क्या आपने मेरा ढोल देखा है?
क्या आपने मेरा ढोल देखा है? क्या कहा, नहीं देखा है? तो आज देख लें, बाद में ये मत कहें कि केशू ने अपना ढोल भी नहीं दिखाया.. अभी देखने का सबसे बड़ा फायदा यह है कि आपको मैं फ्री में बजा कर भी सुना रहा हूं..
पापा जी को पैर दबवाने की आदत रही है. जब हम छोटे थे तब तीनों भाई-बहन उनके पैरों पर उछालते-कूदते रहते थे. थोड़े बड़े हुए तो पापा दफ्तर से आये, ख...
सचमुच लग रहा है घर पर हो।
ReplyDeleteरक्षाबंधन पर हार्दिक शुभकामनाएँ!
विश्व-भ्रातृत्व विजयी हो!
जी.. फिलहाल फुल मस्ती ही है.. :)
ReplyDeleteरक्षाबंधन की हार्दिक शुभकामनायें आपको भी..
Keshu ke haatho agar PD ke sir pe dhol bajta to dekhne mein aur bhi aanand aata, ;-)
ReplyDeleteहाहाहा, बहुत बढिया!
ReplyDeleteघुघूती बासूती
बहुत मस्त..
ReplyDeleteएक ढोल आदि के लिये भी लाना पडे़गा..
भाई मस्त मस्त. सुबह सुबह मज़ा आ गया.
ReplyDeleteमस्त चकाचक भाई. रक्षाबंधन की शुभकामनाएं.
ReplyDeleteरामराम.
मस्त है जी।
ReplyDeleteवाह वाह एक दम मस्त ढोल शुभकामनायें
ReplyDeleteढोल है मजेदार और उसे पीटा भी जम कर है।
ReplyDeleteकहां से मिलेगा यह ढोल - हमें भी खरीदना है! :)
bahut shhandaar dhol.
ReplyDelete-Zakir Ali ‘Rajnish’
{ Secretary-TSALIIM & SBAI }
बच्चे की निजता का उल्लंघन ?
ReplyDeleteकेशु को ढोल बजाता देख हमने भी ताली बजाई थी कल ही, जाने कहाँ गई. :)
ReplyDeleteमस्त!!
लगता है केशू सांसद या विधायक बनेगा और उसकी हर बात सुनी जायेगी।स्टाईल तो देखिये आ हा हा हा।टेबल पीटने की प्रेक्टिस अभी से कर रहा है।वैसे नीरज जी की भी फ़रमाईश बुरी नही है।
ReplyDelete@ नीरज जी & अनिल जी - केशू से यह आग्रह तो हम भी करते हैं, मगर वह मानता ही नहीं है..
ReplyDelete@ ज्ञान जी - ऐसे ढोल के लिये तो आपको पटना आना होगा..
@ रंजन जी - आदि के लिये ढोल मिला या नहीं मिला?