ये पिल्ला अपनी मां और भाई-बहनों को जाता देख रहा है..
क्या शीर्षक दूं, समझ में नहीं आ रहा है
अभी कल ही दो दिनों के ट्रिप से लौटा हूं.. येलगिरी नामक जगह पर गया था जो तमिलनाडु का एक हिल स्टेशन है.. अभी फिलहाल इन चार चित्रों को देखें, लिखने का मन किया तो वहां के भी किस्से सुनाऊंगा..
ये पिल्ला अपनी मां और भाई-बहनों को जाता देख रहा है..
ये पिल्ला अपनी मां और भाई-बहनों को जाता देख रहा है..
तस्वीरें तो देख लीं, अब सफ़रनामा कब सुना रहे हैं?
ReplyDeleteरोचक चित्र हैं...किस्से भी बताएं...तो और मजा आएगा...
ReplyDeleteनीरज
sunder chitra, pille wala bahut bhavuk bana gaya.kis soch mein duba hai wo?
ReplyDeleteपहला चित्र कहता है कि गरीबों के घर सब जगह एक से हैं, जीवन को इस से अधिक जरूरी नहीं।
ReplyDeleteab kisse kab bataoge
ReplyDeletebahut achhe hai..ye chitra..poore india me aise drishya aam hai..
ReplyDeleteअरे भाई कुछ लिखो भी.
ReplyDeleteशीर्षक.. "मस्त फोटू"
ReplyDeleteटिप्पणी.."मस्त फोटू"
वाह प्रशांत ,
ReplyDeleteभई फ़ोटुएं बता रही हैं कि खूब घुमाई हो रही है ..फ़ोटो देख के ही शांति और सकून सा मिल रहा है ..सफ़र नामा सुनने को बेकरार हैं
नाम में क्या रखा है.. चचा शेक्सपियर भी कह गये..what's in a name?
ReplyDeleteवृत्तांत भी सुनाइये त्तो और मजा आये.
इस प्यार को क्या नाम दूं!
ReplyDeleteaji naam hona chahiye "yatra vrittant baad me likhunga."
ReplyDeleteyah hai to hill station, lekin isme hill kahan hai?
zaroor kuch na kuch lekar aaye ho sath mein..
ReplyDeletebahut aalsi ho gaye ho...kuch karne padega tumhara
ReplyDeleteदोबारा देखते हुए चमका...इसका तो एक ही शीर्षक हो सकता है "TANDELI" :D
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