Saturday, August 04, 2007

पाब्लो नेरूदा


आज बस यूं ही इंटरनेट पर घुमते हुये मुझे पाब्लो नेरूदा से संबंधित कुछ जानकारी मिली जिसने मुझे काफ़ी प्रभावित किया। लिजिये मैं वह सारी चीजें आपके सामने अपनी भाषा में रखता हूं। उनकी लिखी कविता का हिंदी और अंग्रेजी रूपांतरण, उनसे जुड़े विभिन्न तथ्य।


इनका जन्म 12 जुलाई सन 1904 में हुआ था और मृत्यु 23 सितम्बर 1973 हुई थी। पाब्लो नेरूदा स्वभाव से एक कवि थे और उनकी लिखी कविताओं के विभिन्न रंग दुनिया ने देखे हैं। एक ओर उन्होंने उन्मत्त प्रेम की कविताएं लिखी हैं दूसरी तरफ कड़ियल यथार्थ नज़र आता है उनकी कविताओं में । कुछ कविताएं उनकी राजनीतिक विचारधारा की संवाहक नज़र आती हैं । इनकी सबसे प्रसिद्ध कविता का नाम है : TONIGHT I CAN WRITE THE SADDEST LINES.


मैं यहाँ यही कविता लिखने जा रहा हूं जो कि पहले अंग्रेजी में है और फ़िर उसका हिंदी अनुवाद किया हुआ है। जिसे अंग्रेजी में अनुवाद किया है एंडी गारसिया ने और हिंदी अनुवादक का मुझे कुछ पता नहीं चला।


I can write the saddest poem of all tonight.

Write, for instance: "The night is full of stars,
and the stars, blue, shiver in the distance."

The night wind whirls in the sky and sings.

I can write the saddest poem of all tonight.
I loved her, and sometimes she loved me too.

On nights like this, I held her in my arms.
I kissed her so many times under the infinite sky.

She loved me, sometimes I loved her.
How could I not have loved her large, still eyes?

I can write the saddest poem of all tonight.
To think I don't have her. To feel that I've lost her.

To hear the immense night, more immense without her.
And the poem falls to the soul as dew to grass.

What does it matter that my love couldn't keep her.
The night is full of stars and she is not with me.

That's all. Far away, someone sings. Far away.
My soul is lost without her.

As if to bring her near, my eyes search for her.
My heart searches for her and she is not with me.

The same night that whitens the same trees.
We, we who were, we are the same no longer.

I no longer love her, true, but how much I loved her.
My voice searched the wind to touch her ear.

Someone else's. She will be someone else's.
As she once belonged to my kisses.
Her voice, her light body. Her infinite eyes.

I no longer love her, true, but perhaps I love her.
Love is so short and oblivion so long.

Because on nights like this I held her in my arms,
my soul is lost without her.

Although this may be the last pain she causes me,
and this may be the last poem I write for her.

अब हिंदी में :

लिख सकता हूं मैं आज बेहद उदास सतरें
जैसे कि रात चूर-चूर है
कि सिहरते हैं नीले सितारे दूर कहीं
और रात हवा की बंजारन गाती है आसमानों में

लिख सकता हूं मैं आज रात बेहद उदास सतरें
चाहा था मैंने उसे और कभी उसने मुझको
ऐसी ही और रातों में थामा था उसे बांहों में
चूमा था बार बार उसे बेक़रां आसमां तले
आज की रात लिख सकता हूं बेहद उदास सतरें

ये ख्याल कि नहीं है वो मेरी
ये अहसास कि खो दिया है उसे मैंने
ये सूनी लंबी रात
........और सूनी और लंबी उसके बगैर
और शबनम की तरह नज़्म गिरे
रूह पे क़तरा-क़तरा
फ़र्क़ क्‍या पड़ता है जो उसे बांध ना सकी चाहत मेरी
ज़र्रा-ज़र्रा बिखर गई है रात
और नहीं है वो मेरे आसपास
फिर वही रात, वही बर्फ़ से नहाए दरख़्त
बदला है गर कोई तो बस ‘उस वक्त के हम’
यक़ीनन अब नहीं, पर किसी वक्‍त चाहा था उसे शिद्दत से
मेरी आवाज़ ने तलाशी ली थी, हवा जो ले जाए उस तक मेरी सदा
और किसी और की होगी वह
उसकी आवाज़ उसका नूरानी बदन, उसकी वो झील सी गहरी आंखें,
तय है कि अब चाहत नहीं, फिर भी शुबहा है कहीं
कितनी मुख़्तसर है मुहब्बत
भुलाना कितना तवील
आखिरी दर्द है ये जो उसने मुझको दिया
और उसकी ख़ातिर लिखी
ये आखिरी सतरें हैं मेरी ।

4 comments:

  1. yar ek gajab ka sanjog hai aapne jis din likha neruda ke bare mein usi din yunusji ne bhi aupne chitthe pe likha tha is bare mein. sayad aapbhi dekhna chahenge.....

    http://radiovani.blogspot.com/2007/08/i-can-write-saddest-poem-of-all-tonight.html

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  2. Apaka kahna sahi hai bhaiya, par mujhe aashcharya nahi hua.. kyonki mujh karan pata hai..
    Actually ye saara material usi din mujhe apne ek net frnd se mila tha, jo ki aksar hindi blog par jaata rahta hai.. aur sayad usne mujhe wahi se copy karke bheja tha..

    Main fir wikipedia par jaa kar inke baare me search kiya aur dono ko combine karke yahan apne blog par post kar diya. For Example, unke post me janm aur mrityu ke baare me kuchh bhi nahi likha hua hai.

    Waise aagar Yunush bhai sahab ko mere is post se kuchh bhi aapatti hai to main unse maafi chahta hun aur agar wo kahen to main ye post delete kar dunga.. :)

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  3. are nahi bhai aisi koi bat nahi hai Yunusji ko to sayad pata bhi nahi hoga aapke chitthe ke bare mein. ye to main yuhin bhatakte bhatakte aapke chitthe pe aaya to kuch milta julta post pa ke aaschraya hua tha so likh diya. Agar aapko mere bat se thesh pahuchi to mujhe maf kijye par mera mantavya katai aisa nahi tha. aap sayad mujhe maf kar denge......

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  4. अरे नहीं भैया, मैं आपको अपने इस ब्लौग के माध्यम से ही नहीं जानता हूं। हमारा परिचय तो बहुत पहले से ही है(अगर मैं सही समझ रहा हूं तो आप वही हैं जो खुद को गधा कह कर सम्बोधित करते थे Orkut पर)।

    और अगर आपका इशारा उस तरफ होता तो भी मैं बुरा नहीं मानता। बाद में जब मैंने भी वो चिट्ठा देखा था तो मुझे लगा की कोई भी मेरे ब्लौग पर आयेगा तो यही सोचेगा की मैंने ये चुराया हुआ है वहां से। और शायद ऐसा है भी, भले ही अंजाने में ही हो। असल में होता ये है की कार्यालय में मैं हर समय हर साईट पर नहीं जा सकता हूं(कुछ सुरक्षा कारणों से), और इसका इलाज मैंने ये निकाला है की मेरे जो भी मित्र हमेशा इंटरनेट के इस मायाजाल पर घुमते रहते हैं उन्हें कह रखा है कि जो भी अच्छी चीज मिले नेट पर वो उसे मुझे मेल कर दिया करें। उन्होंने इसे भी मेल किया था और मैंने इसे बिना जाँच किये अपने चिट्ठे पर चिपका दिया।

    और फिर युनुस भाई तो इतना अच्छा लिखते हैं, और उनके पास अनुभव भी मुझसे बहुत ज्यादा है, कि मैं इस समय उनके सामने कुछ भी नहीं हूं। हां भविष्य में हो सकता की मैं अच्छा लिखने लग जाऊँ। संभावनाओं का कभी अंत नहीं होता है।

    वैसे मेरे ब्लौग पर हर किसी के विचार का पूरा स्वागत है, तभी तो मैं अपने ब्लौग खुला छोड़ रखा है और पहले दिन से ही जो कोई भी कुछ भी मेरे चिट्ठी पर कुछ भी लिखा है वो अभी तक उसी अवस्था में परा हुआ है।

    वैसे आपका बहुत-बहुत धन्यवाद, और अगर आपके इस छोटे भाई से कुछ भी गलती होती है तो कृपया आप जरूर अपनी बात कहें। आपके हर विचार का स्वागत है।

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