कुछ साल पहले आपको एक खत लिखा था, आपको याद है पापा? ई-मेल किया था आपको? आपने कहा था की इसका जवाब आप मुझे डाक से भेजेंगे.. लगभग तीन साल होने आ रहे हैं, अभी भी इन्तजार कर रहा हूँ उस खत का.. शायद आपको याद भी नहीं हो!!
दसवीं में खराब अंक लाने के बाद भी जब नहीं पढता था तब आपने कहा था, "जितना इस मकान का किराया देता हूँ, उतना भी अगर तुम महीने में कमा लोगे, इसकी उम्मीद नहीं है मुझे.." आपकी उस बात ने मुझे हौसले और आत्म-सम्मान की शिक्षा दी.. मैं जानता हूँ की आपको वह भी याद नहीं!!
छोटे में आप जान बूझ कर मुझसे हर खेल में हार जाते थे और मैं बहुत खुश.. बहुत बाद में ये समझ में आया की आप जान कर हारते थे.. मैं ये भी जानता हूँ कि आपके लिए शायद यह सब उतने महत्व का विषय नहीं होगा जिसे क्रमवार याद रखा जाए, मगर मुझे याद है पापाजी.. कह सकता हूँ की वे सब घटनाएं लगभग क्रमवार याद हैं मुझे.. याद है पापाजी, आप क्रिकेट में बौलिंग करते समय थ्रो फेकते थे? ठीक विकेट को निशाना बना कर?
मैं जानता हूँ कि आप समझते हैं और भरोसा भी करते हैं की मैं झूठ नहीं बोलता हूँ, भले ही कितना भी गलत काम किया रहूँ या फिर उसकी सजा कुछ भी हो.. भले ही सच भी ना कहूँ, मगर झूठ नहीं बोलता हूँ.. बहुत अपराधबोध के साथ कह रहा हूँ, आप गलत थे.. लगभग बीस-बाईस साल पहले, डुमरा वाले घर में, सोफे के गद्दे पर कलम से मैंने ही लिखा था पापा और नकार दिया था की मैंने वह नहीं लिखा है.. बाद में भैया को मेरे बदले डांट मिली थी.. देखिये, आप ये भी भूल गए हैं ना? शायद भैया को भी याद नहीं होगा.. सौरी भैया!!
उन्नीस सौ सतासी-अठासी की बात होगी शायद, आपसे झूठ बोल कर कुछ कॉपी(नोटबुक) खरीदवाया था कि मुझे जरूरत है, और उसे अपने मित्र जितेन्द्र को दे दिया था, जिसके पास कॉपी खरीदने के पैसे नहीं थे.. पहली या दूसरी कक्षा में था तब.. मैं हर उस रात को झूठ बोलता रहा हूँ जिस रात पैसे की कमी के कारण या साधनों की कमी के कारण खाना नहीं खाया.. जानता था कि आपको तकलीफ होगी.. अब आगे से मेरी कही हर बात पर भरोसा मत कीजियेगा पापा!! मैं भी झूठ बोल सकता हूँ..
मेरी सबसे बड़ी कमजोरी यही रही है कि मैं कुछ भूलता नहीं हूँ..
मैं जानता हूँ, आपके तीनों बच्चों में सबसे नालायक और नकारा संतान हूँ मैं.. रेशम की चादर में टाट का पैबंद सा.. मैं भी अपनी जिंदगी की एक तिहाई से अधिक उम्र गुजार चुका हूँ, फिर भी एक भी क्षण ऐसा याद नहीं आता है जिस पर आप अपने उन दोनों बच्चों से भी अधिक गर्व का अनुभव किये होंगे. इन सब के बावजूद मैं जानता हूँ, आप कहें ना कहें, आपने सबसे अधिक प्यार मुझ पर ही लुटाया है.. कई लोगों से सुना है कि बच्चों में जो सबसे मजबूत होता है उसे बाप का प्यार अधिक मिलता है और जो कमजोर उसे माँ का, उनसे कुछ कहता नहीं हूँ, जमाने से बेमतलब की बातों पर बहस क्या करना? मगर अपने अनुभव से मैं कह सकता हूँ की वे झूठ कहते हैं..
कुछ साल पहले किसी बात पर मैंने कहा था कि आज अगर मेरी आखिरी इच्छा पूछी जाए तो वह यही होगी की मेरे पापा मुझे एक बार गले लगा लें.. साल-दर-साल बीतने के बाद आज भी इसमें कोई बदलाव नहीं आया है पापा!!
समय बीतने के साथ कुछ अधिक ही विद्रोही स्वभाव का होता जा रहा हूँ.. बाहरी संसार के लिए शायद थोड़ा कठोर भी हूँ.. मगर मैं जानता हूँ की आपकी मुझे पहले भी जरूरत थी और आज भी है और हमेशा रहेगी.. आठ साल से अधिक हो चुके हैं घर से निकले हुए मुझे, ऐसा लगता है जैसे बड़ा हो कर कोई पाप कर दिया हूँ, आपलोगों ने ऐसे ही छोड़ रखा है, कभी देखने भी नहीं आते हैं की वो बेटा जिसे पलकों पर बिठाए रखते थे, वो कैसे रह रहा है. अपनी जिंदगी कैसे जी रहा है? आई मिस यू टू मच पापा.. प्लीज आ जाईये ना.. प्लीज!!! ऐसा कौन सा जरूरी काम है आपके लिए जो मुझसे अधिक महत्वपूर्ण है!! बस एक बार आ जाईये ना..... प्लीज!!!!!!!
दसवीं में खराब अंक लाने के बाद भी जब नहीं पढता था तब आपने कहा था, "जितना इस मकान का किराया देता हूँ, उतना भी अगर तुम महीने में कमा लोगे, इसकी उम्मीद नहीं है मुझे.." आपकी उस बात ने मुझे हौसले और आत्म-सम्मान की शिक्षा दी.. मैं जानता हूँ की आपको वह भी याद नहीं!!
छोटे में आप जान बूझ कर मुझसे हर खेल में हार जाते थे और मैं बहुत खुश.. बहुत बाद में ये समझ में आया की आप जान कर हारते थे.. मैं ये भी जानता हूँ कि आपके लिए शायद यह सब उतने महत्व का विषय नहीं होगा जिसे क्रमवार याद रखा जाए, मगर मुझे याद है पापाजी.. कह सकता हूँ की वे सब घटनाएं लगभग क्रमवार याद हैं मुझे.. याद है पापाजी, आप क्रिकेट में बौलिंग करते समय थ्रो फेकते थे? ठीक विकेट को निशाना बना कर?
मैं जानता हूँ कि आप समझते हैं और भरोसा भी करते हैं की मैं झूठ नहीं बोलता हूँ, भले ही कितना भी गलत काम किया रहूँ या फिर उसकी सजा कुछ भी हो.. भले ही सच भी ना कहूँ, मगर झूठ नहीं बोलता हूँ.. बहुत अपराधबोध के साथ कह रहा हूँ, आप गलत थे.. लगभग बीस-बाईस साल पहले, डुमरा वाले घर में, सोफे के गद्दे पर कलम से मैंने ही लिखा था पापा और नकार दिया था की मैंने वह नहीं लिखा है.. बाद में भैया को मेरे बदले डांट मिली थी.. देखिये, आप ये भी भूल गए हैं ना? शायद भैया को भी याद नहीं होगा.. सौरी भैया!!
उन्नीस सौ सतासी-अठासी की बात होगी शायद, आपसे झूठ बोल कर कुछ कॉपी(नोटबुक) खरीदवाया था कि मुझे जरूरत है, और उसे अपने मित्र जितेन्द्र को दे दिया था, जिसके पास कॉपी खरीदने के पैसे नहीं थे.. पहली या दूसरी कक्षा में था तब.. मैं हर उस रात को झूठ बोलता रहा हूँ जिस रात पैसे की कमी के कारण या साधनों की कमी के कारण खाना नहीं खाया.. जानता था कि आपको तकलीफ होगी.. अब आगे से मेरी कही हर बात पर भरोसा मत कीजियेगा पापा!! मैं भी झूठ बोल सकता हूँ..
मेरी सबसे बड़ी कमजोरी यही रही है कि मैं कुछ भूलता नहीं हूँ..
मैं जानता हूँ, आपके तीनों बच्चों में सबसे नालायक और नकारा संतान हूँ मैं.. रेशम की चादर में टाट का पैबंद सा.. मैं भी अपनी जिंदगी की एक तिहाई से अधिक उम्र गुजार चुका हूँ, फिर भी एक भी क्षण ऐसा याद नहीं आता है जिस पर आप अपने उन दोनों बच्चों से भी अधिक गर्व का अनुभव किये होंगे. इन सब के बावजूद मैं जानता हूँ, आप कहें ना कहें, आपने सबसे अधिक प्यार मुझ पर ही लुटाया है.. कई लोगों से सुना है कि बच्चों में जो सबसे मजबूत होता है उसे बाप का प्यार अधिक मिलता है और जो कमजोर उसे माँ का, उनसे कुछ कहता नहीं हूँ, जमाने से बेमतलब की बातों पर बहस क्या करना? मगर अपने अनुभव से मैं कह सकता हूँ की वे झूठ कहते हैं..
कुछ साल पहले किसी बात पर मैंने कहा था कि आज अगर मेरी आखिरी इच्छा पूछी जाए तो वह यही होगी की मेरे पापा मुझे एक बार गले लगा लें.. साल-दर-साल बीतने के बाद आज भी इसमें कोई बदलाव नहीं आया है पापा!!
समय बीतने के साथ कुछ अधिक ही विद्रोही स्वभाव का होता जा रहा हूँ.. बाहरी संसार के लिए शायद थोड़ा कठोर भी हूँ.. मगर मैं जानता हूँ की आपकी मुझे पहले भी जरूरत थी और आज भी है और हमेशा रहेगी.. आठ साल से अधिक हो चुके हैं घर से निकले हुए मुझे, ऐसा लगता है जैसे बड़ा हो कर कोई पाप कर दिया हूँ, आपलोगों ने ऐसे ही छोड़ रखा है, कभी देखने भी नहीं आते हैं की वो बेटा जिसे पलकों पर बिठाए रखते थे, वो कैसे रह रहा है. अपनी जिंदगी कैसे जी रहा है? आई मिस यू टू मच पापा.. प्लीज आ जाईये ना.. प्लीज!!! ऐसा कौन सा जरूरी काम है आपके लिए जो मुझसे अधिक महत्वपूर्ण है!! बस एक बार आ जाईये ना..... प्लीज!!!!!!!