    ReplyDelete
  5. देखो ओ दिवानो तुम ये काम ना करो
    बिना गुरू दक्षिणा के बदनाम ना करो :)

    ReplyDelete
  6. अरे नहीं जी.. मैं तो आपकी जानकारी के बिना ही आपका चेलत्व ग्रहन कर लिया हूं.. ठीक वैसे ही जैसे एकलव्य ने किया था और मुझे उसकी दक्षिणा याद है.. मैं एकलव्य जैसी गलती नहीं दोहराऊंगा.. :D

    ReplyDelete
  7. प्रशांत बड़ी जल्दी-जल्दी पंगे लेने के सारे गुर सीख रहे हो....:-) वैसे अरुण भाई को गुरुदक्षिणा देना मत भूलना..

    ReplyDelete
  8. ठीक है किसी दिनबाबा फ़रीदी के आश्रम मे आकर गंडा बधवा लो नाम ले लॊ,हम गुरु द्रोंण की तरह नही है वैसे भी अब अगूंठे का फ़ैशन नही है,ना हथियार चलाने मे काम आता ना की बोर्ड, उसके ले के भी क्या करेगे, रही बात किसी को दिखाने की तो वो हमारे पास दो है जी :)

    ReplyDelete
  9. एकलव्य तो ठीक है पंगा पूरा सीख के लेना अभिमन्यु को ख्याल में रखना।

    ReplyDelete
  10. एक डॉ होने के नाते बता दूँ कमर दर्द के ओर भी कई कारण है...बॉस से पंगा न ले तो अच्छा है......

    ReplyDelete
  11. रोचक! सरकारी हाईरार्की में ऐसी चुहुलबाजी बॉस के साथ नहीं चलती।:)

    ReplyDelete
  12. Dont take panga with Boss
    Nahi to ho jayega Danga.. :)

    ReplyDelete
  13. पंगेबाज के चेले बनने के फायदे देखे . क्या बात है!!! मोर्चा सम्हाले रखिये.)

    ReplyDelete
  14. भाई जी, पंगेबाजी अरुण जी के पास ही रहने दें. आप क्यूँ नौकरी की बस्ती में मस्ती कर रहे हैं. :)

    ReplyDelete
  15. अनामी भाई आपके बास तो नहीं :-)

    पंगे लेना जारी रखें, और "तोहफ़ा तोहफ़ा, लाया लाया" वाले गाने भी सुनायें कभीं । पढकर अच्छा लगा कि आप भी शौकीन हैं थोडे सस्ते गानों के, :-)

    ReplyDelete
  16. अरुण जी के दक्षिणा वाले संकेत पर गौर करो प्रशांत वर्ना पता नहीं वो क्या पंगा कर बैठेंगे।

    ReplyDelete
  17. वाह भैया, मजा आ गया... आपके पोस्ट मैं हमेशा से पढता आ रहा हूँ, पर कमेंट पहला है. मेरा मानना है कि ये पंगेबाजी भी बहुत जरूरी होती है वरना आपके बॉस आप पर चढ़ बैठते हैं... और ऐसे हसीन हादसों के बगैर ऑफिस का मजा भी क्या...???

    ReplyDelete
  18. वाह भैया, मजा आ गया... आपके पोस्ट मैं हमेशा से पढता आ रहा हूँ, पर कमेंट पहला है. मेरा मानना है कि ये पंगेबाजी भी बहुत जरूरी होती है वरना आपके बॉस आप पर चढ़ बैठते हैं... और ऐसे हसीन हादसों के बगैर ऑफिस का मजा भी क्या...???

    ReplyDelete
  19. गुड है बॉस!
    ऐसे रिश्ते बनें रहे आपके बॉस से, पन ज्यादा पंगा न लिजो, बिगड़ैल घोड़े और बॉस मे कोई अंतर नई होता , क्या पता कब मूड सरक जाए। ;)

    ReplyDelete