Thursday, September 11, 2008

आज सात साल हो गये

आज सात साल हो गये..

Related Posts:

  • लंद-फंद देवानंद बतिया रहे हैं, पढ़ने का मन हो तभिये पढ़ियेगागूरू लोग अपन गूरूपनी झाड़ले चलते हैं कि बेटा खूब मेहनत करो.. बड़का औफिसर बनोगे.. पढ़ोगे-लिखोगे बनोगे नवाब, खेलोगे-कूदोगे त होगे खराब.. एक्को गो नसिहत काम… Read More
  • शीर्षकहीन कविता दिवाली कीजहां हर खुशी से तुम्हारी याद जुड़ी होअच्छा है कि हमने मिलकर कभी नहीं मनाया,होली या दिवाली..अब कम से कमइन दो त्योहारों परतुम्हारी याद तो नहीं आती है..जै… Read More
  • ईश्वर बाबूआज यूं ही अपने ई-मेल के इनबाक्स के पुराने मेल पढ़ते हुये कुछ कवितायें हाथ लगी, जिसे मैं यहां पोस्ट कर रहा हूं.. मुझे नहीं पता यह किसकी लिखी हुई है, मगर… Read More
  • ब्लौगर हलकान सिंह 'विद्रोही' का चेन्नई आगमनअब क्या कहें, ये हलकान सिंह विद्रोही आजकल जहां देखो वहीं दिख जाते हैं.. पहले कलकत्ता में शिव जी के साथ मटरगस्ती कर रहे थे.. फिर कानपूर में अनूप जी को … Read More
  • एक बीमार की बक-बकमेरे ख्याल से बीमार आदमी या तो बेबात का बकबकिया हो जाया करता है या फिर चुपचाप अपने में सिमटा रहता है और यह समय भी बीत जायेगा जैसे ख्यालों में रहता है.… Read More

11 comments:

  1. जिन्दगी चल पड़ती है हर बार रास्ते पर
    वक्त कैसे गुज़रता है, पता नहीं लगता

    ReplyDelete
  2. जिंदगी इसी का नाम है।

    ReplyDelete
  3. तो पंचम सुर में आलाप कीजिये ...समझा समझा के थक गई मैं पर नही ..

    ReplyDelete
  4. किस बात के सात साल हुए??

    हमारे भी ९ साल हो गये-पहले आप बताओ फिर हम बतायेंगे. :)

    ReplyDelete
  5. अजी अमेरिका पर आतंकवादी हमले के 7 साल पूरे हुये..
    यहां तो आये कमेंट पढकर सभी ना जाने क्या क्या सोचेंगे.. :)

    ReplyDelete
  6. हां हां ये भी खूब रही, ये तो अच्छा रहा की मैं लेट से आया !

    ReplyDelete