Tuesday, August 05, 2008

बाकी जो बचा सो महंगाई मार गई

अभी मैं जिस फ्लैट में रह रहा हूं उसमें पिछले साल मैं और मेरे दो मित्र शिफ्ट हुये थे.. उस समय हमारे कालेज का एक मित्र विशाल अपनी एक मित्र के साथ पहले से ही रह रहा था.. कुछ दिनों बाद विशाल की मित्र की शादी हो गई और वो अपने पति के साथ उसके शहर में शिफ्ट हो गई..

उस समय की बात है, हम बस 6500 किराया देते थे.. विशाल मार्च में इस घर में शिफ्ट हुआ था.. बाद में विशाल की नौकड़ी पुणे में लग गई और वो बेहतर कैरीयर के लिये पुणे चला गया और फिर उसी समय मेरे कालेज के समय का रूममेट अमित की नौकड़ी चेन्नई में ही लग गई और विशाल की जगह उसने ले ली..

फिर पिछले साल के अंत में हमारे मकान मालिक ने घर खाली करने का हिंट दे दिया.. असल में हमारे अपार्टमेंट में बैचलरों के लिये कोई जगह नहीं है इसी बात का बहाना वो दे रहे थे जबकी यहां तो सबसे बरी बात ये थी की हम चारों समय से किराया दे देते हैं और आज तक कभी कोई हल्ला-हंगामा या शोर-शराबा नहीं नहीं करते हैं.. बस अपने काम से काम.. फिर हमने 8000+350 मेंटेनेंस पर बात तय कर ली..

अभी 4-5 दिन पहले की बात है, फिर से हमारे मकान मालिक ने किराया बढाने की बात की और इस बार उसका कहना था की कुछ ब्रोकर 12000 तक दिलवाने को तैयार हैं, सो कम से कम 10000+350 मेंटेनेंस तो चाहिये ही.. कल मेरे मित्र विकास ने जाकर बात की और बात तय हुई 10000 पर, मेंटेनेंस के साथ..

मतलब कुल 1 साल के भीतर 6500 से किराया बढकर 10000.. पूरे 3500 रूपये का इजाफा.. हमारे ठीक सामने वाले घर(जो बिलकुल हमारे घर जैसा ही है) का किराया 12000 के करीब है.. ये सुन कर अच्छा लगता है की अभी भी उतना ज्यादा किराया नहीं दे रहे हैं.. मगर साथ ही ये भी लगता है कि उसका घर अच्छी तरह से फर्निस्ड है इसलिये उसका किराया थोड़ा ज्यादा है.. इस घर का 8500 तक ही ठीक है..

जब चेन्नई आया था तब सभी कहते थे की चेन्नई, बैंगलूरू, दिल्ली और मुम्बई के अपेक्षाकृत सस्ता शहर है.. मगर अभी देखते हैं तो पाते हैं की बैंगलूरू वाले मित्र यहां से ज्यादा सस्ते में रह रहें हैं.. चेन्नई में महंगाई दर आसमान छूता जा रहा है..

इस चित्र में लाल बिंदू वाला जगह हमारे रहने वाले स्थान को दिखाता है

10 comments:

  1. कोलकाता में अभी थोडी राहत है इस मामले में,पर उस हिसाब से लोगों की तनख्वाह भी कम है

    ReplyDelete
  2. मँहगाई का क्या करे! हम सब (ग़रीब से लेकर अमीर तक) सभी परेशान हैं!

    ReplyDelete
  3. सबको मार रही है.....

    ReplyDelete
  4. अरे; प्रसन्न रहो - शहर के केन्द्र में लगता है घर!

    ReplyDelete
  5. यह महगाई हाये राम ! इसे मोत क्यो नही आ जाती, सभी आराम से रहेगे फ़िर

    ReplyDelete
  6. बड़ा मंहगा है जी!!

    ReplyDelete
  7. बैचलर तक तो ठीक है यार, पर अगर खुद दो प्राणी रहने लगो और कमाई एक ही हो तो सोचने वाली बात हो जायेगी.

    ReplyDelete
  8. सब कहीं ऐसा ही हो रहा है। मुम्बई में यही कुछ मेरी बेटी के साथ हुआ है।

    ReplyDelete
  9. तुलना करना ठीक नहीं रहता. वैसे मंहगाई तो बढ़ी है.

    ReplyDelete
  10. Bahut dino baad prashant bhai ne hamara zikra kiya hain... toh mera comment hona toh anivaarya hain.

    Waise makan maalik ne kiraya kaise bhadaya!!!!!! woh bhi 6500/- se 10,000/-

    wiase baat toh sahi hain ki waha ke rate toh bahut jyada baad gaye hain..

    ReplyDelete