मैं आजकल जो भी ब्लौग पढ़ता हूं वह सारे गूगल रीडर के माध्यम से ही पढ़ता हूं.. ऐसा नहीं है कि मैं कुछ पुराने और अपने पसंदिदा ब्लौग को छोड़ और कुछ पढ़ना ही नहिं चाहता हूं, कारण यह है कि आजकल किसी अग्रीगेटर पर जाकर अच्छे ब्लौग पोस्ट छांटने का मेरे पास समय नहीं है.. अब ऐसे में नये ब्लौग को भी पढ़ने-पढ़ाने का जिम्मा उन ब्लौगों के हिस्से आ जाता है जो निरंतर नये ब्लौगों का लिंक अपने ब्लौग पर देते रहते हैं..
इस तरह के नये लिंक सबसे ज्यादा मैं चिट्ठा-चर्चा ब्लौग से ही प्राप्त करता था.. फिर एक दिन अचानक से उसके फीड मिलने बंद हो गये.. कुछ दिन मैं इंतजार करता रहा कि शायद सब ठीक हो जाये.. फिर जब अनूप जी चेन्नई आये तो मैंने उनसे भी यह बात कही और उनसे पता चला कि यह शिकायत सिर्फ मेरी ही नहीं है, यह शिकायत उन्हें और जगहों से भी मिल चुकी है.. उन्होंने अपनी तकनिकी अनभिज्ञ्यता भी जतायी और बताया कि ऐसे में क्या करना चाहिये इसका ठीक-ठीक ज्ञान उन्हें नहीं है.. "वैसे सही बात तो यह है कि इसका ज्ञान मुझे भी ज्यादा कुछ नहीं है.."
खैर आज जैसे ही गूगल रीडर खोला तो पाया कि चिट्ठा-चर्चा की पुरानी सारी प्रविष्ठियां गूगल रीडर में से तांक झांक कर रहा है जो तस्वीर में साफ दिख रहा है.. सभी कि सभी पढ़ी और कई बढ़िया लिंक भी मेरे रीडर में जुड़ गये हैं..
चलते-चलते मेरी एक आदत गूगल रीडर के बारे में..
जिस किसी ब्लौग का पूरा फीड मुझे उपलब्ध नहीं होता है उसे मैं अपने गूगल रीडर से हटा देता हूं.. बस तीन ब्लौग ही ऐसे हैं जिनका फीड पूरा नहीं होते हुये भी मेरे रीडर में जगह बनाये हुये है.. डा. अनुराग आर्य जी का ब्लौग, कुश का ब्लौग और अमित जी का ब्लौग ("दुनिया मेरी नजर से" वाले अमित जी)..
बारिश में छप्पर फ़ट ही जाते हैं। पहले जो नहीं मिला वओ मिल ही जाता। वैसे इस बारे में अभी भी मैं कुछ नहीं जानता। :)
ReplyDeleteहम तो आपके फि़ड को स्क्रोल कर देखने की नाकामयाब कोशिश कर आये.. आदतन स्क्रोल बार देख माऊस खिसका दिया.. फिर समझ आया ये तो पिक्चर है.. (आपके IT वाली पोस्ट की तरह)
ReplyDeleteनया छप्पर लगवा देने.. बरसात का मौसम है..:))
हाँ इस बात पर तो हमने भी गौर फरमाया है :)
ReplyDeletehum to abhi tak google reader ka use hi nahi kar rahe hain, tab kya aap hamaraa blog nahi padhenge, just joking,
ReplyDelete.. lekin ab lagta hai google reader ka istemaal kiya jaaye.
Badhiya.
ReplyDelete@ Neelima ji - Aapake Google Reader use karne naa karne se kuchh nahi hota hai.. ham to aapke blog ka bhi Feed pakar kar padhte hain.. balki ye kahiye ki aapka blog mere us list me hai jisko ham har din check karte hain ki kuchh update hua hai ya nahi.. :)
ReplyDelete@ Rajan ji - ise post karne ke baad main jab check kar raha tha tab main bhi us photo ko scroll karne ki koshish kar chuka hun.. :D
ReplyDeleteमुझे आईडिया नहीं था कि चर्चा की फीड नहीं मिल रही है.. हम अभी पता लगते है.. वैसे हमारी फीड भी आपको नहीं मिल रही है.. ये तो चिंता का विषय है.. हमारा फीड बर्नर वाला यु आर एल ले लीजिये.. और हमारे ब्लॉग पर भी ऑप्शन है सबस्क्राइब करने का.. http://feeds.feedburner.com/kushkikalam
ReplyDeleteअच्छा अच्छा पूरी फीड की बात कर रहे हो.. हां यार काफी लोगो को दिक्कत तो है.. पर सिक्योरिटी की वजह से कर रखा था अब तक.. अब लगता है पूरी फीड ही करनी पड़ेगी.. बाय द वे थैंक्स! दोस्ती का फ़र्ज़ ऐसे ही निभाते रहो.. और हाँ उस पी डी ऍफ़ के लिए भीथैंक्स
ReplyDeleteनूर साहब का कहना है....
ReplyDeleteजब लेता है तो चमड़ी उधेड़ लेता है।
हम तो पूरी फीड दे रहे हैं क्या पता कोई सब्सक्राईब भी कर रहा है कि बस यूँ हीं दुकान खोले बैठे हैं :)
ReplyDeleteवैसे anoop जी की तरह इस बारे में भी इस बारे में कुछ नहीं जानता
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