मम्मा - व्हाट इज नानूज नेम?इरु - बिजयमम्मा - व्हाट इज नानीज नेम?इरु - आनीटामम्मा - व्हाट इज दादीज नेम?इरु - नेनुमम्मा - व्हाट इज दादाज नेम?इरु - उम्ममम्मा - उदय इरु - पुदयमम्मा - नो इट्स उदयइरु - पुदयमम्मा - से उइरु - उमम्मा - दयइरु - दयमम्मा - उदयइरु - प...
Sunday, May 24, 2020
Monday, October 22, 2018
Friday, July 06, 2018
महुआ घटवारन - मारे गए गुलफ़ाम से
''सुनिए! आज भी परमार नदी में महुआ घटवारिन के कई पुराने घाट हैं। इसी मुलुक की थी महुआ! थी तो घटवारिन, लेकिन सौ सतवंती में एक थी। उसका बाप दारू-ताड़ी पीकर दिन-रात बेहोश पड़ा रहता। उसकी सौतेली माँ साच्छात राकसनी! बहुत बड़ी नजर-चालक। रात में गाँजा-दारू-अफीम चुराकर बेचनेवाले से लेकर तरह-तरह के लोगों से उसकी...
Thursday, April 28, 2016
Thursday, April 16, 2015
डिस्क ब्रेक
वो जमाना था जब डिस्क ब्रेक नाम की चीज नई हुआ करती थी. उसी ज़माने में हमारे एक मित्र ने सेकेण्ड हैण्ड CBZ खरीदी दिल्ली जाकर. पटना में शायद सेकेण्ड हैण्ड उपलब्ध नहीं थी और अगर थी भी तो बेहद महँगी. याद है हमें की उस दिन खूब बारिश हो रही थी फिर भी हम घर से कोई बहाना बना कर निकल लिए थे उसकी बाईक देखने. बाईक...
Sunday, April 12, 2015
Friday, February 20, 2015
पापा जी का पैर - दो बजिया बैराग्य
पापा जी को पैर दबवाने की आदत रही है. जब हम छोटे थे तब तीनों भाई-बहन उनके पैरों पर उछालते-कूदते रहते थे. थोड़े बड़े हुए तो पापा दफ्तर से आये, खाना खाए और उनके लेटते ही तीनों भाई-बहन उनके पास से गुजरने से कतराते थे, कहीं पापा जी देख लिए तो पैर दबाना पड़ेगा. मगर फिर भी कोई ना कोई चपेट में आ ही जाता था. ऐसा...
Thursday, May 22, 2014
Tuesday, April 22, 2014
Sunday, January 26, 2014
एक अप्रवासी का पन्ना
बात अधिक पुरानी नहीं है...मात्र एक साल पुरानी...अब एक साल में कितने दिन, कितने महीने, कितने हफ्ते और कितने घंटे होते हैं, यह गिनने बैठा तो लगता है जैसे एक युग पहले कि बात की जा रही हो. मगर यह फक़त एक साल पुरानी ही बात है. आज रात ही को चेन्नई से निकला था बैंगलोर के लिए और सत्ताईस की सुबह पहुँचा था.
चेन्नई...