शराब
भाँग
अफीम
गांजा
अन्य कोई भी ड्रग
...
...
प्यार फिर
जिंदगी.
-- नशे को श्रेणीबद्ध करने पर निकला परिणाम
कुछ दिन पहले ऐसे ही आये ख्याल
कुछ दिन पहले ऐसे ही आये ख्याल
पापा जी को पैर दबवाने की आदत रही है. जब हम छोटे थे तब तीनों भाई-बहन उनके पैरों पर उछालते-कूदते रहते थे. थोड़े बड़े हुए तो पापा दफ्तर से आये, ख...
सबसे गहरा नशा तो जीवन का होता है, सदा ही बना रहे ।
ReplyDeleteआमीन!!!
Deleteप्यार फिर
ReplyDeleteजिंदगी.
:)
:)
Deleteएक दो तो अपने भी आजमाये हुये हैं:)
ReplyDeleteकौन-कौन से? यह राज भी खोल ही दिया जाए.
Deleteआद्यांत तो नहीं पर आदि भी और अंत भी.
Deleteसिगरेट
शराब
भाँग
अफीम
गांजा
अन्य कोई भी ड्रग
...
...
प्यार फिर
जिंदगी ...
बहुत खूब बंधुवर !
वाऽह ! क्या बात है !
बहुत पुराने ब्लॉगर हैं आप तो …
अच्छा लगा आपकी कुछ पुरानी पोस्ट्स खंगाल कर भी…
:)
शुभकामनाओं सहित…
जी शुक्रिया.
Deleteकहाँ गुम हैँ आजकल?लगता है बात ठीक हो गयी :)
ReplyDeleteठीक हो गया, क्या? :P
Deleteआज यहाँ पहुंचे तो पता लगा कि हम फोलो भी करते हैं इस ब्लॉग को....अब कुछ लिखेंगे नहीं तो dashbord में दिखेंगे कैसे :-)
ReplyDeleteकविता का नशा भूल गए क्या आप ...???
अनु
लिखेंगे. जब मन करेगा. बिना मन किये नहीं लिखा जाएगा हमसे. :-(
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