कल रात बैंगलोर से बस पकड़ते समय मम्मी को एक एस.एम.एस.लिखा था.. "miss you mommy!! :'( "
समय बड़ा बलवान हो भैया!!
जैसे-जैसे समय भागता जा रहा है, ठीक वैसे-वैसे ही मायूसी भी बढ़ती जा रही है.. लगता है जैसे दोनों समानुपाती हैं.. डर लगता है, कहीं मायूसी डुदासी का और उदासी अवसाद का सबब ना बन जाये.. मुझे इस मायूसी के कारणों का भी ज्ञान है, मगर वे कुछ वैसी ही बातें हैं जिसे मैं किसी से भी बांटना नहीं चाहूंगा!! देखता हूं कि आगे क्या होता है? वैसे भी कहा गया है, "समय से पहले और भाग्य से अधिक किसी को कुछ नहीं मिलता है" और मजे कि बात ये है कि आजकल मैं ये मानने भी लग गया हूँ..
कल रात बैंगलोर से बस पकड़ते समय मम्मी को एक एस.एम.एस.लिखा था.. "miss you mommy!! :'( "
कल रात बैंगलोर से बस पकड़ते समय मम्मी को एक एस.एम.एस.लिखा था.. "miss you mommy!! :'( "
का हो बबुआ एतना चिंता उनता करी के कहाँ जाई,आई हो दादा, बाल उल सफ़ेद होक्खे खाली..कोई बियाहो नइखे करत तब...एतना न सोचा हो...सब ठिक्के हो जात. सबर करी तनी.
ReplyDeleteलो अब हमलोग नजूमी तो हैं नहीं जो समझ जाएँ...ये मायूसी,उदासी,अवसाद क्यूँ है....जो भी हो..आप जल्दी उस मूड से निकल आएं...बस यही दुआ कर सकते हैं..
ReplyDeleteमाँ पे एक बडा अच्छा शेर याद आ रहा है...पर आप शायद और सेंटी हो जायेंगे...
(ये समानुपाती का प्रयोग...बरसों बाद देखा..)..
PEHLI BAAR BLOG PAR AYA HOON BAHUT ACHA LAGA......
ReplyDeleteTime never stands still...
ReplyDeleteek gana yaad aa raha hai...
ReplyDeleteDuniya mein kitna gam hai,
mera gam kitna kam hai...
समय तो बलवान होता ही है .. पर कुछ लोग दूसरों को देखकर समझ जाते हैं .. और कुछ खुद से महसूस करने के बाद !!
ReplyDeleteलो कल्लो बात और लिखो उदासी राग ...सोलह आना सच का सामना करती पोस्ट ;लिखे हो ..तो दन्न से पूजा जी असली मर्ज़ भांप के तुम्हरा prescription लिख गई हैं , बस बच्चा ..हाथ ऊथ पीला करो ..अरे यार अपना नहीं ...अपनी कनिया का जी , समझे .....
ReplyDeleteअजय कुमार झा
थोड़ा मन पसंद संगीत वगैरह सुनो भाई..अच्छा लगेगा!!
ReplyDeleteअभी सुन रहे हैं "माचिस" के गाने.. ये तो और उदास किये दे रहा है.. :(
ReplyDeleteबकलोल हो, माचिस के गाने सुन रहे हो...फिर कहोगे जगजीत सिंह सुन रहे हैं...ई सब कोई मूड अच्छा करने का उपाय है. कोई तोडू फोडू गाना सुनो, हल्ला मचाओ, दू चार ठो दोस्त को बुलाओ, हाहा ठीठी करो...टंच हो जाओगे.
ReplyDeleteDard-e-disco sun lo, shayad jee halka ho jaaye...
ReplyDeleteAur dhoom dham dekhni hai to yeh dekh lo, Radio per is gaane ne neend haram kar rakhi hai...;)
http://www.youtube.com/watch?v=IxoBbpmMxKo
पूजा की दूसरी सलाह पर गौर करो पद..... तुम वाकई बहुत भावुक हो... इतने दिन बाद भी नहीं सुधरे?
ReplyDeletePD, फ़टाफ़ट एक काम करो...आज लंच मे शुद्ध तीखी लाल मिर्ची की लहसुन वाली चटनी ७४ ग्राम (वजन करवाके) सिर्फ़ एक चपाती के साथ खावो. उदासी दूर होकर इतनी खुशी आयेगी की हंसते हंसते आंखों से आंसु आ जायेंगे. बिल्कुल टेस्टॆड फ़ार्मुला है.
ReplyDeleteइससे भी इलाज ना हो तो ताऊ प्रोडक्ट किस दिन काम आयेंगे?:)
रामराम.
LIFE is foreign language ;all men mispronounce it...
ReplyDeleteagain some other say.....
Nothing is a waste of time if you use the experience wisely
झांक रहे हैं मन के कोने में!
ReplyDeleteई चौदह तारिख के बगल वाले तारिख में मम्मी को मिस कर रहे हैं...का बात है???ऐसा भी का हो गया चौदह को ????
ReplyDeleteतुम्हारी हालत ठीक नहीं लग रही...
ReplyDeleteget well soon!! :)
टेक केयर..
रंजना जी, वही तो अंतर है.. माँ को आप कभी भी याद कर सकते हैं.. उसके लिए वेलेंटाइन डे कि जरूरत नहीं होती.. :)
ReplyDeleteनीरज भाई, गनवा तो मस्त है.. उसको डाउनलोड कहाँ से करे इहो बता देते तो मजा आ जाता.. उसको डाउनलोड करने का एक लिंक मिला भी तो बोलता है खली विदेशे में डाउनलोड कर सकते हैं.. अब आप ही कहिये महाराज, एक ठो गनवा डाउनलोड करने के लिए अमरीका भला कोई जाता है?
ReplyDeleteपूजा मईडम, उहे त दिक्कत हो गया है हियाँ.. कोनों दोस्तवे नहीं मिल रहा है हंसी-ठठा करे खातिर.. अब अकेले में मन उदास नहीं होगा त का डिस्को-भंगरा करेगा?
ReplyDeleteसागर भाई कह रहे हैं "अभी तक नहीं सुधरे" और हम कहते हैं,
ReplyDelete"एक इन्कलाब आई, पूरी दुनिया सुधर गई..
हजार और आये, हम ना सुधरे हैं, ना सुधरेंगे.." :)
रश्मि जी, अब तो वो शेर सुना ही दीजिए.. पेट में दर्द हो रहा है.. :)
ReplyDeleteसंजय जी, ऐसे ही आते रहिये.. ऐसी ही उटपटांग बात कहने सुनने को मिलता रहेगा.. :)
ReplyDeleteअजय भैया, कनिया-उनिया का इंतजाम पप्पा-मम्मी को ही करने दीजिए.. जहिया तक बच्चल हैं, तहिये तक बच्चल हैं.. :)
ReplyDeleteताऊ जी फार्मूला तो बता दिए, मगर ये नहीं बताये कि अगले दिन सुबह क्या होगा.. ही ही ही..
ReplyDeleteअनुराग जी और महफूज भाई तो जीवन दर्शन कि बात सुना गए.. वैसे कल उसकी जरूरत भी थी.. :)
ReplyDeleteबहुत रिप्लाई कर लिए.. बाकी सभी मित्रों को धन्यवाद दे कर निकल लेते हैं.. Thank You Very Much.. :)
हमको कब थैंक्यू दोगे? कॉलेज के दोस्तों को थोडा गरियाओ मजा आएगा :)
ReplyDeleteमस्त रहो!
ReplyDeleteफोन कर लिया करो यार.. दोस्त क्या खाली पार्टियों में फ़ोकट की पीने के लिए होते है..
ReplyDeletefir vahi baat
ReplyDeletebeta shadi kar lo..varna sab pak jayenge...