इसमें मैं यह नहीं लिखूंगा की दिवाली की रात हमने कैसे दिये जलाये? क्या-क्या पकाया? और कितने पटाखे जलाये.. ये सब तो लगभग सभी किये होंगे.. मगर दिवाली कि रात कुछ हटकर अलग सा कुछ हो तभी तो मजा है, और वो भी अनायास हो तो सोने पे सुहागा.. तो चलिये सीधे किस्से पर आते हैं..
दिवाली मनाने के बाद हम सभी मित्र खाना खाकर सोने चले गये.. मेरा एक मित्र(नाम नहीं बताऊंगा नहीं तो बाद में बहुत गरियायेगा) :) मेरे घर पर ही रात में रोक लिया गया और उसके लिये बिस्तर मैंने अपने बगल ही लगा दिया.. लगभग रात साढ़े बारह बजे तक हम दोनों टी.वी. देखते रहे और कुछ बाते करते रहे, इस बीच मेरे बाकी दो मित्र सो चुके थे.. एक बजे तक हम दोनों भी सो गये..
मैं गहरी नींद में था तभी अचानक से मुझे अजीब तरीके से किसी के चीखने की आवाज आई, जैसे कोई चुड़ैल चिल्ला रही हो.. कम से कम वह किसी इंसान के चीखने की आवाज तो नहीं थी(नींद में तो ऐसा ही लग रहा था).. उसी समय मैंने एक हाथ अपने गले पर पाया.. अब तक मेरी नींद नहीं खुली थी और मैं काफी हद तक डर गया था और डर के मारे चिल्लाने लगा.. तभी एक भारी सी चीज मेरे ऊपर कूद पड़ी.. अब तक मेरी हालत खराब हो चुकी थी.. एक तो कोई अजीब तरीके से चिल्ला रहा था.. दूसरा मेरे गले को पकड़ने की कोशिश में था.. तीसरा कोई मेरे ऊपर कूद भी रहा था जिसका वजन कम से कम 2-3 किलो रहा होगा..
डर के मारे मैं भी चिल्लाने लगा और हाथ इधर-उधर फेंकने लगा.. मेरे हाथ में किसी के सर का बाल आ गया और मैंने उसे जोड़ से पकर कर खींचने लगा.. यह तमाशा लगभग एक मिनट तक चला और तब तक मेरी और मेरे मित्र की नींद भी खुल गई.. हम दोनों ही अकबका कर उठ बैठे थे और अंधेरे में ही कुछ देखने की कोशिश कर रहे थे.. तब तक मेरे बाकी दो मित्र जो दूसरे कमरे में सो रहे थे वो दोनों भी हमारे दरवाजे पर आकर खड़े हो गये थे और बत्ती जला चुके थे..
तब जाकर सारा माजरा समझ में आया.. मेरा मित्र जो मेरे बगल में सोया हुआ था वह नींद में कोई सपना देखकर डर गया था और चिल्ला पड़ा था.. साथ ही उसने मेरा हाथ पकड़ना चाहा तो मेरी गरदन उसके हाथ में आ गई थी.. इसी बीच एक बिल्ली, जो मेरे कमरे में घूम रही थी, इस हंगामे से डरकर भागना चाही और मेरे ऊपर ही कूद गई.. उसके कूदने से मैं भी डरकर चिल्लाने लगा और इसी बीच मेरे हाथ में मेरे मित्र के सर का बाल आ गया.. अब हम दोनों चिल्ला रहे थे और वो मेरा गला पकड़ कर हिला रहा था और मैं उसके सर का बाल पकड़ कर खींच रहा था.. और हमारे बाकी दोनों मित्र हंसे जा रहे हैं..
खैर नींद टूटने से सारा माजरा तो समझ में आ गया, मगर दिवाली की रात फिर हम दोनों सो नहीं सके.. मेरा मित्र उस सपने से बहुत डरा हुआ था.. और मैं डरा हुआ था कि कहीं ये नींद में फिर से मेरा गला ना दबाने लग जाये ;).. साथ ही एक ने रसोई की बत्ती जला दी, और उस रोशनी से भी मुझे नींद नहीं आ रही थी.. :)
मामला गड़बड़ है। कहीं परामनोविज्ञान के इलाके में तो नहीं चला गया।
ReplyDeleteअरे! ये तो "कॉमेडी ऑफ ट्विन्स" से भी अधिक रोचक बात हो गई।
ReplyDeleteआप आज लिखी गई मेरी पोस्ट देखी ...और मैं कुछ नही कहूँगी :-)
ReplyDelete*देखि =देखिए
ReplyDeleteचलिए आप ने भूतों का अनुभव तो किया। भूत ऐसे ही होते हैं। इंसानों के दिमागों में।
ReplyDeletebahut mazaa aaya hoga....dar bhi aur mazaa bhi......Diwali Ka Shubhakamanayein :) :)
ReplyDeleteबस हसी रुक नहीं रही!
ReplyDeleteइसीलिये पहले ही हनुमान चालीसा का पाठ करके सोते हैं हम तो.:)
ReplyDeleteरामराम.
दिवाली में आप पर भी बम फूटा संवेदना :)
ReplyDeletebhoot bhi kewa paapiyon ko hi darate hein.
ReplyDeleteHame kyon aaj tak kisi bhoot ne pareshan nahin kiya, ;-)
इधर उधर की सोच कर सोने वाले को भूत के ही तो सपने आयेंगे पीडी।मज़ा आ गया,
ReplyDeleteलोग दीवाली पर बिल्ली बुलाने के लिए पता नहीं क्या-क्या करते हैं? आपके यहाँ बिल्ली आ गयी, यह क्या कम है? बस अब लक्ष्मीजी आ ही रही हैं। अरे भई दीवाली पर दोस्त होंगे तो यही होगा। दीवाली तो परिवार के मिलन का दिन है।
ReplyDeleteअरे भई, तस्लीम और साइंस ब्लॉगर्स असोसिएशन के नियमित पाठक बन जाओ, भूत तो क्या उनका ख्याल भी नहीं आएगा।
ReplyDeleteह ह हा।
( Treasurer-S. T. )
बहुत मज़ा आ गया यार.. मैं पहले तो बहुत सीरियस हो कर पढ़ रहा था.. पर जैसे जैसे पढता गया.. हंसी बढती गयी...अभी तक हंस रहा हूँ..हा..हा..हा..!!!
ReplyDeleteइस साल बहुत धन कमाने वाले हैं प्रशांत बाबू, बिल्ली सीधे छाती पर आकर पड़ी है, जानते हैं हमारे यहां कहते हैं कि दीपावली पर लक्ष्मी बिल्ली के रूप में आती हैं
ReplyDelete@ neelima sukhija arora ji : अरे दीदी, मेरे यहां तो वह बिल्ली हर रोज बात बेबात की आ जाया करती है.. मगर इस तमाशे के बाद शर्तिया नहीं आयेगी.. :)
ReplyDeletehaa haa... bechaari billi.. billo ke bich phas gaye..
ReplyDeletemaza aa gaya, pet pakad ke hans rahe hain :D
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