Monday, June 30, 2008

जिंदगी की छेड़-छाड़

सब पीछे छोड़ कर मैं २ साल आगे निकल चूका था..जिंदगी कल फिर से मुझे घसीट कर वहीँ पहुंचा गई..ऐसा लग रहा है जैसे फिर से उसी मुकाम पर खडा हूँ जहां से शुरू किया था..ये जिंदगी भी अजीब होती है.. चिढा कर कहीं झुरमुठों में छुप सी जाती है..आज सुबह मैं बैगलोर से वापस लौटा और वहां G Vishwanath जी से भी मिला(और उनकी...

Thursday, June 26, 2008

अनाम मित्र के नाम पत्र

मेरे अनाम मित्र.. मैं ना तो कुछ साबित करना चाहता हूं और ना ही खुद को हीरो दिखाने कि कोई मंशा है.. मैं तो बस अपनी खुशी के लिये लिखता हूं और अगर कोई मेरी खुशी में खुश होना चाहता है तो उन्हें भी अपने साथ ले लेता हूं..जहां तक आपने लिखा है कि आपने कोई ऐसी बात नहीं लिखी जिससे आप हीरो दिख सकें और दूसरी तरफ...

Wednesday, June 25, 2008

अब मैं बड़ा हो गया हूँ माँ..

जो आप नहीं कर पाई,वो दुनिया ने कर दिखाया..अब मैं बड़ा हो गया हूँ माँ..कुछ अच्छा लगता है तोमुस्कुरा देता हूँ..कुछ बुरा लगता है तो मुस्कुरा देता हूँ..अब मैं बड़ा हो गया हूँ माँ..वो अछूत सी लगने वाली सब्जी,भी अब खा लेता हूँ..रात...

Tuesday, June 24, 2008

एक लड़की जो छोटे शहर से निकलकर, बड़े शहर में कहीं खो सी गई..

अकसर लोगप्यार कर बैठते हैंकिसी ऐसी लड़की सेजो छोटे से शहरसे निकल कर,बड़े शहर कीचका-चौंध मेंकहीं खो सी जाती है..मैं भी उन चंद लोगों में से हूं..जमाने के साथचलने का शौक था उसे,मगर ना जाने किससे डरती थी..मेरा साथ पाकरवो डर जाता...

Sunday, June 22, 2008

एक लड़की

एक लड़की,ख्वाबों में जीने वाली लड़की,ख्वाबों में ही मेरे पास आती,ख्वाबों में ही मुझे गले लगाती,ख्वाबों में ही कभी यूं ही,मेरी राहों से होकर गुजर जाती,ख्वाबों में अक्सर मैं उसका होता,मुझे पाकर कभी वो चूम लेती,कभी गले लगा लेती,मुझे...

Friday, June 20, 2008

और गधे को पहलवान बना ही डाला(अंतिम भाग)

कैंपस सेलेक्सन के दिनों में जिनका कैंपस हो जाता था वे लोग भी किसी को पार्टी नहीं देते थे.. बस इस इंतजार में कि जब मेरे सारे मित्रों का हो जाये तभी मैं पार्टी दूंगा.. सच कहूं तो पूरी कक्षा में एकता ऐसी हो गई थी जो मिशाल देने...

Thursday, June 19, 2008

I Got My First Promotion

पिछले एक सप्ताह से लगभग रोज ही मैं और मेरे कालेज कि मित्र मनस कभी एच.आर. तो कभी अपने पी.एल. से बोल रहे थे कि हमारे अप्रैजल का समय आ गया है तो हमें अभी तक अप्रैजल क्यों नहीं मिला है? एच.आर. वालों से तो मैंने लगभग झगड़ा तक कर लिया था कि जब आपको कोई काम समय पर चाहिये होता है तो हम खाना-सोना छोड़ कर बस काम...

Sunday, June 15, 2008

जब अल्लाह मेहरबान तो गधा पहलवान(भाग 4)

मेरे कालेज के मित्र, जो मेरे चिट्ठे को बराबर पढ़ते रहते हैं उन्होने मुझे कहा की आज-कल तम्हारा पोस्ट पुराने दिनों की याद जेहन में ताजा कर दे रहा है.. अच्छा लगा पढ़कर-सुनकर.. अब आगे बढ़ते हैं..(क्रमशः से आगे...)मेरे बगल में...

Friday, June 13, 2008

जब अल्लाह मेहरबान तो गधा पहलवान(भाग 3)

कैंपस सेलेक्सन के दिनों में हर दिन एक नई अफवाह सुनने को मिलता कि आज ये कंपनी आने वाली है.. प्राईवेट कालेज होने के कारण कालेज प्रशासन कभी सही खबर का खुलासा नहीं करती थी.. हर दिन उड़ते-उड़ते खबर मिलती थी कि आज शाम तक या कल...

Thursday, June 12, 2008

जब अल्लाह मेहरबान तो गधा पहलवान(भाग 2)

मैंने अपने इस पोस्ट श्रृंखला का नाम रखा है "जब अल्लाह मेहरबान तो गधा पहलवान".. क्योंकि अभी तक के अनुभव से यही सीखा है कि जब किसी कालेज में कोई कंपनी कैंपस के लिये जाती है तो कई गधों को पहलवान बना कर वापस लौटती है और कई सच...

Wednesday, June 11, 2008

जब अल्लाह मेहरबान तो गधा पहलवान(भाग 1)

आज प्रसिद्ध हिंदी ब्लॉग लेखक अरुण जी पंगेबाज से बातें हो रही थी.. वो मेरा पिछला पोस्ट पढने के बाद बता रहे थे कि उन्हें भी पहली नौकरी कैंपस सेलेक्शन से ही प्राप्त हुई थी(शायद बकलम-खुद में बताना भूल गये होंगें :)).. कल से...

Monday, June 09, 2008

अकेले TCS ने 1075 लड़कों को VIT कैंपस से चुना

VIT का मुख्य द्वारआज जब मैं आफिस में बैठा हुआ था तब मेरे मित्र शिवेन्द्र ने मुझे एक साईट का पता दिया.. जब मैंने उसे खोल तो देखता हूं कि मेरे कालेज के लड़कों ने इस बार तो बस कमाल ही कर दिखाया.. TCS ने इस बार वहां से 1075 विद्यार्थीयों...

Sunday, June 08, 2008

अन्दर नही जाऊंगा, अन्दर अमरीश पुरी सो रहा है

अन्दर नही जाऊंगा, अन्दर अमरीश पुरी सो रहा है.. ये मुझे मेरे पहले रूम मेट ने कहा था पहले सेमेस्टर मी.. जब वो मेरा रूम मेट बना था तब मैंने पहले दिन ही उसे साफ साफ बता दिया था की अगर तुम दारू पीते हो तो पियो, मगर मुझे अपने रूम मे नौटंकी नही चाहिए.. कम्प्यूटर पर जो करना है करो, मगर मेरी उपस्तिथि मे अपना...

Friday, June 06, 2008

खिंचाव! कुछ रिश्तों का और कुछ...!

मुझे इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स और बाईक्स का बहुत शौक है.. इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स में भी अगर वो संगीत से जुड़ा हो तो फिर क्या कहना.. मेरे हाथ जो भी नया मोबाईल फोन या आई पॉड या फिर एक हेडफोन ही लग जाये, बस सबसे पहले यही देखता हूं कि इसे किस अधिकतम सीमा तक प्रयोग में लाया जा सकता है.. मेरे पास एक सोनी का ईयर फोन...

Thursday, June 05, 2008

पेट्रोल पंप के बाहर का नजारा

कल रात में लगभग 10:30 में घर पहूंचने के बाद मैंने जो नजारा देखा वो कुछ ऐसा था..अब जितनी भीड़ इस तस्वीर में दिखाई दे रही है, भीड़ दरअसल इससे कई गुना ज्यादा थी.. वैसे इस पेट्रोल पंप पर हर समय वाहनों का जमावड़ा लगा ही रहता है,...

Wednesday, June 04, 2008

मम्मी का रोना और मेरा ना रोना..

कल वट सावित्री पूजा थी.. रात में मुझे पता चला.. मैं रात में लगभग 10:20 में घर पहूंचा तब मम्मी ने फोन किया और मुझे ये पता चला कि आज वट साविती पूजा है.. मैं पूजा नहीं करता हूं.. पिछली बार भगवान के सामने कब हाथ जोड़ा था वो वर्ष भी अब याद नहीं है.. इस पूजा का महत्व मेरे लिये बहुत ज्यादा है, क्योंकि हम मम्मी...

Tuesday, June 03, 2008

मैं बदल गया हूं शायद

पिछले 2 साल में मेरे भीतर जितना परिवर्तन आया है वो परिवर्तन शायद उससे पहले के 24 सालों में भी नहीं आया था.. जिंदगी को करीब से देखने का मौका मिला.. दुनिया की अच्छाई-बुराई से परिचित हुआ.. काफी कुछ मिलने पर संघर्ष के रंगों को भी बदलते देखा और अपने आस-पास के लोगों को भी..एक क्षण में लोग कैसे अपनी बात से...

Monday, June 02, 2008

ये तस्वीर देखिये और बताइये की ये कहाँ की है?

ये तस्वीर देखिये और बताइये की ये कहाँ की है? मुझे पता है की यह बहुत कठिन प्रश्न है.. सो मैं हिंट देता जाता हूँ.. ये झारखण्ड में स्थित है.. साथ में मुझे मेरी फोटोग्राफी के लिए बधाई भी देते जाइयेगा.....