कल मैंने घन्नू झारखंडी जी का पोस्ट यूं ही पढकर छोड़ दिया था क्योंकि मुझे ये जानने की कोई उत्सुकता नहीं थी की ये लौटकर अविनाश कब और कैसे बने। पर आज इतनी टिप्पणीयां देखकर रहा नहीं गया और बैठ गया लिखने के लिये। पहले तो टिप्पणी...
Thursday, January 31, 2008
Wednesday, January 30, 2008
आज कोई मस्ती नहीं.. बस बचपन में की गई गंभीर बातें..
आज मैंने सोचा की हर दिन मैं फालतू कि बकवास करता रहता हूं, सो क्यों ना आज उन गंभीर बातों के बारे में आपको बताऊं जो मैंने और भैया ने मिलकर बचपन में किया था।घटना 1 (एक कुत्ते की कथा)-पापाजी उस समय बिहार के बिक्रमगंज नामक जगह के SDM हुआ करते थे जो पटना से ठीक 120 KM पर स्थित है। महीने में एक-दो बार पटना...
Tuesday, January 29, 2008
Monday, January 28, 2008
26 जनवरी और 15 अगस्त भूल जायें और अमेरीकन इंडिपेंडेन्स डे मनायें भारत में
मैं आज बात कर रहा हूं भारत में मौजूद कुछ ऐसी कम्पनियों के बारे में जो भारत में अपना कारोबार कर रही हैं पर वो 26 जनवरी या 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस या गणतंत्र दिवस नहीं मना कर 4 जुलाई को स्वतंत्रता दिवस मनाने के लिये छुट्टी देती है।साफ्टवेयर बनाने वाली कम्पनियों में अपनी गुणवत्ता और अपने कर्मचारीयों...
Saturday, January 26, 2008
Friday, January 25, 2008
All The Best For Girls और पैसा वसूल
लड़कियों के मामले में अपनी तो किस्मत ही हर वक्त दगा दे जाती है। और अगर किसी ने All The Best जैसा जैसा कुछ बोल दिया फिर तो बंटाधार होना निश्चित है।अभी कुछ दिनों पहले की बात है। मैं और मेरा दोस्त विकास एक सिनेमा देखने के लिये चेन्नई के प्रसिद्ध और प्रतिष्ठित सिनेमा हालों में से एक सत्यम के लिये जा रहे...
Thursday, January 24, 2008
ब्लौग से बदनामी तक
मैं एक चिट्ठाकार हूं!! इसकी बदनामी इन दिनों मेरे आफिस में भी पहूंच गई है। कल मेरे आफिस में जो हुआ वो इसका सबसे बड़ा उदाहरण है।कल जब मैं दोपहर का खाना खाने के लिये अपने क्यूबिकल से बाहर निकल कर अपने एक मित्र के क्यूबिकल की ओर जा रहा था उसी समय बीच में मेरे प्रोजेक्ट मैनेजर मिल गये। उनके और मेरे बीच जो...
Wednesday, January 23, 2008
Tuesday, January 22, 2008
अनंत कुशवाहा और "कवि आहत"
एक डाल से तू है लटका,दूजे पे मैं बैठ गया।तू चमगादड़ मैं हूं उल्लू,गायें कोई गीत नया।घाट-घाट का पानी पीकर,ऐसा हुआ खराब गला।जियो हजारों साल कहा पर,जियो शाम तक ही निकला।खड़-खड़-खड़ खड़ग सिंह,खड्डे में रपट गये।बत्तीस में चार दांत,आगे के घट गये।ये कुछ कवितायें मैंने बचपन में बालहंस नामक बाल पत्रिका में पढी थी...
Monday, January 21, 2008
Friday, January 18, 2008
मैं चोरी करते पकड़ा गया
चौकन्नी निगाह हर वक्त, चाहे परिक्षा कक्ष हो या घर। कोई आ तो नहीं रहा है। कोई देख तो नहीं रहा है। शायद किसी की निगाह मुझे चोरी-छिपे देख रही है। कौन है? अरे ये तो अपने ही कक्षा का छात्र है, देखने दो। ये मेरा क्या बिगाड़ लेगा मेरा। अगर किसी को कुछ बोला तो बाहर ना देख लूंगा इसे!! मेरा डर तो होगा ही इसे।...
Wednesday, January 16, 2008
Monday, January 14, 2008
साफ्टवेयर इंजिनियर और तारे जमीं पर
साफ्टवेयर इंजिनीयर जमीं पर...Every Engineer Is Special...मैं कभी बतलाता नहीं ,पर Coding से डरता हूं मैं PM..यूं तो मैं, दिखलाता नहीं,पर बेंच पर जाना चाहता हूं मैं PM..आपको सब है पता, है ना PM..आपको सब है पता, मेरे PM..Issues में यूं ना छोड़ो मुझे,घर लौट कर भी जा ना पाऊं PM..भेजते क्यूं नहीं Onsite मुझको...
Sunday, January 13, 2008
अनमना सा मन
पता नहीं क्यों, आज-कल कहीं भी मन नहीं लग रहा है। यही कारण है कि चिट्ठे पर भी कुछ नहीं लिख रहा हूं। लिखने के लिये तो बहुत सारे टापिक हैं, पर लिखने की इच्छा भी तो हो।देखिये ये मिज़ाज कब बदलता है और कब मैं फिर से पहले वाले ढंग में लौट कर आता हूं। तब तक के लिये विदा चाहूं...
Thursday, January 10, 2008
तारे जमीं पर और मेरा बचपन
मैंने कल ये फिल्म थोड़ी देर से ही सही मगर देख ली। मुझे काफी हद तक इसमें अपना बचपन दिख रहा था। बिलकुल वैसी ही विवशता, दोस्तों के बीच वैसा ही खुद को छोटा पाना। घर में वैसे ही बड़ा भाई क्लास टापरों में से एक और खेल-कूद से लेकर लगभग हर चीज में अव्वल आने वाले और एक इधर मैं किसी तरह घिसट कर प्रोमोटेड होकर पास...
Tuesday, January 08, 2008
Monday, January 07, 2008
ब्लू फ़िल्म और उससे आती आवाजें
जीवन में घटी कुछ घटनाऐं ऐसी होती है जिन्हें लोग चाहकर भी नहीं भुला पाते हैं। वैसे ही ये घटना मेरे कालेज के छात्रावास जीवनकाल की है।उस समय मैंने वेल्लोर तकनीकी संस्थान(VIT, Vellore) के MCA पाठ्यक्रम में प्रवेश लिया था। नया-नया छात्रावास का दौर था और उस पर भी तुर्रा ये कि हमारे कालेज में रैगींग का कोई...
Thursday, January 03, 2008
Wednesday, January 02, 2008
मेरा नया ब्लौग तकनीक संबंधी (गूगल का डूडल)
मेरे इस नये ब्लौग का नाम है PD Tech Talk। मैंने इस ब्लौग के साथ ही नये साल कि शुरुवात की है और जैसा कि नाम से ही झलकता है कि ये पूरी तरह से तकनीक से संबंधित होगा। आप लोगों के मन में एक बात जरूर आ रही होगी कि कहने को तो ये हिंदी ब्लौग है पर इसका नाम अंग्रेजी में क्यों रखा गया है? तो इसका जवाब यह है कि...
नया साल और दिनकर जी की कविता
मैं पिछले 3-4 दिनों से नेट की आभासी दुनिया से बाहर अपनी जीवंत दुनिया में मस्त था। सो आज सुबह-सुबह जैसे ही मैंने अपना जी-मेल का इनबाक्स खोला तो पाया कि वहां चिट्ठों और सुभकामनाओं कि बाढ सी आयी हुई है। जिसमें से सबसे बढिया सुभकामना पत्र जो मुझे प्राप्त हुआ वो यहां मैं आज के अपने पोस्ट पर डाल रहा हूं।...