दुनिया बनाने वाले,
क्या तेरे मन में समाई, तुने,
काहे को दुनिया बनाई, तुने,
काहे को दुनिया बनाई?
कैसे करूँ महुआ के रूप का बखान? हिरनी जैसी कजरारी आँखे, चाँद सा चमकता चेहरा, एड़ी तक लंबे रेशमी बाल.. जब वो मुस्कुराती, तो जैसे बिजली कौंध सी जाती.. भगवान जी ही ऐसा रूप भर सकते हैं माटी के पुतले में!!
काहे बनाए तूने, माटी के पुतले?
धरती ये प्यारी-प्यारी, मुखड़े ये उजले?
काहे बनाए तूने जीवन का खेला?
जिसमें लगाया जवानी का मेला...
लुकछुप तमाशा देखे, वाह रे तेरी खुदाई, तुने,
काहे को दुनिया बनाई?
जवान हो गई थी महुआ, फिर भी कहीं शादी ब्याह की बात नहीं चलायी गई.. सुबह शाम वह अपनी मरी माँ को याद करती रोती.. रात-दिन कलपता था बिचारी का मन.. मन समझती हैं ना आप?
तू भी तो तड़पा होगा, मन को बनाकर,
तूफां ये प्यार का मन में छुपा कर,
कोई छवि तो होगी आँखों में तेरी,
आंसू भी छलके होंगे पलकों से तेरी..
बोल क्या सूझी तुझको? काहे को प्रीत जगाई?
तूने, काहे को दुनिया बनाई?
एक दिन एक थका-प्यासा मुसाफिर पानी पीने नदी किनारे आया.. महुआ को देखते ही उसपे रीझ गया.. नादान महुआ भी उसे दिल दे बैठी.. जंगल के आग की तरह फैल गई इनके प्यार की बात.. सौतेली माँ भला कैसे देख सकती थी उनका सुख? उसने महुआ को एक सौदागर के हाथ बेच दिया.. रोती-छटपटाती महुआ चली गई सौदागर के साथ, बिछुड गई जोड़ी, महुआ का प्रेमी आज भी जैसे रोता है!!!
प्रीत बना के तूने, जीना सिखाया..
हंसना सिखाया, रोना सिखाया..
जीवन के पथ पर मीत मिलाए,
मीत मिला के तूने सपने जगाये..
सपने जगा के तूने काहे को दे दी जुदाई,
तूने, काहे को दुनिया बनाई..
ह्म्म्म ..बेचारा वो मुसाफिर....वैसे तुम भी तो मुसाफिर ही हो ना.... जब देखो घुमते रहते हो......
ReplyDeletekash is doosre mahua ne teesri kasam na li hotee... :(
ReplyDeleteयाद आया...
ReplyDeleteकोई तो याद कर रहा है यह.
ReplyDeleteमुसाफ़िरवा महुआ को भगा के काहे नय ले गया बे ............कुछ मुसाफ़िरों की किस्मत में बिछोह लिखा होता है ..अनंत बिछोह ।
ReplyDeleteबहुत पसन्द है यह गीत।
ReplyDeleteबहुत सुंदर प्रस्तुति है।
ReplyDeleteयह पुनर्विलोकन पसंद आया।
वह इस गाने को इतने शानदार कहानी के साथ प्रस्तुति बस वाह ही कह सकते हैं हम तो.....महुवा की कहानी एक लम्हे को लगा दादी कोई कहानी सुना रही हैं.....
ReplyDeleteप्रीत बना के तूने, जीना सिखाया..
ReplyDeleteहंसना सिखाया, रोना सिखाया..
जीवन के पथ पर मीत मिलाए,
मीत मिला के तूने सपने जगाये..
सपने जगा के तूने काहे को दे दी जुदाई,
तूने, काहे को दुनिया बनाई..
वीडियो गायब!
ReplyDeleteYoutube ne delete kar diya. abhi dusara lagate hain. :)
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