सदियों तक जेहन में बसाये रखते हैं
समय की गर्द भी उसे
अनश्वर बनाये रखती है
जैसे
मुहम्मद इब्न 'अब्दुल्लाह
गौतम बुद्ध, राम अथवा महावीर इत्यादि
लोग आपको भूलने लगें उसके कुछ लक्षण
आप अचानक से अदृश्य हो जाते हैं
आपकी आवाज भी मौन हो जाती है
लोग गोष्ठियों में किसी को बुलाना भूलते हैं,
तो अक्सर वह आप ही होते हैं
आप अचानक से स्मृतिपटल से मिट गए होते हैं
स्पष्ट शब्दों में आप नकारे गए होते हैं
जब आप खुद को भी भूलने लगे
तभी समझें की हुआ है
आपका नवजन्म
कुछ नया करने को
समय चक्र को चीर कर, आगे बढ़ने को
आपने आज धारण किया है यह अनश्वर शरीर!!
आपने आज धारण किया है यह अनश्वर शरीर!!
ReplyDeleteफ़िर जोर से बोलो हैप्पी बड्डे!
बहुत सही!!!
ReplyDeleteआन्तरिक सृजन और विनाश अनवरत है।
ReplyDeleteविचार, नित नूतन जीवन-आधार.
ReplyDeleteबाबा की जय हो..
ReplyDeleteआज तो आपने मेरी आँखे खोल दी "आँखे"..
Very differently said... superlike :)
ReplyDeleteअबे काहे अईसन स्थिति आने देते हो कि लोग भूलने लगें .....नाक में दम किए रहो ..दिन रात सनसनाते रहो बे ...चाहे खीझ के चाहे रूस के ..चाहिए हुमच्च के लोग अपने तुम्हरे आसपास ..बौरातेर रहेंगे जईसे कि हम बौरातेर रहते हैं ...
ReplyDeleteमैं भूल जाऊँ तुम्हे यह हो नहीं सकता और तुम मुझे भूल जाओ, ये मैं होने नहीं दूंगा..
ReplyDelete- फ़िल्म का नाम खोजो :)
्ल्यो रे ..्पिरसांत ..ढाई ...नहीं नहीं अढाई किलो का टीप मार दिए हैं ..पंकज भाय ...और बोलो ..लोग भूल जाता है ....अब तुम नय भूलेगा किसी को भी .......
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