Thursday, February 14, 2008

वेलेंटाईन डे पर मेरी अनोखी मित्र तनुजा का परिचय

मेरी एक मित्र हैं तनुजा.. उनका और वेलेंटाईन डे का रिश्ता तो जन्म जन्म का है.. आज के दिन जो कोई भी उन्हें बधाईयां देता है उसे वो खुले दिल से स्वीकार करती हैं.. किसी को भी कोई इंकार नहीं.. पता है क्यों? क्योंकि आज उनका जन्मदिन भी है.. :)

इनसे मेरी जान पहचान मेरी जिस मित्र के कारण हुआ था आज उनसे मेरा कोई संपर्क नहीं है पर मैं इनसे पहचान होने के बाद भी लगभग 5-6 सालों तक मिला नहीं था.. हमारी फोन पर ही बातें होती रही थी.. मैंने इन्हें कभी देखा भी नहीं था और ना ही इन्होने मुझे.. मगर हम जब भी फोन पर बातें करते थे तो कभी भी ऐसा नहीं लगा की हम कभी नहीं मिले.. लगता था जैसे हम बहुत ही अच्छे मित्र हैं..

इनसे मुलाकात
पिछले साल दिवाली की छुट्टियों में जब मैं घर जा रहा था तब इनसे मेरी मुलाकात दिल्ली में हुई थी.. अब चूंकी हम दोनों ही एक दूसरे को कभी देखे भी नहीं थे सो एक दूसरे को पहचानना बहुत ही कठिन था.. तनुजा ने मुझे कनाट प्लेस में कैफ़े काफ़ी डे के पास बोला रहने के लिये.. मुझे जो भी पहला कैफ़े काफ़ी डे दिखा, मैं बस वहीं खड़ा हो गया.. बाद में पता चला की वहां 3-3 कैफ़े काफ़ी डे है.. खैर इसी ने मुझे ढूंढा.. ये जब वहां आयी तो इनके साथ इनके मंगेतर भी थे जिनसे मिलना बहुत ही अच्छा लगा.. ये दोनों मार्च में शादी के बंधन में बंधने जा रहे हैं.. ये दोनों ही पेशे से डाक्टर हैं और दिल्ली के मुख्य रेलवे अस्पताल में कार्यरत हैं..

कुछ मजेदार बातें
लगभग 2-3 साल पहले की बात है.. मैं घर गया हुआ था.. मैंने अपने पापाजी के मोबाईल से इसे बस यूं ही तंग करने के लिये एक फ़्लर्टिंग वाला मैसेज भेज दिया और वो भी रात के 10 बजे के लगभग.. उस समय ये कालेज में हुआ करती थी.. वो मैसेज पढ कर ये बिलकुल हैरान परेशान की कौन है जो मुझे यूं तंग कर रहा है?

खैर इसने मेरे पापा के नंबर पर फोन किया लगभग रात के 11 बजे और बहुत ही कड़े लहजे में पूछा की आप कौन हैं और क्यों ऐसा मैसेज भेजे हैं.. मेरे पापा भी हक्के-बक्के.. मगर तुरंत समझ गये की ऐसी बदमाशी बस प्रशान्त ही कर सकता है और कोई नहीं.. फिर उन्होंने अपना परिचय दिया और कहा की रात बहुत हो चुकी है सुबह प्रशान्त से बात कर लेना.. पापा का परिचय सुनने के बाद तनुजा बहुत शर्मिंदा हुई और मुझसे बहुत दिनों तक लड़ाई की.. आज भी कभी इस बात की चर्चा होती है तो फिर से इसका लड़ना चालू हो जाता है.. :)

यही है इनकी और मेरी दोस्ती का किस्सा.. आप फिलहाल इन्हें इनके जन्मदिन की शुभकामनाऐं दिजीये और इनके जीवन के नये सफर के लिये दुवाऐं मांगिये..

तनुजा और उनके मंगेतर धीरज गांधी

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7 comments:

  1. अरे भाई आप तो छुट्टी पर गये थे फ़िर आप यहाँ लगता है लिखने का मोह नहीं छूटा, चलो अच्छा है आप लिखते रहें हम पढते रहेंगें.

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  2. This comment has been removed by the author.

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  3. एक नया ब्लॉग बनाया है "क्या स्टाइल है"
    आप पढकर विचार व्यक्त करेंगें तो अच्छा लगेगा

    पता है-- http://kyastylehai.blogspot.com

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  4. आपकी दोस्त तनुजा को जन्मदिन मुबारक हो।

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  5. सही है भिड़ू, पापा के मोबाईल से ही शरारतें, सई है सई है!!

    आपकी सहेली को हमारी तरफ से भी शुभकामनाएं

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  6. तनुजा जी को जन्मदिन मुबारक। फोटो में तो बहुत जीवन्त व्यक्तित्व लगती हैं।

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  7. तनुजा जी को जन्मदिन की बहुत सारी शुभकामनाएँ !
    घुघूती बासूती

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