Monday, August 03, 2009

पापाजी से संबंधित कुछ और बातें

उस दिन जब पापाजी घर वापस आये तब मैं, भैया और पाहूनजी (जीजाजी) तीनों तुरत नीचे पहूंच गये उनका स्वागत करने के लिये.. कुछ-कुछ सुबह का माहौल भी ऐसा ही कुछ था.. पापाजी के रिटायरमेंट के मौके पर हम सभी का घर पर इकट्ठे होने का इरादा हम लोगों का 1 साल पहले से ही बन रहा था.. इस छुट्टी से मेरी भी एक स्वार्थपूर्ती हो रही था, वह यह कि मैं ना जाने कितने सालों के बाद अपने जन्मदिन पर पटना में अपने घर पर रहूंगा.. मेरे पिछले पोस्ट के कमेंट में लवली ने जो पूछा था शायद अब उसका उत्तर उसे मिल गया होगा.. हां मैं अभी अपने घर पटना में हूं..



पापाजी अंतिम दिन ऑफिस जाते हुये

उस दिन पापाजी जब घर लौटे तब वह बहुत खुश दिख रहे थे.. हमने जो भी उनके स्वागत में तैयारी की थी, उसे पूरा करने के बाद हम सभी को पटना का सुप्रसिद्ध हनुमान मंदिर जाना था फिर वहां से कहीं खाना खाने के लिये.. पापाजी, मैं और दीदी कि बिटिया एक गाड़ी में बैठे और बाकी लोग दूसरी गाड़ी में.. अब चूंकि मैं ही था वहां जिसे पापाजी कुछ बातें कर सकते थे, सो बातों ही बातों में उन्होंने मुझे बताया कि आज(31-जुलाई) जब वह अपने जगह पर बैठ कर कुछ काम निपटा रहे थे तब अचानक से बिहार के मुख्य सचिव, अनूप मुखर्जी जी वहां किसी आम व्यक्ति कि तरह बिना किसी को बताये आ गये और उनके सामने आकर बैठ गये.. काम करने में पापाजी को इस बात का ख्याल नहीं था कि कौन आ रहा है और कौन जा रहा है, सो अनूप मुखर्जी जी के आने का पता भी पापाजी को थोड़ी देर बाद ही चल पाया.. वहां इस तरह पहूंच कर उन्होंने जो इज्जत बख्शी उससे वह बिलकुल आत्मविभोर हो उठे थे..

जब पापाजी यह किस्सा मुझे सुना रहे थे तब मैं कुछ और ही सोच रहा था.. मैं सोच रहा था कि पापाजी का अंतिम दिन था वह और पापाजी फिर भी इतनी तन्मयता से अपना काम कर रहे थे.. और मेरे साथ हालात यह है कि अगर आज मैं किसी और कंपनी में ज्वाईन करने के लिये अपनी इस कंपनी में रिजाईन कर दूं तो बस अभी से ही काम करने में जी ना लगे.. चलिये इसी बहाने एक और पाठ मैंने पापाजी से सीख लिया..


घर आते समय

जैसा कि मेरे भैया ने पिछले पोस्ट पर कमेंट करते हुये पापा जी के अन्य कार्य अनुभवों के बारे में बताये हैं कि वह प्रशासनिक सेवा में आने से पहले 4 साल P&T ऑडिट में थे और उससे पहले 1 साल सेन्सस में भी काम कर चुके हैं.. यानी कुल मिलाकर पूरे 38 साल का कार्य अनुभव उनके साथ है, और मेरे ख्याल से यह भी उनकी बहुत बड़ी उपलब्धि है कि 38 साल बिहार प्रदेश में काम करने के बाद भी कभी उनके खिलाफ कहीं कोई शिकायत दर्ज नहीं की गई.. और वह भी उस समय में जब बिहार घोटालों का राज्य बना हुआ था..

फिलहाल पापाजी एक अन्य नौकरी की राह देख रहे हैं.. जिस दिन वह उसे पकड़ लेंगे, उस दिन मैं उसके बारे में विस्तार से बताऊंगा.. फिलहाल इतना तो जरूर कहूंगा कि जिसके पास 33 सालों का प्रशासनिक अधिकारी का अनुभव हो और कुल जमा 38 सालों का अनुभव हो वह असाधारण नौकरी कि तलाश में ही रहेंगे..

16 comments:

  1. हमने भी सीखा इस संस्मरण से, बहुत कुछ।

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  2. अच्छे पापा जी के अच्छे बेटे बहुत अच्छा लगा पढ़कर ..... ।

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  3. पिता जी से मिल कर अच्चा लगा।

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  4. सुन्दर! पापाजी से हमारी तरफ़ से अनुरोध करो कि वे अपने प्रशासनिक जीवन के अनुभव लिखें ब्लाग पर !

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  5. अब एक और बात पर गौर से सोचिये कि हमारे पापाजी लोग एक ही जगह नौकरी करते हुए रिटायर हो गये और हम लोग हर दो-तीन साल में नौकरी बदलने को तत्पर रहते हैं, कारण उसके अधिकतर होते हैं - ज्यादा पैसा मिलना, एक ही काम करके ऊब जाना परंतु शायद पापाजी लोगों ने जैसा काम किया है आज से १०-१२ साल बाद शायद वह भी विश्व रिकार्ड होगा। जब हमारे बाद की पीढ़ी होगी और हम उन्हें बतायेंगे कि बेटा दादाजी ने एक ही जगह ४० साल से ज्यादा नौकरी करी है तो वो भी दांतो तले ऊँगलियां चबायेंगे।

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  6. पापा जी को नव जीवन शैली की शुभकामनाऐं एवं बधाई.

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  7. बहुत आत्मिय पोस्ट. पापाजी को बहुत शुभकामनाएं.

    रामराम.

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  8. प्रशांत अच्‍छा लिखा है ।
    मुझे अपने पिता के रिटायर होने वाले दिन याद आ गये ।

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  9. प्रशांत भाई..
    पिताजी के अवकाश प्राप्ति से जुडी यादों बड़ी ही खूबसूरती से सहेजा आपने..सबको कुछ न कुछ मिल गया सीखने को ..आभार

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  10. पापा के बारे में जानकर बहुत अच्छा लगा... बहुत प्यारी है छोटी सी दुनिया..

    और दुआ है तुम पापा के नक्शे कदमों पर चलो... सफल हो..

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  11. फुट स्टेप देखते जाओ..

    समझ गये ना.. :)

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  12. Achhaa laja aapki pita ji se mil kar........hamaari shubhkaamnaayen hai unhe..

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  13. I can understand your felling brother.I am sure that you are a good son of your good father.
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    ASTON MARTIN
    sapience

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  14. Very Emotional & Nice narrative -- All the Best to a wonderful Papa ji & a wonderful son :)

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  15. saari baatein to pasand aayi par yeh aapka kehna ki jab bihar ghotalon ka rajya bana hua tha, isme facts ki kami nazar aayi, ghotale kis state mein ya kis country mein nahi hua yeh aap mujhe bataye, jab tak logon ke mann mein lalach hai tab tak yeh ghotale jari hi rahenge, aur is kalyug mein yeh hona asambhav hai ki sabhi logon ke mann se lalach nikal jaye........

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