Tuesday, September 11, 2007

तुझसे नाराज़ नहीं जिंदगी

आज सुबह से ही मैं इस गीत को मन ही मन गुनगुना रहा था, सो सोचा क्यों ना आज इसे अपने ब्लौग पर चिपका ही दूं। वैसे मुझे इस सिनेमा के सारे गाने ही पसंद हैं और 'लकड़ी पे काठी' वाला गाना तो मेरे बचपन की याद से भी जुड़ा हुआ है पर इस गाने से कुछ और ही लगाव है। इस गाने में गुलजार ने जीवन के यथार्थ से भी हमारा परिचय कराया है तो वहीं 'हूजूर इस कदर भी ना' में जवानी की मचलती तरंगों को भी महसूस किया जा सकता है।
शेखर कपूर की इस फ़िल्म में उन्होंने पेश किया है एक उलझते गृहस्ती की उल्झने और वो कैसे एक दूसरे की समझ से ही सुलझ सकती है। नसिरूद्दीन साह, शबाना आजमी और साथ में जुगल हंसराज की अभूतपूर्व अदाकारी ने तो जैसे पूरे फ़िल्म में जान फ़ूंक दी है।

मुझे याद भी नहीं है की मैंने इस फ़िल्म को कितनी बार देखी है और मैं ये भी नहीं बता सकता हूं कि मैं इसे और कितनी बार देखूंगा। मैं पहले दूरदर्शन पर इसके आने का इंतजार करता था और अक्सर सहारा इंडिया पर इसे पा भी लेता था। पर उसमें बीच में आते ब्रेक के चलते फ़िल्म का मज़ा किरकिरा हो जाता था, फिर मैंने अंततः पूरे फ़िल्म का मजा लेने के लिये इसकी सीडी बाजार से खरीद ली।

तो चलिये इस गाने को पढते हैं और गुनगुनाते हैं। इस गाने को लिखा है गुलजार ने, इसके दो वर्जन हैं, पहला अनुप घोषल की आवाज में और दूसरा लता मंगेशकर की आवाज में।

इस गाने को यहाँ सुने...

Tujhse Naraaz Nahi...



तुझसे नाराज नहीं जिंदगी हैरान हूं मैं,
हैरान हूं मैं..

तेरे मासूम सवालों से परेशान हूं मैं,
परेशान हूं मैं..

जीने के लिये सोचा ही नहीं, दर्द संभालने होंगे..
मुस्कुराए तो, मुस्कुराने के कर्ज उतारने होंगे..
मुस्कुराए कभी तो लगता है, जैसे होंठों पे कर्ज रखा हो..

तुझसे नाराज नहीं जिंदगी हैरान हूं मैं,हैरान हूं मैं..
तेरे मासूम सवालों से परेशान हूं मैं,
परेशान हूं मैं..


जिंदगी तेरे गम ने हमें रिश्ते नये समझाये..
मिले जो हमें, धूप में मिले, छांव के ठंडे साये..
ला ला ला, ला ला ला ला...............

तुझसे नाराज नहीं जिंदगी हैरान हूं मैं,
हैरान हूं मैं..

तेरे मासूम सवालों से परेशान हूं मैं,
परेशान हूं मैं..

आज अगर भर आयी हैं, बूंदे बरस जाएगी..
कल क्या पता इन के लिये, आंखे तरस जाएगी..
जाने कब गुम हुआ, कहां खोया, एक आंसू बचा के रखा था..

तुझसे नाराज नहीं जिंदगी हैरान हूं मैं,
हैरान हूं मैं..
तेरे मासूम सवालों से परेशान हूं मैं,
परेशान हूं मैं..

9 comments:

  1. इस गाने को अपने ब्‍लॉग पर सुनने की सुविधा क्‍यों नहीं देते। पॉडकास्टिंग के जरिये।

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  2. लीजिये भैया मैंने गाने को लगा दिया अब आप इसे सुन भी सकते हैं। दर असल पहले मुझे पता नही था कि कैसे पोडकास्ट को लगाते हैं, पर मैंने पता करके लगा दिया।
    :)

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  3. haaa gaanaa to bada mast dala yaar per likhtee huee 1 cheej bhul gaayy dost tunee movie mai jo character play ker rehee the unkee naam to baataayee per jo sabse important charecter the ussi kaa naam nahi baatyaa. ki ladkii kon thi. shayad tu bhool gaya hogaa ki vo kon thi dost. yaar vo orr koi nahi balki urmilaa matondker thi..

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  4. बहुत ही खूबसूरत काविताये करते हो तुम.बस इतना ही कहना चाहूँगी की :
    जीवन पाथ पर तुम ऐसे ही आगे आगे बढ़ाते जाओ...
    पीयूष सुधा था मेह्को हरदम, तुम ऐसा कुंदन बन जाओ

    ऐसे ही बढिया बढिया लिखते रहो और हमे अपनी काबिलियत से परिचित करते रहो ..
    ग्रेट जॉब मैन!!

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  5. वाह, यह तो मेरा भी बहुत ही पसंदीदा गीत है. आनन्द आ गया भाई.बहुत आभार इसे पेश करने का.

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  6. Namaskar PD Ji
    Yeh gaana mere paas bhi saved hai bahut hi achchi awaaz mein :P
    bas poora nahi hai :(
    main prayaas karoongi is baar poora save ho jaye...
    thanks for sharing lyrics

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  7. is gane ko sun kar maza agaya....

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  8. gana sun kar to maja agaya per ek bat samjh me nahi aai.......

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  9. @ tango - kya samajh me nahi aaya??

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