Sunday, November 30, 2008

जल्द ही भारत में सभी के पास नौकरी होगी और सभी लखपति होंगे

जल्द ही भारत में सभी के पास नौकरी होगी और सभी लखपति होंगे.. जी हां, लखपति होना वह सपना है जो हर मध्यमवर्गीय भारतीय देखता है और साथ में सरकारी नौकरी भी हो तो क्या कहना.. कौन कहता है अभी वाली सरकार हिजड़ों कि जमात है या पिछली वाली थी? सभी झूठे हैं, बकवास करते हैं.. सरकार सारे अच्छे थे, सभी लोगों को लखपति...

Saturday, November 29, 2008

सबसे बुरी चीज होती है संस्कार

अगर ढंग से जीना हो तो सबसे पहले संस्कार को त्यागना होगा.. हमारा संस्कार ही किसी भी कार्य को करने में सबसे बड़ी बाधा बनती है.. कुछ उदाहरण मैं देना चाहूंगा, मैं अपने कार्यालय में कई बार जितना काम करता हूं उसका दोगुना या ढेड़ गुना दिखाता हूं.. मन में बहुत तकलीफ होती है.. ऐसा लगता है कि मैं गलत कर रहा हूं.....

यहां किसे फिकर है मुंबई की?

यहां किसे फिकर है मुंबई की? इसे आप व्यंग्य कि तरह लें या फिर सच्चाई कि तरह, मगर आज चेन्नई में यही हो भी रहा है.. यहां लोगों का जीवन चेन्नई में आयी इस प्राकृतिक आपदा से जूझने में ही लगा हुआ है.. किसी के लिये भी सबसे बड़ी जरूरत...

Friday, November 28, 2008

निशा अपना निशान छोड़ गई, चेन्नई अस्त-व्यस्त

आज सुबह अपने ऑफिस के एक मित्र के फोन से नींद खुली.. उन्होंने मुझे इससे पहले भी दो एस.एम.एस.भेज कर ऑफिस ना आने कि बात कही थी.. मगर मेरी तरफ से कोई उत्तर ना पाकर उन्होंने फोन किया.. उनसे पता चला कि आज ऑफिस को बंद कर दिया गया...

Thursday, November 27, 2008

मेरे अपने सब ठीक हैं मुंबई में, और मैं खुश

"बरसात बहुत जोर से हो रही है.. न्यूज में पढ़ा था कि पूरे तमिलनाडु में 30 के लगभग लोग मर गये हैं.." बाईक चलाते हुये उसने मुझसे कहा.. मैं पीछे बैठा हुआ था..ट्रैफिक बहुत था और चारों ओर घुटने से थोड़ा कम ही पानी जमा हुआ था.. लोग...

Tuesday, November 25, 2008

क्रिकेट कि दिवानगी, बरसात और बैंगलोर/बैंगलूरू

रविवार का दिन, सुबह आसमान साफ था.. मैं बैंगलोर में बेलांदुर नामक जगह पर अपने कालेज के मित्रों के घर पर रुका हुआ था.. वहां से चंदन के घर जाना था.. चंदन भी साथ में ही था.. रात काफी देर से सोये थे, रात भर गप्पों और ताश का दौर चलता रहा था.. छोटे से रूम में ही क्रिकेट भी चला था.. शनिवार शाम जब मैं और चंदन...

Saturday, November 22, 2008

यादों कि उम्र और बैंगलोर/बैंगलूरू

आज सुबह बैंगलोर पहूंचा.. बरसात कि रिमझिम बूंदों ने मेरा स्वागत बखूबी किया.. कल रात जब ऑफिस से चला तब चेन्नई में मूसलाधार बरसात हो रही थी.. बरसात इतनी तेज थी कि मैं सोच में पर गया था, जाऊं या ना जाऊं? मगर घर समय पर पहूंच गया और जल्दी से सामान बांध कर निकल परा बस स्टैंड कि ओर.. ऑफिस से जब निकल रहा था...

Tuesday, November 18, 2008

क्या आवाज में भी नमी होती है

कल शाम एक चिट्ठा बनाया, उसे चारों तरफ से सुरक्षित करके सुकून से बैठ गया.. उसे बनाने का मकसद बस अपने मन कि बातों को, जिसे मैं किसी से कह नहीं सकता.. किसी से बांट नहीं सकता.. बिलकुल एक निजी डायरी कि तरह.. कोई उसे पढ़ नहीं सके.. उसमें बस मैं रहूं और मेरी बातें रहे.. अभी मम्मी का फोन आया.. पूछी कहां हो?...

Sunday, November 16, 2008

कथनी और करनी का अंतर

मैं आज अपनी इस पोस्ट में अपने कुछ अनुभव को बांटते हुये अपनी कुछ बातों को साफ करना चाहूंगा क्योंकि मुझे लगता है कुछ लोग मेरे पिछले पोस्ट को दूसरे तरीके से ले लिये थे.. सबसे पहले बात करते हैं राजेश जी के कल के पोस्ट पर.. उनका कल का पोस्ट बहुत ही अनुकरणीय था और मेरा मानना है कि हर किसी को एक बार उनका पोस्ट...

Saturday, November 15, 2008

डा.अनुराग आर्य जी के पोस्ट पर आये कमेंट पर कुछ बातें

आज डा.अनुराग आर्य के एक पोस्ट पर राजेश रोशन जी का एक कमेंट आया, उनकी बातें अपनी जगह पर सही भी है मगर मुझे उस पर कहने को कुछ था सो मुझे मेरा अपना ब्लौग मंच ज्यादा सही लगा.. उन्होंने कहा :अगर मैं गलती नहीं कर रहा हूं तो ऐसा क्‍यों होता है कि जो बहुत कुछ कर सकते हैं केवल कलम चलाते हैं... अब कीबोर्ड चलाने...

साला बहुत बोलता है.. चिल्ल मार यार

"मालेगांव बम विस्फोट में हिंदू आतंकवादियों का हाथ बताया जा रहा है..""तो क्या हुआ? भारत क्रिकेट मैच तो जीत गया ना, खुश रहो..""फलाना कह रहा था कि ये हिंदू आतंकवादियों का काम है..""तो क्या हुआ? भारत क्रिकेट मैच तो जीत गया ना, खुश रहो..""चिलाना बोल रहा था कि हिंदू-मुसलमान आतंकवादी कुछ नहीं होता है.. आतंकवाद...

Tuesday, November 11, 2008

मेरे हिस्से का चांद

कभी देखा है उस चांद को तुमने? ये वही चांद है, जिसे बांटा था तुमने कभी आधा-आधा.. कभी तेज भागती सड़कों पर, हाथों में हाथे डाले.. तो कभी उस पहाड़ी वाले शहर कि, लम्बी सुनसान सड़क पर.. तुमने तो रेल कि, खिड़की से झांकते चांद को भी.....

Sunday, November 09, 2008

मम्मी! प्रशान्त मामू बैड बॉय है ना?

शनिवार, रात 12.45 -मेरी भांजी अदिती ने मेरी दीदी से कहा, "मम्मी, मुझे प्रशान्त मामू से बात करनी है..""नहीं बाबू, मामू सो गये होंगे.." दीदी ने कहा.. "कल बात करते हैं.. ठीक है ना?""ठीक.."रविवार, सुबह 8.30 -"मम्मी, प्रशान्त...

त्रिवेणी फिर कभी, आज यह कविता सही

कविता से पहले मैं अनुराग जी को धन्यवाद देना चाहूंगा कि उन्होंने मुझे त्रिवेणी संबंधित कुछ बढिया बाते बताई.. वैसे मैंने एक लिखी भी है मगर वो किसी और में डालूंगा.. पता नहीं वो त्रिवेणी ही है या कुछ और.. :)परछाई किसी परछाई का हाथ थामा है आपने? मैंने थामा था एक बार.. कोरोमंगला कि तेज-भागती सड़कों पर.....

Saturday, November 08, 2008

"कैसी रही दीपावली?"

दीपावली बीत जाने के बाद इस यक्ष प्रश्न ने कई बार रास्ता घेरा तो कईयों से मैंने भी यही पूछा.. दीपावली बीते कई दिन हो गये और अब तो छठ भी बीत गया है, मुझे पता है कि कैसे अगले साल कि दीपावली आ जायेगी ये भी पता नहीं चलेगा.. जो याद रह जायेगा वो बस यह कि पिछली दीपावली कैसी थी.. फिर से मैं किसी से पूछूंगा कि...

Friday, November 07, 2008

आज मेरा चिट्ठा तर गया!! :)

मेरी एक बहुत अच्छी मित्र है, मगर उसे मेरे अपने चिट्ठे पर कुछ निजी बातों को लिखना अच्छा नहीं लगता है सो शायद ही मैं कभी अपने चिट्ठे पर उसकी चर्चा किया हूं.. उसकी बातों का जिक्र मेरे चिट्ठे पर कुछ-एक बार हुआ है, मगर वो मेरी...

चेन्नई समुद्र तट पर सूर्योदय

रात में घर जाते जाते प्रियंका याद दिलाना नहीं भुली कि सुबह 3.30 का अलार्म लगा कर मुझे जगा देना.. उसके जाने के बाद विकास सोच में डूबा हुआ था कि कल का दिन कितना हेक्टिक रहेगा.. सुबह सुबह जल्दी उठना फिर देर रात में फैशन सिनेमा...

Wednesday, November 05, 2008

हम भाग जायेंगे यहां से

"हम भाग जायेंगे यहां से.." खिजते हुये प्रियंका ने कहा.."हां! तुम तो बैंगलोर भाग ही रही हो..""नहीं! मन नहीं लग रहा है.. हम अभी भाग जायेंगे..""अच्छा रहेगा कि चलो कहीं घूम कर आते हैं.. क्या बोलती हो? समुद्र तट कैसा रहेगा?""हां.. चलो.."विकास से पुछा, मगर उसे काम था और उसकी एक मित्र भी आई हुई थी सो साथ नहीं...

Monday, November 03, 2008

The Devil Wears Prada और Fashion

अभी हाल-फिलहाल में मैंने फ़ैशन विषय के ऊपर दो सिनेमा देखी है.. पहला सिनेमा The Devil Wears Prada और दुसरा Fashion.. The Devil Wears Prada के साथ मैंने दीपावली कि रात गुजारी थी और Fashion मैं कल देर रात देख कर आया.. दोनों...