Sunday, June 14, 2009

एक सस्ती शायरी

एक इन्कलाब आयी, पूरी दुनिया सुधर गई..
हजार और आये, हम न सुधरे हैं औ ना सुधरेंगे..


मेरे पिछले पोस्ट पर कुछ लोगों ने कमेन्ट में मुझे सुधारने कि सलाह दे डाली थी.. उसी पर यह माइक्रो पोस्ट है.. ;)
वैसे मैं यह बता देना चाहता हूँ कि मैं इस शायरी को लिखने का दावा नहीं कर रहा हूँ.. किसने लिखा है यह मुझे पता नहीं है.. :)

Related Posts:

  • एकएक चुपसदियों कीएक शोरक्षण भर काएक बिलबिलाहटइन्तजार कीएक दंभआखिरी मात्रएक खुशीतेरे आने सेएक अवसादतेरे जाने का… Read More
  • रामायण मेरी नजर सेअभी कुछ दिन पहले एक कामिक्स पढ़ रहा था "वेताल/फैंटम" का.. उसमे उसने एक ट्रक के पहिये को जैक लगा कर उठा दिया, वहाँ खड़े बहुत सारे जंगली लोगों ने एक नयी… Read More
  • एक अधूरी कविताउस दिन जब तूने छुवा थाअधरों से और किये थेकुछ गुमनाम से वादे..अनकहे से वादे..चुपचाप से वादे..कुछ वादियाँ सी घिर आयी थी तब,जिसकी धुंध में हम गुम हुए से … Read More
  • परिभाषाहर किसी कि उम्र में उसके हिस्से का संघर्ष छिपा होता है.. वह दिन याद आता है, जब दुनिया के साथ संघर्ष के सिलसिले की शुरुवात नहीं हुई थी तब सोचता था.. चौ… Read More
  • श्रवण कुमार और मैं भला !!!!कल अहले सुबह बात बेबात कैसे शुरू हुई कुछ याद नहीं है.. मगर बात विकास के साथ हो रही थी और विषय श्रवण कुमार से सम्बंधित.. श्रवण कुमार कैसे थे अथवा उसके … Read More

14 comments:

  1. न सुधरो अभी.. शादी हो जाने दो फिर बतायेगें..:)

    ReplyDelete
  2. इस शायरी से मुझे टॉम सायर याद आए।

    ReplyDelete
  3. अरे प्रशांत भाई..ये हो क्या रहा है..किसने दी आपको इतनी गंदी सलाह...अजी कोई कैसे कह सकता है किसी ब्लॉगर को सुधरने के लिए...वाह क्या सायरी कही है...कमाल है ..

    ReplyDelete
  4. बहुत खूब पी,डी, भाई " जमाना सुधर जाए पर हम नहीं सुधरेंगे" हम अंग्रेजो के जमाने के जेलर है . हा हा

    ReplyDelete
  5. yuhi haste aur hasaate rahe sab ko,yahi dua.

    ReplyDelete
  6. आप दूसरो की नही अपनी मन की सुनें:)

    ReplyDelete
  7. बहुत सुन्दर सायरी ? की? बहुत सुन्दर शायर हो ,

    कैसी ? इन्क्लाब आयी ???, और कौन सी दुनिया सुधरी ?
    जिसने भी लिखा? यह सायरी ??, बडा खुश नशीं शायर होगा।
    समझे भी या नहीं ?क्या समझे।

    ReplyDelete
  8. tumne to achchhon ko pachhad diya mere bhai

    शादी हो जाने दो फिर बतायेगें :)
    sudhroge ki rah rah bachoge :)

    ReplyDelete
  9. भाई अकेले आदमी को सुधरने की कोई आवश्यकता ही नही है क्योंकि उसके पास लायसेंस रहता है और शादी होते ही यह लायसेंस छिन जाता है.:)

    रामराम.

    ReplyDelete
  10. क्या करना है उधर कर भी..जब यूँ भी दुकान चल रही है. :)

    ReplyDelete
  11. आपने जो भी लिखा.......... जिसका भी शेर लिखा ......... achaa है............ सच लिखा

    ReplyDelete
  12. yaar ........... mazedar baat toh ye hai ki jitna maza aap karaate hain usse bhi zyada tippanikaron ne diya...ha ha ha ha ha ha ha

    ReplyDelete